ब्रिटिश प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरन ने भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ चेकर्स में सुरक्षा वार्ता की
यह वार्ता सुरक्षा तथा रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करने तथा आतंकवाद निरोध तथा सायबर सुरक्षा पर साथ काम करने से जुड़ी थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अपने पहले आधिकारिक ब्रिटिश दौरे के दौरान, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने चेकर्स में सुरक्षा के मामलों को लेकर उनसे गहन वार्ता की, जिसमें सायबर तथा आतंकवाद निरोध जैसे विषय शामिल रहे।
यह वार्ता यूके तथा भारत के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर केंद्रित थी, जिसमें आतंकवाद निरोध की सर्वोत्तम पद्धतियों तथा तकनीकियों तथा सायबर सुरक्षा विशेषज्ञताओं का आदान-प्रदान शामिल किया गया।
आतंकवाद निरोध के विषय पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने लश्करे तय्यबा तथा भारत को निशाना बनाने वाले अन्य आतंकवादी संगठनों के खतरों से निपटने के महत्व पर चर्चा की गई। उन्होंने आइएसआइएस से निपटने की जरूरत पर भी सहमति जताई, जिसमें उन विचारधाराओं को भी शामिल किया गया है, जो व्यक्तियों को एक हिंसक इस्लामिक उग्रवादी विचारधारा तक ले जाती है।
सायबर मामले पर दोनों प्रधानमंत्रियों ने चर्चा की कि कैसे यूके तथा भारत साथ मिलकर लोगों तथा संगठनों को सायबर हमलों से बेहतर तरीके से सुरक्षित काम कर सकते हैं और कैसे यूके सायबर सुरक्षा की अगली पीढ़ी के पेशेवरों को प्रशिक्षित कर सकते हैं और कैसे एक नया भारतीय सायबर अपराध इकाई का गठन किया जा सकता है।
दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के भविष्य की स्थिरता के आयामों को सुदृढ़ बनाने के महत्व पर अपनी सहमति जताई। उन्होंने रक्षा सहयोगों पर भी चर्चा की तथा यूके-भारत रक्षा तथा अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहयोग का स्वागत किया और माना कि यह क्षमताओं, विशेषज्ञताओं के विकास तथा तकनीकी, विश्लेषण तथा सूचना के आदान-प्रदान पर एक चरणशः सहयोग होगा।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक गहन तथा टिकाऊ स्तर पर ले जाने तथा भविष्य पर केंद्रित बराबरी वाले सहयोगों की स्थापना पर सहमति जताई। उन्होंने उन सैन्य क्षमताओं के विकास पर भी चर्चा की जिनकी भारत तथा यूके को वैश्विक खतरों से मुकाबला करने में जरूरत पड़ती है।
उन्होंने सहमति जताई कि इन सभी मुद्दों पर अगली वार्ता मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पूरी की जाएगी।