प्रेस विज्ञप्ति

विदेश मंत्री ने आर्थिक एवं तकनीकी संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की यात्रा प्रारंभ करी

विदेश मंत्री, लिज ट्रस दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और विकसित देशों को एक स्वच्छ एवं चिरस्थायी माहौल में विकसित होने देने के लिए, भारत के साथ आर्थिक एवं तकनीकी समझौतों की एक श्रृंखला को घोषित करा।

Foreign Secretary Liz Truss meets Dr Subrahmanyam Jaishankar, Minister of External Affairs for India.

  • विदेश मंत्री ने नौकरियों के अवसर बढ़ाने,हमारे मूल्यों को प्रोत्साहित करने तथा वैश्विक हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी एवं अवसंरचना समझौतों की एक श्रृंखला घोषित की है
  • यूके-इंडिया के 10 वर्षीय रोड़मैप के तौर पर, विदेश मंत्री यूके और भारत की प्रमुख हस्तियों को एक साथ लाने वाले मंच की भी घोषणा करेंगे
  • वह विदेश मंत्री जयशंकर और पर्यावरण मंत्री यादव से मुलाकात करेंगी

विदेश मंत्री, लिज ट्रस दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और विकसित देशों को एक स्वच्छ एवं चिरस्थायी माहौल में विकसित होने देने के लिए आज (शुक्रवार 22 अक्टूबर) भारत के साथ आर्थिक एवं तकनीकी समझौतों की एक श्रृंखला को घोषित करेंगी।

अपने दिल्ली एवं मुंबई के दो दिवसीय दौरे में, विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच निवेश संबंधों को और सुदृढ़ बनाने वाले समझौतों के बारे में बतायेंगी और विकसित होते विश्व के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता पैकेजों पर साथ मिलकर काम करेंगी।

इन समझौतों में भारी-भरकम निवेश समेत विकासशील देशों के साथ जानकारी साझा करना एवं तकनीक का ज्यादा से ज्यादा स्थानांतरण करना शामिल है - एक ऐसा मॉडल जिसे यूके विश्व भर में मौजूद साझेदारों के साथ दोहराने की कोशिश कर रहा है। इन समझौतों से जी7 के नेताओं द्वारा जून में शुरु किए गए ‘‘एक बेहतर दुनिया को दुबारा बनायें‘‘ कदम को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी ताकि विकसित होते विश्व में स्वच्छ अवसंरचना की बड़ी जरुरतों को पूरा करने में मदद मिल सके।

विदेश मंत्री, तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं एवं समान-सोच वाले साझेदारों के साथ मिलकर यूके को सुरक्षा संबंधों एवं आर्थिक,तकनीकी दृष्टिकोण से सुदृढ़ बनाना तथा विश्व भर में ‘‘एक आज़ाद नेटवर्क‘‘ निर्मित करना चाहतीं हैं । भारत जैसे समान-सोच वाले प्रजातंत्रों से निकटतम संबंध इस उद्देश्य के लिए जरुरी हैं । मई में, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमारी साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिए एक नये रोडमैप के लिए स्वीकृति दी थी।

अपने दृष्टिकोण को दर्शाने एवं नजदीकी सहकार्यता हेतु अपेक्षित क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करने के लिए, मुंबई जाने से पहले, विदेश मामलों के मंत्री, सुब्रमण्यम् जयशंकर और पर्यावरण मंत्री, भूपेन्द्र यादव के साथ विदेश मंत्री दिल्ली में मुलाकात करेंगी, जहाँ वह उसी दिन यूके कैरियर स्ट्राईक ग्रुप से मिलने के साथ—साथ अपना अत्यावश्यक बंदरगाह दौरा भी करेंगी।

अपने दौरे के दौरान वह निम्नलिखित घोषणाऐं करेंगी :

  • दो वेन्चर कैपिटल फंड्ज़ में 11.5 मिलियन पाउंड का यूके निवेश जिसका लक्ष्य भारत के स्वच्छ ऊर्जा की ओर स्थानांतरित होने वाले कदमों को समर्थित करना है। ये दोनों फंड्ज़ यूके करदाता को मुनाफा देंगे और यूके की दक्षता का इस्तेमाल करेंगे।
  • भारत में सर्वत्र मौजूद हरित तकनीक अवसंरचना परियोजनाओं को ज्वॉइंट ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड के माध्यम से पैसा देने के लिए विदेशी,कॉमनवेल्थ और विकसन कार्यालय निवेश आर्म सीडीसी द्वारा 70 मिलियन पाउंड का निवेश।
  • 5 लाख पाउंड का यूके अनुसंधान एवं नवोन्मेष (यूकेआरआई) निवेश उन यूके और भारतीय प्रयोगशालाओं का एक नया वर्चुएल नेटवर्क निर्मित करने के लिए जो गिलास,सीमेंट और मेटल्स जैसे प्रमुख उद्योगों में कुल शून्य लक्ष्यों को बढ़ावा देने पर कार्यरत हैं।

विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा :

मैं चाहती हूँ कि भारत और यूके तकनीक,निवेश,सुरक्षा एवं रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अपनी भागीदारी को बढ़ायें। भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातंत्र,और एक तकनीकी एवं आर्थिक महाशक्ति है तथा यूके का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है।

तकनीक एवं अवसरंचना समेत-अन्य क्षेत्रों में नजदीकी संबंध होने से - नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे तथा दोनों देशों का विकास होगा, विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में प्रगति होगी और वैश्विक मंच पर अपने मूल्यों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।

विदेश मंत्री और मंत्री जयशंकर एक ऐसे भविष्यगामी रणनीतिक मंच की घोषणा करेंगे, जो तकनीक एवं सुरक्षा जैसे प्राथमिक क्षेत्रों में नजदीकी संबंधों को आगे बढ़ाने और हमारी साझेदारी के लिए लंबी-अवधि के रणनीतिक दृष्टिकोण को गठित करने हेतु दोनों देशों के सरकारी,व्यवसायिक एवं शैक्षणिक क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को एक साथ लाएगा।

यूके और भारत को अपनी तकनीकी दक्षता के लिए जाना जाता है। ब्रिटेन के विश्व भर में तीसरे सबसे ज्यादा तकनीकी ‘यूनिकॉर्न्स‘ हैं, यह एक स्टॉर्ट-अप का नाम है जिसकी कीमत 1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है। भारत के विश्व भर में सबसे ज्यादा तकनीकी स्टॉर्ट-अप्स हैं।

आज विदेश मंत्री की जलवायु लक्ष्यों पर विचार-विमर्श करने के लिए दिन के अंत में पर्यावरण मंत्री यादव से मुलाकात निश्चित है। वह आने वाले सीओपी 26 (COP26) सम्मेलन से पहले जलवायु परिवर्तन पर यथार्थपूर्ण प्रगति करने की महत्वता को दर्शायेंगी और यह भी दर्ज करेंगी कि भारत पहले से ही विश्वभर में नवीकरणीय तकनीक के मामले में अग्रणी है और विश्वास जतायेंगी कि वे अति महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय निर्धारित योगदान के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी।

कल मुंबई में लिज ट्रस भारत के प्रमुख व्यवसायियों के साथ ‘‘एक बेहतर दुनिया को दोबारा बनायें गोलमेज़‘‘ विषय पर बातचीत करेंगी ताकि विकसित देशों की अवसंरचना को बढ़ाने में मदद मिल सके।

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प्रकाशित 22 October 2021