प्रेस विज्ञप्ति

उप-प्रधानमंत्री द्वारा ब्रिटिश-भारत व्यवसाय के विशिष्ट तकनीकी संयुज्य की सराहना

निक क्लेग ने भारत के हाई-टेक राजधानी बंगलोर यात्रा के दौरान ब्रिटिश और भारतीय कंपनियों के बीच विशिष्ट संबंध की सरहना की।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था

बंगलोर में एक नए तकनीकी हब और ब्रिटेन-भारत व्यवसाय केन्द्र (यूके इंडिया बिजनस सेंटर) का शुभारंभ करते हुए उप-प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश-भारत व्यवसाय के उस विशिष्ट तकनीकी संयुज्य की सराहना की जो अपनी विशेषज्ञता साझा करने और ब्रिटेन-भारत वाणिज्य को बढ़ावा देने हेतु एक सशक्त संबंध का निर्माण करेगा।

ब्रिटेन के 40-सशक्त व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के साथ उप-प्रधानमंत्री की इस यात्रा का अंतिम चरण दोनों देशों के बीच एयरोस्पेस, उच्च-तकनीक और विनिर्माण के क्षेत्र में आगे विकास के अवसरों पर केन्द्रित है।

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उप-प्रधानमंत्री निक क्लेग ने कहा:

भारत अपने आर्थिक लक्ष्य के मार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण चौराहे पर खड़ा है और बंगलोर इस बात का एक उज्ज्वल उदाहरण है कि किस प्रकार तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल विकास के शक्तिकेन्द्र के रूप मंक किया जा सकता है। यह शहर दुनिया के 10 सर्वाधिक पसंदीदा उद्यम स्थलों में शुमार है और यहां भारत के किसी भी अन्य शहर की तुलना में अधिक संख्या में नए उद्यम स्थापित किए जा रहे हैं।

जो बात मुझे बंगलोर में दिख रही है वह यह कि एयरोस्पेस और उच्च-तकनीक के क्षेत्र में भारत की क्षमता बड़ी तेजी से निखर रही है। ब्रिटेन और भारतीय फर्मों के व्यवसाय के लिए यह एक उर्वर आधार-भूमि है और यह बात भारत में शॉप स्थापित करने के लिए ब्रिटिश कंपनियों द्वारा आज यहां किए गए समझौतों से साबित हो जाती है।

बंगलोर की उनकी यात्रा में शामिल रहे:

  • एयरबस – उप-प्रधानमंत्री ने एयरबस इंडिया फैसिलिटी का दौरा किया। एयरबस की टीम ने उप-प्रधानमंत्री को एयरक्राफ्ट के पार्ट्स की जांच के लिए एक एडवांस्ड सिम्युलेशन दिखाया। वायुयान के डैनों जैसे वास्तविक पार्ट्स की जांच के लिए भारत में टीम द्वारा कंप्यूटर मॉडलिंग और ब्रिटेन की टीम के साथ संपर्क किया जाता है।

  • हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एयरक्राफ्ट डिविजन में हॉक के विनिर्माण कारखाने का दौरा किया। बीएई सिस्टम्स हॉक ब्रिटेन में विकसित सिंगल इंजन वाला एडवांस्ड एयक्राफ्ट है जिसका उत्पादन लाइसेंस के तहत भारत में एचएएल द्वारा किया जाता है। 2010 में भारतीय वायुसेना ने 57 एयरक्राफ्ट के द्वितीय बैच के लिए अनुबंध किया है।

  • नया यूके इंडिया बिजनस सेंटर और नया तकनीकी हब। भारत में स्थापित होने वाला यह दूसरा बिजनस सेंटर है (पहला दिल्ली में स्थापित है) और इसके द्वारा भारत में काम करने को इच्छुक ब्रिटिश कंपनियों को सहायता उपलब्ध कराई जाती है। टेक हब (तकनीकी हब) का 3 साल में 1000 बंगलोर स्टार्ट-अप्स और उन्हें ब्रिटेन से जोड़ने का लक्ष्य है।

  • वेकफील्ड कंपनी ग्रुप रोड्स के भारत में पहले बेस का शुभारंभ। बंगलोर में ग्रुप रोड्स फैसिलिटी द्वारा वेकफील्ड में शोध और विकास, इंजीनियरिंग, डिजायन और सप्लाई चेन प्रबंधन के क्षेत्र में 50-60 नए यूके रोजगार और भारत में 60 रोजगार के सृजन की उम्मीद है। ग्रुप रोड्स ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 20 लाख पाउन्ड से अधिक के एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किया है।

  • भारत में सप्लाई चेन को प्रोत्साहित करने और भारतीय ग्राहकों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने हेतु पैटोनेयर द्वारा इस साल के अंत में एक स्थायी बंगलोर कार्यालय स्थापित किया जाएगा। साथ ही कंपनी भारत में अपने ग्राहक और सप्लाई नेटवर्क के आगे विस्तार हेतु कई सुनिश्चित कार्यक्रमों पर भी काम कर रही है।

  • पुणे स्थित अपनी फैसिलिटी में रेनिशॉ द्वारा एक मेटल 3डी प्रिंटिंग सेंटर स्थापित करने की घोषणा। इंजीनियरिंग और विज्ञान आधारित प्रविधियों में रेनिशॉ विश्व में एक अग्रणी स्थान रखता है। रेनिशॉ द्वारा जेट इंजन और विंड टरबाइन के निर्माण से लेकर डेंटिस्ट्री (दंत चिकित्सा) और मस्तिष्क सर्जरी जैसे विविध क्षेत्रों के अनुप्रयोगों हेतु उत्पादों का निर्माण किया जाता है। रेनिशॉ ऐसी एकमात्र कंपनी है जो मेटल पाउडर की मदद से पार्ट्स ‘प्रिंट’ करने वाली मशीनों का डिजायन और निर्माणा करती है। इसका नया तकनीकी केन्द्र रेनिशॉ के ब्रिटेन स्थित (ग्लूसेस्टरशायर, और साउथ वेल्स के मिस्किन स्थित) मौजूदा प्रमुख केन्द्रों के समकक्ष होगा।

उप-प्रधानमंत्री सोमवार 25 अगस्त को शुरू होने वाली 3-दिवसीय भारत यात्रा पर हैं जिसमें वह मई में भारत में नई सरकार के गठन के बाद भारत आने वाले प्रथम ब्रिटिश वाणिज्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

प्रकाशित 27 August 2014