प्रेस विज्ञप्ति

भारत की नई सरकार के साथ मुलाकात हेतु उप-प्रधानमंत्री द्वारा प्रथम व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व

उप-प्रधानमंत्री निक क्लेग ब्रिटेन-भारत के बीच व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों के निर्माण हेतु एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की यात्रा कर रहे हैं।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था

आर्थिक विकास पर भारत की नई सरकार द्वारा अधिक बल देने के मद्देनजर जो अवसर उपलब्ध होंगे उनका लाभ उठाने हेतु उप-प्रधानमंत्री श्री निक क्लेग ब्रिटेन के 40-मजबूत व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के साथ भारत की 3-दिवसीय यात्रा आज से आरंभ करेंगे। उनके साथ होंगे ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन मामलों के मंत्री श्री एड डेवी। मई में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचित होने के बाद यह भारत में पहला उच्च-स्तरीय वाणिज्य मिशन है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी और वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के साथ उप-प्रधानमंत्री सोमवार को अपनी भारत यात्रा के पहले दिन मुलाकात करेंगे। वह और उनका प्रतिनिधिमंडल एक-एक दिन दिल्ली, मुंबई और बंगलोर में बिताएंगे। बुधवार को एड डेवी अलग से हैदराबाद के दौरे पर भी जाएंगे और वे जून में नवनिर्मित तेलंगाना राज्य के साथ वार्ता करने वाले पहले ब्रिटिश मंत्री होंगे। अपने संपूर्ण कार्यक्रम के दौरान एड डेवी ब्रिटिश कंपनियों के लिए अवसर तलाशेंगे और ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को मजबूत करने की दिशा में प्रयास करेंगे।

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प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं रिटेल, एयरोस्पेस और शिक्षा क्षेत्रों के प्रमुख ब्रिटिश उद्यमी जो अपने भारतीय समकक्षों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे और नए अवसर तलाशेंगे। अगले 2 वर्षों में भारतीय रिटेल क्षेत्र के सालाना 25% की दर से विकास करने की उम्मीद है और यह प्रतिनिधिमंडल एयरोस्पेस बाजार में लाभ उठाने को आशान्वित है जो अगले 10 सालों में दुनिया के 3 सर्वोच्च बाजारों में एक होगा जिसकी वृद्धि दर 7% वार्षिक है।

यात्रा के दौरान उप-प्रधानमंत्री छात्र विनिमय कार्यक्रमों के विस्तार और दिल्ली और मुंबई के स्कूलों का दौरा करने के साथ ब्रिटेन और भारत के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव भी मनाएंगे।

उप-प्रधानमंत्री ने कहा:

नई सरकार के गठन के बाद पहले व्यपार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के पहियों को गति देना, अधिकाधिक रोजगार सृजन करना व्यापार बढ़ाना और उच्चतर स्मृद्धि की ओर देश को ले जाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

भारत और ब्रिटेन के बीच पहले से 16 अरब पाउंड का वार्षिक व्यापार है। भारत ब्रिटेन में सम्मिलित रूप से संपूर्ण यूरोपीय संघ की तुलना में अधिक निवेश करता है और भारत में जी20 का कोई भी देश ब्रिटेन के मुकाबले अधिक निवेश नहीं करता।

इसके अतिरिक्त ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंध हैं। व्यापक रूप से ब्रिटिश समुदाय, व्यवसाय जगत, सांस्कृतिक और खेल क्षेत्र भारत के साथ हमारे संबंधों के द्वारा अत्यंत समृद्ध हुए हैं। हजारों छात्र ब्रिटेन-भारत शिक्षा और शोध प्रयास जैसे विनिमय कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं और मैं इस बात को लेकर आशान्वित हूं कि हम हमारे लोगों के बीच किस प्रकार और भी गहरे व मजबूत संबंधों का निर्माण कर पाएंगे।

उप-प्रधानमंत्री के इंडिया बिजनस एडवाइजर के नए रूप में लॉर्ड ढोलकिया भी व्यापार प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे। इस अवैतनिक भूमिका में उनकी जिम्मेदारी होगी इस प्रतिनिधिमंडल के साथ चल रहे उद्योगपतियों की इस यात्रा के व्यावसायिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता करना। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि इस यात्रा के समापन के बाद नए समझौतों और व्यापार संबंधों के सफल परिणाम मिलें।

संपादक के लिए नोट्स

ब्रिटेन-भारत संबंध विशुद्ध रूप से दोनों देशों के लिए एक अति महत्वपूर्ण द्वि-मार्गी (टू-वे) संबंध है।

प्रमुख तथ्य

  1. पिछले साल ब्रिटेन ने भारत में 3.2 अरब डॉलर का निवेश किया जो कि किसी भी अन्य जी20 देश और जापान (1.7 अरब डॉलर) तथा अमेरिका (1 अरब डॉलर) द्वारा, जिनका क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान है, भारत में किए गए निवेश की तुलना में अधिक था।
  2. पिछले 14 सालों में हुए निवेश को जोड़ा जाए तो ब्रिटेन अब भी जी20 देशों में अव्वल है जिसका निवेश इस अवधि में भारत को हुए कुल निवेश का 10% होता है।
  3. ब्रिटेन में भारत सातवां सबसे बड़ा निवेशक है और यह सम्मिलित रूप से संपूर्ण यूरोपीय संघ में किए गए निवेश की तुलना में ब्रिटेन में अधिक निवेश करता है।

यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई)

प्रतिनिधिमंडल का गठन यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट यूकेटीआई द्वारा किया गया जो एक सरकारी विभाग है जो ब्रिटिश कंपनी को वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफल होने में सहायता करता है। यह बाहर की कंपनियों को भी ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में- जिसे वैश्विक व्यवसाय में सफलता पाने के लिए यूरोप की सबसे अच्छी जगह माना जाता है, उच्च गुणवत्ता के निवेश करने में सहायता करता है। ब्रिटेन में और दुनिया भर के ब्रिटिश दूतावासों तथा अन्य राजनयिक कार्यालयों में विशेषज्ञों के अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए यूकेटीआई द्वारा विशेषज्ञता और संपर्क उपलब्ध कराई जाती है। इसके द्वारा कंपनियों को वे साधन उपलब्ध कराए जाते हैं जिनकी आवश्यकता उन्हें विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा करने में पड़ती है।

प्रकाशित 25 August 2014