संघर्ष के दौरान यौन हिंसा रोकने के लिए 113 देशों ने अपनी सहमति दिखाई
ब्रिटिश विदेश मंत्री विलियम हेग और संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि जैनब बांगुरा द्वारा आयोजित न्यूयॉर्क के एक कार्यक्रम में 113 देशों ने संघर्ष के दौरान यौन हिंसा पर एक नए ऐतिहासिक ‘संघर्ष के दौरान यौन हिंसा रोकने के घोषणापत्र’ पर सहमति व्यक्त की है।

Foreign Secretary William Hague with Angelina Jolie, 29 May 2012.
संघर्ष के दौरान समुदायों को आतंकित करने और उन्हें मिटा देने के लिए युद्ध के हथियार के तौर पर बलात्कार और यौन हिंसा के इस्तेमाल को बंद करने के इस घोषणापत्र में कई व्यावहारिक और राजनैतिक प्रतिबद्धताएं शामिल की गई हैं। यह घोषणापत्र इन अपराधों से पीड़ित लोगों को एक महत्वपूर्ण संदेश भेजता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उनकी चिंता है और बलात्कार जैसे जघन्य कृत्य करने वाले दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
विदेश मंत्री विलियम हेग के शब्दों में:
‘मुझे खुशी है कि इतने सारे देशों ने घोषणापत्र का समर्थन किया है: जो कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का स्पष्ट बहुमत है। युद्ध के दौरान जघन्य यौन अपराध करने वालों के सजा से बच निकलने की परिपाटी के खात्मे की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा।
‘इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन को बल देने के लिए अगले साल ब्रिटेन द्वारा एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में सभी देशों की सरकारों के साथ दुनिया भर के नागरिक समाज, न्यायपालिकाओं और सेनाओं के प्रतिनिधियों को एक जुट किया जाएगा।’
वीडियो लिंक के जरिए इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शरणार्थी मामलों के यूएनएचसीआर की विशेष दूत एंजेलिना जोली ने कहा:
‘इतने सारे देशों द्वारा समर्थित यह घोषणापत्र युद्ध क्षेत्र में बलात्कार और यौन हिंसा के प्रति लोगों के नजरिए में वैश्विक स्तर पर वास्तविक बदलाव का संकेत करता है। यह अब तक हमारे द्वारा सुना गया स्पष्ट संदेश है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इन अपराधों से अवश्य निबटेगा।’
अधिक जानकारी:
- विदेश मंत्री विलियम हेग और सं.रा. एसआरएसजी जैनब बांगुरा के भाषणों की एक प्रति और यूएनएचसीआर की विशेष दूत एंजेलिना जोली के वीडियो संदेश की एक लिखित प्रति
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