प्रेस विज्ञप्ति

यूनाइटेड किंगडम ने भारत को सहयोग पहुँचाने के लिए ऑक्सीजन कारखाने भेजे हैं

यूनाइटेड किंगडम भारत के कोरोनोवायरस (कोविड-19) के खिलाफ लड़ाई में सहयोग देने के लिए और महत्वपूर्ण ऑक्सीजन उपकरण भेजेगा।

  • यूके भारत को और भी जीवनरक्षक ऑक्सीजन उपकरण भेज रहा है
  • तीन ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयाँ, जिनमें से प्रत्येक में प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा, शिपिंग कंटेनरों का आकार होगा
  • ब्रिटेन से चिकित्सा उपकरण इस सप्ताह के शुरू में भारत में आए, आने वाले दिनों में और अधिक दिए जाएँगे

यूनाइटेड किंगडम कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग देने के लिए और अधिक महत्वपूर्ण ऑक्सीजन उपकरण भेजेगा।

कोविड -19 से पीड़ित लोगों को और अधिक ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए भारत को सहयोग पहुँचाने हेतु उत्तरी आयरलैंड में अतिरिक्त स्टॉक से तीन ऑक्सीजन संयंत्र भेजे जाएंगे। प्रत्येक ऑक्सीजन यूनिट प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सक्षम है, जो 50 लोगों के लिए एक ही समय में इसका उपयोग करने के लिए पर्याप्त है। ऑक्सीजन भारतीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की बुनियादी जरूरतों में से एक है।

यह हाल ही में यूनाइटेड किंगडम के भारत को सहायता प्रदान , करने के बाद की सहायता है, जिसमें 495 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 200 वेंटिलेटर अतिरिक्त स्टॉक से भेज दिए गए हैं। इन दवाओं की पहली खेप 27 अप्रैल, मंगलवार को स्थानीय समयानुसार लगभग 1 बजे दिल्ली पहुंची, बाकी शुक्रवार तक वहां पहुंचने वाली हैं। फिर सभी उपकरणों को भारतीय अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा।

यह सहयोग भारत के अनुरोध और यूनाइटेड किंगडमके प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन की ओर से दिए गए संकल्प के जवाब में आया। सहायता पैकेज को स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग द्वारा मंजूरी दी गई है और विदेशी, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय द्वारा फंड प्रदान की गई है।

विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा:

हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने भारतीय दोस्तों के साथ खड़े हैं।

पहले के अपेक्षा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अधिक आवश्यक है, और यह अतिरिक्त यूके सहायता पैकेज भारत की वर्तमान जरूरतों को पूरा करने में, विशेष रूप से और अधिक ऑक्सीजन के लिए, मदद करेगा।

इस सप्ताह भारत ने महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में सबसे अधिक नए मामले और मौतें दर्ज की हैं और गंभीर रूप से ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहा है।

स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग (डीएचएससी) ने एनएचएस और साथ ही साथ यूके के आपूर्तिकर्ताओं और निर्माताओं के साथ मिलकर काम किया है जिससे अतिरिक्त जीवन रक्षक उपकरणों की पहचान किया जा सके, जिसे भारत भेजा जा सकता है।

यह महामारी के दौरान दोनों देशों और दुनिया के लाभ के लिए यूके-भारत सहयोग का नवीनतम उदाहरण है।

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प्रकाशित 28 April 2021