प्रेस विज्ञप्ति

निक क्लेग द्वारा नए दादाभाई नौरोजी अवार्ड्स हेतु मनोनयन की घोषणा

उप-प्रधानमंत्री ने भारत में काम करने और अध्ययन करने के इच्छुक युवाओं की सहायता हेतु एक नए विनिमय कार्यक्रम तथा ब्रिटेन-भारत संबंधों का मान बढ़ाने वाले नए अवॉर्ड्स की घोषणा की।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था

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अपने भारत में वाणिज्य मिशन, के दूसरे दिन उप-प्रधानमंत्री निक क्लेग ने ब्रिटेन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने वाले कुछ बड़े और नए कदमों की घोषणा की।

मुंबई में उन्होंने एक नए अवार्ड का शुभारंभ किया जो ऐसे लोगों के लिए हैं जिनकी विशिष्ट उपलब्धियों ने ब्रिटेन और भारत के बीच संबंधों को मजबूत किया है। नया अवार्ड ब्रिटिश पार्लियामेंट के पहले एशियाई सदस्य दादाभाई नौरोजी को समर्पित है जिन्होंने ब्रिटेन में पहले भारतीय व्यवसाय की स्थापना की थी। ये अवार्ड ऐसे सभी लोगों के लिए खुले हैं जो इसके लिए आवेदन करना चाहते हैं और इसमें तीन श्रेणियां होंगी जिनमें ऐसे लोगों को चुना जाएगा जिन्होंने क्रमशः वाणिज्य, संस्कृति या शिक्षा क्षेत्र के ब्रिटेन-भारत के संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में बड़ा योगदान दिया हो।

ये अवार्ड्स उप-प्रधानमंत्री द्वारा शरद में विदेश कार्यालय के समारोह में प्रदान किए जाएंगे। मनोनयन का कार्य 1सितंबर 2014 से आरंभ होगा। कोई भी व्यक्ति जो ब्रिटेन या भारत में किसी ऐसे व्यक्ति को इसके लिए नामित करना चाहता है, जिसने वाणिज्य, संस्कृति या शिक्षा क्षेत्र के ब्रिटेन-भारत के संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में बड़ा योगदान दिया हो, तो वह ऑनलाइन मनोनयन कर सकता है।

इसके अतिरिक्त, एक नए विनिमय कार्यक्रम के तहत ब्रिटेन के हजारों युवाओं को भारत में काम करने और अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

उप-प्रधानमंत्री ने एक नई ब्रिटिश काउंसिल स्कीम की घोषणा की जिसके तहत अगले पांच सालों में 25,000 ब्रिटिश युवा भारत आएंगे। इससे ब्रिटेन के युवाओं के लिए अवसरों का सृजन होगा और ऐसे ब्रिटिश छात्रों को फायदा पहुंचेगा जिन्हें भारत में रहने और काम करने के अपने अनुभव से विश्व बाजार में रोजगार पाने में सहूलियत होगी।

उप-प्रधानमंत्री ने कहा:

दादाभाई नौरोजी के नाम पर अवार्ड का नाम रखना एक बड़े सम्मान की बात है। ग्रैंड ओल्डमैन ऑफ इंडिया मेरे राजनैतिक नायकों में एक थे, जिन्होंने प्रथम एशियाई एमपी के रूप में ब्रिटिश पार्लियामेंट में प्रवेश कर भारी बाधाओं को पार किया और भारत के बारे में ब्रिटिश पूर्वाग्रहों को चुनौती दी। अपनी उपलब्धियों के लिए वे भारत और ब्रिटेन में अत्यंत सम्मानित थे और इसलिए उनके नाम पर अवार्ड का नाम रखा जाना सर्वथा उचित है।

ब्रिटेन और भारत के बीच युवाओं के आदान-प्रदान में विस्तार के साथ यह अवार्ड दर्शाता है कि हम ब्रिटिश लोग भारत के साथ अपने संबंधों को कितना अधिक महत्व देते हैं।

ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है। हम खुले हृदय से उनका स्वागत करते हैं, क्योंकि कई मामलों में हमारा शिक्षा क्षेत्र हमारी मैत्री का प्रोत्साहक कारक है। इसी कारण मैंने अपने साथ आए प्रतिनिधिमंडल में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को शामिल किया है, ताकि वे ब्रिटिश शिक्षा के अनुभव अधिक से अधिक भारतीय छात्रों के साथ बांट सकें।

