प्रधानमंत्री ने पुतिन के यूक्रेनी अनाज के हथियारीकरण के वैश्विक प्रभाव को कम करने के लिए समर्थन की घोषणा की
ब्रिटेन इस वर्ष के अंत में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और बढ़ती खाद्य कीमतों से सबसे बुरी तरह प्रभावित कमजोर लोगों के लिए समर्थन को और बढ़ाएगा।

• ब्रिटेन इस वर्ष के अंत में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और बढ़ती खाद्य कीमतों से सबसे बुरी तरह प्रभावित कमजोर लोगों के लिए समर्थन को और बढ़ाएगा।
• काला सागर अनाज पहल से पुतिन की वापसी के बाद कार्गो जहाजों पर रूसी हमलों को रोकने के लिए काला सागर में रक्षा मंत्रालय की व्यापक खुफिया, निगरानी और टोही अभियान की गई।
• प्रधानमंत्री जी-20 नेताओं की बैठक के लिए भारत के दौरे पर आने वाले हैं, जिसमें व्लादिमीर पुतिन के लगातार दूसरे वर्ष न आने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री आज (शुक्रवार) भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने के दौरान यह कहेंगे कि वैश्विक नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि काला सागर अनाज पहल से पुतिन के हटने से रूस का वैश्विक अलगाव बढ़ गया है और उन लोगों की रक्षा की जा सकती है जिनका जीवन पुतिन के अवैध युद्ध से तबाह हो गया है।
यूक्रेन और विश्व भर में परिवार 18 महीने पहले पुतिन के क्रूर आक्रमण के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में पीड़ित हैं। रूस ने 11 मिलियन लोगों को अपने घरों से विस्थापित कर दिया है, वैश्विक ऊर्जा कीमतों में हेरफेर किया है और पूरे धरती के घरों के दैनिक जीवन को और अधिक कठिन बना दिया है।
जुलाई में पुतिन ने अपने कार्यों के मानवीय परिणामों के प्रति अपनी उदासीनता का प्रदर्शन किया जब वह काला सागर अनाज पहल से हट गए। जुलाई 2022 में मध्यस्थता की गई इस पहल के तहत, यूक्रेनी अनाज ले जाने वाले जहाज हमले के डर के बिना काला सागर बंदरगाहों से स्वतंत्र रूप से पारगमन करने में सक्षम थे।
यह समझौता विश्व भर के लाखों लोगों के लिए एक जीवन रेखा प्रदान कर रहा था जो यूक्रेनी अनाज निर्यात पर निर्भर हैं। अपने पहले वर्ष में, समझौते ने दुनिया भर के 45 देशों में उन लोगों तक 33 मिलियन टन अनाज पहुंचाने में सक्षम बनाया, जिन्हें इसकी आवश्यकता थी। पुतिन के इस पहल को खत्म करने के फैसले ने कमजोर लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण समय में वैश्विक अनाज की आपूर्ति को कम कर दिया है - जब कीमतें बढ़ती हैं, तो सबसे गरीब अधिक भुगतान करते हैं।
जुलाई के बाद से, रूस ने कम से कम 26 नागरिक बंदरगाह सुविधाओं, गोदामों, साइलो और अनाज लिफ्ट को भी क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया है। इन हमलों ने सीधे यूक्रेन की निर्यात क्षमता को एक तिहाई तक कम कर दिया है और पूरे वर्ष के लिए 1 मिलियन से अधिक लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त अनाज नष्ट कर दिया है ।
कल जी-20 नेता दिल्ली में एकत्रित होंगे और पुतिन के कदमों से जीवन यापन की लागत में वृद्धि सहित विश्व के सामने मौजूद सबसे बड़ी चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। लगातार दूसरे वर्ष रूसी राष्ट्रपति के इसमें शामिल होने की उम्मीद नहीं है।
शिखर सम्मेलन में, प्रधान मंत्री उन लोगों के महत्व पर जोर देंगे जो पुतिन के युद्ध के भयानक परिणामों से निपटने के लिए विश्व के सबसे कमजोर लोगों की मदद करने और जलवायु परिवर्तन और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता जैसी व्यापक चुनौतियों से निपटने में अपने नेतृत्व का प्रदर्शन करने का विकल्प चुनते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा:
एक बार फिर, व्लादिमीर पुतिन जी 20 में अपना चेहरा दिखाने में विफल रहे हैं। वह अपने स्वयं के राजनयिक निर्वासन के वास्तुकार हैं, खुद को अपने राष्ट्रपति महल में अलग-थलग कर रहे हैं और आलोचना और वास्तविकता को अवरुद्ध कर रहे हैं।
