प्रेस विज्ञप्ति

विदेश मंत्री ने यूक्रेन पर व्यापक राजनयिक प्रयास के हिस्से के रूप में भारत की यात्रा की

लिज़ ट्रस की दिल्ली यात्रा यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से निपटने के लिए अगले सप्ताह नाटो और जी7 बैठकों से पहले हो रही है।

Foreign Secretary Liz Truss

विदेश मंत्री लिज़ ट्रस पिछले महीने यूक्रेन पर रूस के अवैध आक्रमण के बाद एक व्यापक राजनयिककोशिश के हिस्से के रूप में आज (गुरुवार 31 मार्च) भारत में हैं।

भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के साथ एक बैठक में, विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण आक्रमणकारियों को रोकने, बाध्यकारी दबाव के लिए भेद्यता को कम करने और वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लोकतंत्रों के एक साथ मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित करता है।

वह रूस की आक्रामकता का मुकाबला करना चाहती है और अगले सप्ताह प्रमुख नाटो और जी 7 बैठकों से पहले रूस पर वैश्विक रणनीतिक निर्भरता को कम करना चाहती है।

अपनी यात्रा के दौरान, ट्रस रक्षा से संबंधित व्यापार को विकसित करने के लिए वार्ता में प्रगति का अवलोकन करेंगी, जिसमें अभिनव सुरक्षा प्रौद्योगिकी, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करना शामिल है।

विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा:

ब्रिटेन और भारत के बीच गहरे संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा को बढ़ावा देंगे और दोनों देशों में रोजगार और अवसर सृजित करेंगे।

यह यूक्रेन पर रूस के अकारण आक्रमण के संदर्भ में और भी अधिक मायने रखता है और रक्षा, व्यापार और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में एक साथ मिलकर काम करने के लिए स्वतंत्र लोकतंत्रों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

भारत एक आर्थिक और तकनीकी का सशक्त स्तंभ है, विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और ब्रिटेन का एक महान मित्र है, और मैं अपने दोनों देशों के बीच और ज्यादा घनिष्ठ संबंध बनाना चाहती हूं।

वह दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा और रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए भी काम करेंगी और एक नए संयुक्त साइबर सुरक्षा कार्यक्रम की घोषणा करेंगी।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों में ऑनलाइन बुनियादी ढांचे को हमलों से बचाना होगा। भारत और यूके साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक साथ काम करेंगे और साइबर अपराधियों और रैनसमवेयर से खतरों का मुकाबला करने के लिए संयुक्त अभ्यास करेंगे।

यूके और भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग को करीब लाने पर भी सहमत होंगे। यूके भारत के हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होगा और नौवहन सुरक्षा मुद्दों पर एक प्रमुख भागीदार बन जाएगा, दक्षिण पूर्व एशिया में प्रमुख भागीदारों के साथ काम का समन्वय करेगा।

समुद्री सुरक्षा पर यह मजबूत साझेदारी पिछले साल एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ और कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) द्वारा भारत की यात्रा पर बनाई गई थी - जो यूके की विश्व अग्रणी रक्षा क्षमता का प्रतीक है। सीएसजी ने यूके और भारत के बीच किए गए सबसे अधिक मांग वाले अभ्यास में भाग लिया, जिसमें सभी तीन सैन्य सेवाएं शामिल थीं।

भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना विदेश मंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद से प्राथमिकता रही है। पिछले साल अक्टूबर में विदेश मंत्री के रूप में उनकी यह दूसरा दौरा है और 13 महीनों में विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी तीसरा दौरा है।

चूंकि पिछले वर्ष 2030 रोडमैप पर सहमति बनी थी, इसलिए यूके और भारत ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता शुरू की है।

अपने दौरा पर विदेश मंत्री भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग का समर्थन करने के लिए ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट (बीआईआई) के 70 मिलियन पाउंड के वित्त पोषण की भी पुष्टि करेंगी। इससे नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के निर्माण और क्षेत्र में सौर ऊर्जा विकसित करने में मदद मिलेगी। वह ब्रिटिश निवेशकों को भारत में हरित बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी और व्यापार के अवसरों के लिए अग्रणी रूप से अनुमति देने के लिए एक नए मंच की योजना की भी पुष्टि करेंगी।

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के परिणामस्वरूप तेल और गैस की कीमतों और ऊर्जा सुरक्षा चिंताओं में वर्तमान अस्थिरता, भारत के हरित संक्रमण के महत्व को रेखांकित करती है और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती है।

अधिक जानकारी

  • मई 2021 में, प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले दशक में यूके और भारत के बीच काम को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक प्रतिबद्धता व्यक्त की। नई व्यापक रणनीतिक साझेदारी और ‘2030 रोडमैप’ हमारे देशों, अर्थव्यवस्थाओं और लोगों को एक साथ करीब लाएगा और उन क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • नया साइबर कार्यक्रम हमारी बढ़ी हुई साइबर साझेदारी का हिस्सा है, जैसा कि यह ‘यूके-इंडिया 2030 रोडमैप‘ में पीएम जॉनसन और पीएम मोदी द्वारा समर्थित है।

  • विदेश मंत्री और विदेश मंत्री जयशंकर आज (गुरुवार, 31 मार्च) भारत- यूके रणनीतिक भविष्य की ओर अग्रसर फोरम को संबोधित करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों के लिए अपना दृष्टिकोण निर्धारित किया जा सके।

  • विदेश मंत्री उभरती प्रौद्योगिकी पर पहली रणनीतिक तकनीकी वार्ता, एक मंत्री स्तरीय शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना की भी पुष्टि करेंगी।

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प्रकाशित 31 March 2022