भारत के साथ हमारे संबंध-सूत्र

प्रतिनिधिमंडल के अन्य विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों ने भी (26 अगस्त 2014) को भारत के साथ नए संबंध-सूत्रों की घोषणा की।

ब्रिटिश-भारत शिक्षा एवं शोध प्रयास

उप-प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश-भारत शिक्षा एवं शोध प्रयास की उपलब्धियों का जश्न मनाया, जिसने आज एक नए प्रयास की शुरुआत की जो भारतीय कम्युनिटी कॉलेजों के भविष्य में ब्रिटेन के शिक्षा संस्थानों के साथ भागीदारी का साक्षी बनेगा। कॉलेजों को 25,000 पाउंड की राशि अभिनव भागीदारी हेतु प्रदान की जाएगी जिसमें शामिल होंगे शिक्षक प्रशिक्षण, स्थानीय समुदायों के साथ सहकार्य और नई पाठ्यक्रम सामग्री।

एजुकेशन यूके एल्युमनी अवार्ड

ऐसे भारतीयों के सम्मानार्थ जिन्होंने ब्रिटेन में पढ़ाई की और भारत आकर अपनी छाप छोड़ी, नए एजुकेशन यूके एल्युमनी अवार्ड में मनोनयन अक्टूबर में आरंभ होगा। ये अवार्ड छात्रों और समाज के लिए ब्रिटिश विश्वविद्यालयी शिक्षा के फायदों को दर्शाएंगे।

शेवनिंग स्कॉलरशिप

उप-प्रधानमंत्री श्री निक क्लेग ने आज 25 शेवनिंग स्कॉलरशिप की उद्घोषणा की जो युवा भारतीय उद्यमियों के लिए होंगे। ये स्कॉलरशिप अत्यंत उद्यमी व्यक्तियों- भारत के भावी बिजनस लीडर्स – के लिए हैं, जिन्हें ब्रिटेन के विश्वविद्यालय में 1-वर्षीय स्नातकोत्तर अध्ययन का अवसर मिलेगा।

एमिटी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी के साथ ग्लोबल एजुकेशन मैनेजमेंट का समझौता ज्ञापन

ब्रिटिश कंपनी ग्लोबल एजुकेशन मैनेजमेंट लिमिटेड (जीईएम) ने एमिटी यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इसका अर्थ होगा हॉस्पिटैलिटी उद्योग में इंटर्नशिप और कार्य अनुभव के लिए दोनों ओर से अधिक से अधिक छात्रों का आदान-प्रदान। जीईएम के अनुसार इसका आखिरकार परिणाम यह होगा कि इससे भारत के साथ हर साल 2,50,000 पाउंड का अतिरिक्त व्यवसाय होगा जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहुत ही लाभदायक होगा, क्योंकि इससे कार्यबल अधिक अनुकूलन योग्य और अधिक प्रशिक्षित होगा।

बॉर्नविल कॉलेज सेंटर ऑफ एक्सिलेंस

वेस्ट मिडलैंड्स का बॉर्नविल कॉलेज कोलकाता में स्थानीय लोगों को ‘सॉफ्ट स्किल्स’, तकनीकी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में प्रशिक्षित करने हेतु वर्ष के अंत में 5,00,000 पाउंड के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोलेगा

संपादकों के लिए नोट्स

  1. अवार्ड की स्थापना दादाभाई नौरोजी (1825-1917) के नाम पर किया गया है, जो 1892 में ब्रिटिश पार्लियामेंट के प्रथम एशियाई सदस्य बने जब उन्हें फिंसबरी सेंट्रल से एमपी चुना गया। उनका जन्म मुंबई में हुआ था और वह एक आदरणीय बुद्धिजीवी एवं मोहनदास गांधी सहित भारतीय राजनेताओं के मार्गदर्शक थे।

  2. उप-प्रधानमंत्री ने अपनी दादाभाई नौरोजी के जन्म स्थल, मुंबई यात्रा के दौरान इस आशय की घोषणा की। मई में नई सरकार के गठन के बाद भारत में उनके प्रथम वाणिज्य मिशन का यह दूसरा पड़ाव था।

प्रकाशित 26 August 2014
पिछली बार अपडेट किया गया 1 September 2014 + show all updates
  1. Added link to nomination form and deadline for nominations.

  2. First published.