प्रेस विज्ञप्ति

ब्रिटिश ब्रांडों द्वारा भारत के साथ समझौते पर हस्ताक्षर

अपनी भारत यात्रा पर उप-प्रधानमंत्री निक क्लेग कई ब्रिटिश ब्रांडों, जिनमें शामिल हैं- लश और पेवर्स शूज, द्वारा ब्रिटेन-भारत वाणिज्य समझौते पर हस्ताक्षर करने का साक्षी बने।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था

विख्यात ब्रिटिश ब्रांड भारत के तेज आर्थिक विकास और बढ़ती हुई व्यव क्षमता का लाभ उठाने को उत्सुक हैं। भारत का रिटेल क्षेत्र अभी वर्तमान में 309 अरब पाउंड का है और उम्मीद है कि 2016 तक इसमें 25% सालाना इजाफा होगा। आज नए उपक्रमों की घोषणा के साथ यूनियन बिस्किट्स, लश कॉस्मेटिक्स और पेवर्स शूज जैसी कंपनियां भारत की तरक्की का लाभ उठाने जा रही हैं।

उप-प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के बारे में और जानकारी लें

इस यात्रा के दौरान की जाने वाली घोषणाओं में शामिल हैं:

  • भारतीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा मंजूरी के बाद ब्रिटिश हाई स्ट्रीट के विख्यात ब्रांड लश कॉस्मेटिक्स द्वारा भारत में अपने पहले शॉप की स्थापना की उम्मीद की जाती है। कंपनी मुंबई स्थित शॉप द्वारा भारत में अपनी पारी की शुरुआत करेगी।

  • दुनिया के चौथे सबसे बड़े बिस्कुट निर्माता युनाइटेड बिस्किट्स ग्रुप भारत में अपने निवेश को बढ़ाकार 3 करोड़ पाउंड से 5 करोड़ पाउंड करेंगे। यह भारत में प्रख्यात ब्रिटिश ब्रांड हॉबनॉब्स और डाइजेस्टिव की सफलता को आगे बढ़ाएंगे।

  • यॉर्क स्थित पेवर्स शूज भारत में 1 करोड़ पाउंड का निवेश करने को तैयार है जिससे देश में इसके स्टोर्स की संख्या 35 से बढ़कर 100 हो जाएगी। पेवर्स ब्रिटेन के एक सर्वाधिक तेज विकास और लाभदेय रिटेलर्स के रूप में यूरोप के फोरम 500 सूची में शामिल कंपनी है।

  • हल स्थित चॉसर फूड्स (Chaucer Foods) ने एक भारतीय खाद्यपदार्थ विनिर्माता कंपनी के साथ 60 टन कार्टन के निर्यात के समझौते पर हस्ताक्षर किया है जो सालाना 1 लाख पाउंड मूल्य के होंगे और इससे भारत के साथ उसके व्यापार में 50% का इजाफा होगा।

  • प्रीमियम मिक्सर्स तैयार करने वाली ब्रिटिश कंपनी फीवर-ट्री ने घोषणा की यह भारत को इंडियन टोनिक वाटर का निर्यात करने जा रही है। निर्यात के लिए प्रतिष्ठित क्वींस अवार्ड प्राप्त इस कंपनी का यह 50वां बाजार होगा।

उप-प्रधानमंत्री ने कहा:

भारतीय रिटेल तथा खाद्य एवं पेय सेक्टर में अवसर स्पष्ट दिखाई पड़ रहे हैं। आप भारत में यात्रा करें तो आपको यहां की ग्रॉसरी दुकानों में ब्रिटिश उत्पाद रैकों में सजे मिलेंगे। मैक विटीज डाइजेस्टिव्स से लेकर हॉर्लिक्स और स्मिरनॉफ (Smirnoff) तक, 1.2 अरब भारतीय उपभोक्ताओं के पसंदीदा ब्रिटिश उत्पाद हैं।

अब अधिक से अधिक ब्रिटिश कंपनियां इस सफलता को दुहराना चाहती हैं, तो यह हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह शानदार खबर है। इस बाजार में भारतीय खाद्य एवं पेय उद्योग सबसे तेजी से बढ़ता हुआ सेक्टर है। मुझे ब्रिटिश कंपनियों के विस्तार पर खुशी है और मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि हम अपने विशाल रिटेल क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ने और विश्वस्तर पर अपने विख्यात ब्रांडों को उतारने में मदद की अनुवाई कर रहे हैं।

संपादक के लिए नोट्स

ब्रिटेन-भारत संबंध के बारे में मुख्य तथ्य

ब्रिटेन-भारत संबंध विशुद्ध रूप से दोनों देशों के लिए एक अति महत्वपूर्ण द्वि-मार्गी (टू-वे) संबंध है। उदाहरण के लिए:

  • पिछले साल ब्रिटेन ने भारत में 3.2 अरब डॉलर का निवेश किया जो कि किसी भी अन्य जी20 देश और जापान (1.7 अरब डॉलर) तथा अमेरिका (1 अरब डॉलर से कम) द्वारा, जिनका क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान है, भारत में किए गए निवेश की तुलना में अधिक था।

  • पिछले 14 सालों में हुए निवेश को जोड़ा जाए तो ब्रिटेन अब भी जी20 देशों में अव्वल है जिसका निवेश इस अवधि में भारत को हुए कुल निवेश का 10% होता है।

  • ब्रिटेन में भारत सातवां सबसे बड़ा निवेशक है और यह सम्मिलित रूप से संपूर्ण यूरोपीय संघ में किए गए निवेश की तुलना में ब्रिटेन में अधिक निवेश करता है।

प्रतिनिधिमंडल के बारे में

प्रतिनिधिमंडल का गठन यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट द्वारा किया गया जो एक सरकारी विभाग है जो ब्रिटिश कंपनी को वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफल होने में सहायता करता है। यह बाहर की कंपनियों को भी ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में- जिसे वैश्विक व्यवसाय में सफलता पाने के लिए यूरोप की सबसे अच्छी जगह माना जाता है, उच्च गुणवत्ता के निवेश करने में सहायता करता है। ब्रिटेन में और दुनिया भर के ब्रिटिश दूतावासों तथा अन्य राजनयिक कार्यालयों में विशेषज्ञों के अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए यूकेटीआई द्वारा विशेषज्ञता और संपर्क उपलब्ध कराई जाती है। इसके द्वारा कंपनियों को वे साधन उपलब्ध कराए जाते हैं जिनकी आवश्यकता उन्हें विश्व मंच पर प्रतिस्पर्धा करने में पड़ती है।

प्रकाशित 26 August 2014