प्रेस विज्ञप्ति

संयुक्त वक्तव्य: साझेदारी में विकास के लिए भारत-यूके एनर्जी

नई दिल्ली में 6 और 7 अप्रैल 2017 को प्रथम इंडिया-यूके एनर्जी फॉर ग्रोथ डायलॉग में भारत-ब्रिटेन ऊर्जा साझेदारी की खुशियां मनायी गयीं।

Greg Clark and Piyush Goyal

भारत के विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, कोयला एवं खान मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यवसाय, ऊर्जा तथा औद्योगिक रणनीति मंत्री ग्रेग क्लार्क ने दोनों देशों की विकास साझेदारी के लिए ऊर्जा को आगे बढ़ाने के अपने प्रधानमंत्रियों की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाया।

मंत्रियों ने ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, असैनिक परमाणु और तेल व गैस के क्षेत्रों में निवेश, अनुसंधान, नीति, तकनीकी और व्यावसायिक भागीदारी के विस्तार पर ब्रिटेन-भारत की 30 वर्षों की साझेदारी का उल्लेख किया। मंत्रियों ने भारत और ब्रिटेन के बीच ऊर्जा साझेदारी को और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की।

ऊर्जा मंत्री गोयल ने ब्रिटेन की मौजूदा तकनीकी सहायता और जलवायु वित्तपोषण का स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच मौजूदा बड़े पैमाने वाले निजी क्षेत्र के निवेश का स्वागत किया।

ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश के साथ ब्रिटेन भारत का सबसे बड़ा जी-20 निवेशक है। ब्रिटेन में एफडीआई परियोजनाओं का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है। उन्होंने एनर्जी डायलॉग के अंतर्गत व्यापारिक बैठक की उत्पादक चर्चाओं का स्वागत किया जिसमें नई साझेदारी के लिए अवसरों का पता लगाया गया और उन्होंने तकनीकी सहयोग बढ़ाने के प्रयासों सहित व्यावसायिक साझेदारी के लिए व्यापारिक संबंध को और मजबूत बनाने के लिए अपनी वचनबद्धता व्यक्त की।

आगे की ओर देखते हुए, उन्होंने सुरक्षा, वहनीयता और निरंतरता जैसी साझा रणनीतिक ऊर्जा प्राथमिकताओं के लिए नई द्विपक्षीय साझेदारियों के अवसरों का पता लगाया। सेक्रेट्री ऑफ स्टेट क्लार्क ने बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा अभिगमन व दक्षता और तेल व गैस जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सहयोग के लिए एनर्जी फॉर ग्रोथ पार्टनरशिप के अंतर्गत अतिरिक्त तकनीकी सहायता के लिए 20 मिलियन पाउंड आर्थिक सहायता की घोषणा की।

बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा पर, दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि प्राथमिकताओं में प्रदर्शन में सुधार करने और नुकसान को कम करने के लिए भारत की ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों को स्मार्ट टेक्नालॉजी पेश करने में मदद; ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने में सहयोग; और राज्य स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा की प्लानिंग में सहायता सहित नवीकरणीय ऊर्जा के परिनियोजन में तेजी लाने का काम शामिल है। यह मौजूदा 10 मिलियन पाउंड पावर सेक्टर रिफॉर्म प्रोग्राम पर काम करेगा जो कुशल, विश्वसनीय और टिकाऊ बिजली आपूर्ति, ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के इंटीग्रेशन को बढ़ाने और ऊर्जा अभिगमन को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।

मंत्रियों ने एनर्जी एफिशिएंट सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा यूके के सात एनर्जी सेविंग प्रोजेक्ट में निवेश करके की जाने वाली प्रगति की सराहना की जो कि लाभांश प्रदान करने के साथ दो से अधिक वर्षों से सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। उन्होंने भारत के ईईएसएल द्वारा ब्रिटेन में परिचालन की शुरूआत का स्वागत किया।

दोनों मंत्रियों ने प्रधान मंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी ऊर्जा योजनाओं को हासिल करने के लिए निवेश की त्वरित आवश्यकताओं को स्वीकार किया। क्लार्क ने नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को अपनाने के लिए भारत सरकार द्वारा पेश की गई जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव्स (जीबीआई), कैपिटल और इंट्रेस्ट सब्सिडी, वाइअबिलटी गैप फंडिंग (वीजीएफ), कन्सेशनल फाइनेंस और फिस्कल इंसेंटिव्स जैसी विभिन्न सहायक व्यवस्था का स्वागत किया। दोनों मंत्रियों ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में ग्रीन मसाला बॉन्ड और ब्रिटेन की कंपनियों द्वारा तेल व गैस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण वाणिज्यिक निवेश और नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ते निवेश जैसे वित्तपोषण नए तरीकों का स्वागत किया।

सेक्रेट्री ऑफ स्टेट क्लार्क और ऊर्जा मंत्री गोयल ने भारत में एक स्वतंत्र नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी स्थापित करने के लिए सीडीसी के निर्णय का स्वागत किया। सेक्रेट्री ऑफ स्टेट ने घोषणा की कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र की परियोजनाओं में सहयोग के लिए सीडीसी द्वारा 100 मिलियन डॉलर तक का निवेश किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन इसी हफ्ते ब्रिटेन और भारतीय वित्त मंत्रियों के बीच हुई आर्थिक और वित्तीय वार्ता के बाद किया जा रहा है जहां ग्रीन फाइनेंस एक प्रमुख मुद्दा था।

यह बहुपक्षीय पहल के माध्यम से की जाने वाली महत्वपूर्ण यूके क्लाइमेट फंडिंग के अतिरिक्त है जिसमें क्लीन टेक्नालॉजी फंड फॉर इंडिया जैसी योजनाएं शामिल हैं जिनमें 775 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश को मंजूरी मिल गई है और जिसमें ब्रिटेन सबसे बड़ा निवेशक है।

दोनों मंत्रियों ने यूनाइटेड नेशन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) और वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उसके पेरिस समझौते के प्रति अपने सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और 2016 में समझौते के लागू होने की शुरुआत का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पेरिस समझौते में कम कार्बन ग्रोथ की बात की गई है और भारत व ब्रिटेन इसके अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।

मंत्रियों ने ऊर्जा पर अनुसंधान और नवाचार के महत्व पर भी बल दिया और इस क्षेत्र में प्रभाव के साथ निरंतर उत्कृष्टता के लिए अपने सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। भारत और ब्रिटेन के बीच न्यूटन-भाभा प्रोग्राम सहित विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से वर्षों की साझेदारी स्थापित है। उन्होंने व्यापक रेंज वाले संयुक्त रूप से वित्त पोषित रिसर्च काउंसिल यूके परियोजनाओं का स्वागत किया जिसमें, जैव ऊर्जा, भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ स्वच्छ ऊर्जा पर ज्वाइंट वर्चुअल सेंटर शामिल है। उन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के साथ असैन्य परमाणु ऊर्जा में लंबे समय से चलने वाली साझेदारी का भी उल्लेख किया जिसमें 2017 में योजनाबद्ध अनुसंधान परियोजना का चौथा चरण और भारत के ग्लोबल सेंटर फॉर न्यूक्लियर एनर्जी पार्टनरशिप (जीसीएनईपी) में सहयोग के लिए एमओयू भी शामिल है।

प्रकाशित 8 April 2017