‘इस बीच जी-20 के बाकी सदस्य यह प्रदर्शित कर रहे हैं कि हम पुतिन के विनाशलीला को खत्म करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
यह सबसे मौलिक संसाधनों पर पुतिन की पकड़ के भयानक वैश्विक परिणामों से निपटने के साथ शुरू होता है, जिसमें यूक्रेनी अनाज पर उनकी नाकाबंदी और हमले शामिल हैं।
पुतिन के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण से पहले, यूक्रेन दुनिया का 5वां सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक, चौथा सबसे बड़ा मकई निर्यातक और तीसरा सबसे बड़ा रेपसीड निर्यातक था। अनाज आमतौर पर यूक्रेनी निर्यात राजस्व का 41% है, और यूक्रेन द्वारा निर्यात किए गए अनाज का लगभग दो तिहाई विकासशील दुनिया में जाता है।
काला सागर अनाज पहल से रूस की अचानक वापसी, और इसके परिणामस्वरूप वैश्विक खाद्य कीमतों में वृद्धि, दुनिया भर में जीवन में अनेकों दुःख लायेगी - अर्थव्यवस्थाओं को और अस्थिर करेगी और लोगों को भुखमरी के खतरे में डाल देगी।
ब्रिटेन पुतिन के कार्यों के प्रभाव से निपटने में कमजोर लोगों और अर्थव्यवस्थाओं की मदद करने के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। प्रधानमंत्री आज घोषणा करेंगे कि ब्रिटेन नवंबर में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा।
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन द्वारा समर्थित, यह आयोजन खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के कारणों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, शोधकर्ताओं और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ कमजोर देशों सहित दुनिया भर के सरकारी प्रतिनिधियों को एक साथ लाएगा।
हम काला सागर में रूसी गतिविधि की निगरानी के लिए अपनी खुफिया, निगरानी और टोही का उपयोग करेंगे, अगर हमें चेतावनी के संकेत दिखाई देते हैं कि वे काला सागर में नागरिक शिपिंग या बुनियादी ढांचे पर हमले की तैयारी कर रहे हैं, तो हम रूस का आह्वाहन करेंगे, और झूठे झंडे के दावों को रोकने के लिए हमलों की बात बतायेंगे जो रूस से दोष हटाने की कोशिश करते हैं।
इन निगरानी अभियानों के हिस्से के रूप में, आरएएफ विमान क्षेत्र में उड़ानें संचालित कर रहे हैं ताकि रूस को अनाज ले जाने वाले नागरिक जहाजों के खिलाफ अवैध हमले करने से रोका जा सके।
काला सागर अनाज पहल से बाहर निकलने के बाद से, रूस ने घोषणा की है कि यूक्रेनी काला सागर बंदरगाहों पर पारगमन करने वाले सभी जहाजों को सैन्य जहाजों के रूप में माना जाएगा - चाहे वे जो भी कार्गो ले जा रहे हों। इसने यूक्रेन के डेन्यूब बंदरगाहों में से एक के लिए जाने वाले कार्गो जहाज पर गोलियां चलाकर और एक कार्गो जहाज पर सवार होकर इस आकलन पर कार्रवाई की है, जो अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन हो सकता है।
रूसी हमलों को रोकने के सैन्य प्रयासों के साथ, ब्रिटेन राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की ‘यूक्रेन से अनाज’ पहल के तहत शुरू किए गए काम को जारी रखने के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए वित्त पोषण के रूप में £3 मिलियन का योगदान देगा, जिसे पिछले वर्ष नवंबर में यूक्रेनी अनाज को उन देशों में भेजने के लिए स्थापित किया गया था जिनके लोग मुख्य खाद्य पदार्थों की उच्च वैश्विक कीमत से पीड़ित हैं।
अपने पहले छह महीनों में, यूक्रेन कार्यक्रम के अंतर्गत अनाज को सोमालिया और यमन सहित कई देशों में 170,000 टन यूक्रेनी अनाज पहुंचाई गई है। आज घोषित यूके फंडिंग में बढ़ोतरी से विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा पहचाने गए जरूरतमंद देशों तक अनाज की खेप पहुंचाने में मदद मिलेगी। यूक्रेन इस वर्ष विश्व खाद्य कार्यक्रम के लिए भोजन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत रहा है। इस वर्ष - जुलाई तक जब रूस काला सागर अनाज पहल से बाहर निकल गया - डब्ल्यूएफपी ने पूरे विश्व में सबसे अधिक गेहूं 80% यूक्रेन से खरीदा।