विश्व की समाचार कथा

ब्रिटेन वैश्विक एंटीबायोटिक्स क्रांति का अग्रणी

सुपरबग के खतरे से निबटने के लिए जिम ओ’नील द्वारा निर्णायक अनुशंसाएं।

anti-microbial resistance

लॉर्ड जिम ओ’नील के एंटी-माइक्रोबियल रेसिस्टेंस (एएमआर) पर वैश्विक समीक्षा द्वारा इसकी अंतिम अनुशंसाएं प्रस्तुत की गई हैं जिसमें दवा-प्रतिरोधी संक्रमण को रोकने और सुपरबग के बढ़ते खतरे से निबटने के लिए एक समग्र कार्ययोजना का प्रावधान है – जिससे अनुमान है वर्ष 2050 तक 1 करोड़ लोगों की मृत्यु हो सकती है, यानी हर 3 सेकेंड पर एक व्यक्ति की मृत्यु जो कि आज कैंसर से मरने वाले लोगों की तुलना में भी अधिक है। आठ अंतरिम दस्तावेजों के आधार पर यह लॉर्ड जिम ओ’नील की 2014 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन द्वारा स्थापित समीक्षा की आखिरी रिपोर्ट है जो ‘दुनिया को दवाओं के अंधे युग से बाहर निकालने’ के उद्देश्य पर आधारित है।

रिपोर्ट बताती है कि क्यों एएमआर इतनी बड़ी समस्या बन गई है कि इससे निबटना पूर्णतया अनिवार्य हो गया है। एएमआर ऐसी समस्या है जो लगातार बढ़ती जा रही है। एंटीमाइक्रोबियल दवाएं अपना असर धीरे-धीरे खो रही हैं और दुनिया को इनके स्थान पर नई दवाएं विकसित करनी पड़ती हैं।

इसमें 10 ऐसे क्षेत्र बताए गए हैं जहां दुनिया को एएमआर से निबटने की आवश्यकता है। इनमें से बहुत से उपाय एंटीमाइक्रोबियल के अनावश्यक इस्तेमाल तथा प्रतिरोध विकसित होने की गति को कम करने के बारे में हैं ताकि हमारी मौजूदा दवाएं अधिक दिनों तक चलें। दूसरे उपाय इस बारे में हैं कि कैसे नए माइक्रोबियल दवाओं की आपूर्ति बढ़ाई जाए, क्योंकि यदि हम अनावश्यक इस्तेमाल को कम कर लेते हैं फिर भी सुपरबग से निबटने में हमारे हथियार कम पड़ जाएंगे और उनका प्रतिपूरण करने की आवश्यकता होगी। अंतिम रिपोर्ट और अनुशंसाएं यहां उपलब्ध हैं।

एएमआर पर रिव्यू के अध्यक्ष लॉर्ड जिम ओ’नील ने कहा:

मेरा रिव्यू इस चुनौती से निबटने के लिए एक साहसिक वैश्विक कार्ययोजना का एक व्यावहारिक ब्लूप्रिंट पेश करता है। आज मैं जिन उपायों को प्रस्तुत कर रहा हूं वे अपने विषय क्षेत्र में महत्वाकांक्षी हैं – लेकिन यह ऐसी समस्या है, जो समाधान की हमारी क्षमता के भीतर है यदि हम अभी इस पर कदम उठाएं तो। मैंने जी7, जी20 देशों की सरकारों तथा संरा. से आह्वान किया है कि प्रतिरोध के कारण भारी मानवीय और आर्थिक क्षति को रोकने के लिए मेरे रिव्यू द्वारा पेश दस प्रस्तावों पर 2016 में वास्तविक कार्यवाही की जाए।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा:

एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस को रोकने, उसे सीमित करने और उससे लड़ने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस से निबटने के लिए भारत ने कई उपाय किए हैं। एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस पर नियंत्रण के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस पर निगरानी के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद कार्यरत हैं। आवश्यक सांविधिक परिवर्तन कर हमने एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री को विनियंत्रित किया है। एंटीबायोटिक के इस्तेमाल के लिए राष्ट्रीय उपचार दिशा निर्देशों के साथ एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के बारे में जागरुकता जगाने के लिए एक अभियान की शुरुआत की गई है। एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस के रोकथाम और नियंत्रण के लिए बहु-क्षेत्रीय एवं बहु-हितकारी कार्रवाई करने की आवश्यकता है। भारत एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस को रोकने और नियंत्रित करने के वैश्विक प्रयासों में पूरा समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आगे की जानकारी:

  • एंटी माइक्रोबियल रेसिस्टेंस (एएमआर) शब्द का इस्तेमाल ‘सुपरबग’ कहे जाने वाले दवा-प्रतिरोधक संक्रमणों को निरूपित करने के लिए किया जाता है। एंटीमाइक्रोबियल में शामिल हैं एंटीबायोटिक्स (जो केवल जीवाणुओं के लिए कारगर होते हैं), एंटीवायरल्स, एंटीपारासिटिक्स और एंटीफंगल्स।

  • वैश्विक स्तर पर दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों से निबटने संबंधी रिपोर्ट: अंतिम रिपोर्ट एवं अनुशंसाएं रिव्यू की वेबसाइट पर वृहस्पतिवार 19 मई को प्रकाशित होंगी।

  • ब्रिटिश प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरन ने एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस पर जुलाई 2014 में एक रिव्यू का गठन किया था, जिसका लक्ष्य था दवा-प्रतिरोधक संक्रमणों की वैश्विक समस्या पर विचार करना। इसके अध्यक्ष थे लॉर्ड जिम ओ’नील और इसे वेलकम ट्रस्ट तथा ब्रिटिश सरकार का सहयोग हासिल था।

  • लॉर्ड जिम ओ’नील एचएम ट्रेजरी के मौजूदा व्यावसायिक सचिव हैं और साथ ही एएमआर पर रिव्यू के अध्यक्ष भी। वह अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अर्थशास्त्री हैं और 2013 तक वह गोल्डमैन सैच एसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष रहे, और पूर्व में वह संगठन के आर्थिक शोध के प्रमुख भी रह चुके हैं। एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस रिव्यू की अध्यक्षता करने से पूर्व उन्होंने सिटीज ग्रोथ कमीशन का नेतृत्व किया, जिसने मैनचेस्टर और नॉर्दर्न पावरहाउस प्रॉजेक्ट से शुरू करते हुए ब्रिटेन के बड़े शहरी केन्द्रों को नई शक्ति सौंपने के सरकार के फैसले में केन्द्रीय भूमिका निभाई थी। विकासशील और मध्य-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के क्षेत्र में अपने काम के लिए वह खास तौर पर जाने जाते हैं जहां ब्रिक यानी BRIC (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) शब्द प्रकाश में आया, जिससे यह प्रकट होता है कि वह एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस द्वारा उत्पन्न व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सरोकारों को समझने में खासतौर से उपयुक्त हैं।

  • इस अंतिम रिपोर्ट के प्रकाशित होने से पहले रिव्यू द्वारा एएमआर समस्या के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अंतरिम शोध पत्रों की एक श्रृंखला प्रकाशित की गई है जो यहां हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।

  • वेलकम ट्रस्ट एक वैश्विक चैरिटेबल फाउंडेशन है जो मानव और पशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए सालाना 700 मिलियन से अधिक राशि खर्च करता है। बिल & मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बाद यह दुनिया में सर्वाधिक व्यय करने वाला फाउंडेशन है जो मुख्य रूप से बायोमेडिकल साइंस, मेडिकल हुमैनिटीज और सार्वजनिक सहभागिता में निवेश करता है। रिव्यू के लिए वित्तीयन का एक भाग इस ट्रस्ट द्वारा प्रदत्त है और अपने लंदन स्थित मुख्यालय में यह टीम का प्रायोजन करता है।

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स्टुअर्ट एडम, प्रमुख,
प्रेस तथा संचार
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प्रकाशित 20 May 2016