भाषण

ब्रिटेन तथा भारत की वित्तीय साझीदार

एंड्रिया लीडसम कहती हैं, ‘उस महान भविष्य पर मेरा अटूट भरोसा है, जिसमें ब्रिटेन तथा भारत मिलकर काम कर सकेंगे’।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Andrea Leadsom

इस महान शहर में उपस्थित होना मेरा सौभाग्य है।

यह एक दिलचस्प शहर है- इतिहास, विविधताओं तथा दिलचस्पियों से भरा किंतु भविष्य के लिए उच्चतम रूप से सज्जित।

यह भारत का वित्तीय हृदय है, एक ऐसा तथ्य जो बड़ी तादाद में लोगों को यहां आने, और अपना भविष्य गढने के लिए प्रेरित करता है। जिसके परिणामस्वरूप आपको जोश, उद्देश्य की समझ और आशावादिता प्राप्त होती है।

मैंने अपने पूरे दौरे के क्रम में जिसका असर अनुभव किया, वह प्रधानमंत्री मोदी का आदर्शवाक्य है- ‘अच्छे दिन आनेवाले हैं’ जिसने वास्तविक रूप से जड़ पकड़ ली है।

और, सीधे कहें तो, ब्रिटेन आपके अच्छे दिनों के निर्माण में आपका अग्रणी सहयोगी बनना चाहता है।

ब्रिटेन में, हमें एक अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने का अपना अनुभव रहा है; वे दुविधाएं तथा लिए जाने वाले आवश्यक कठोर निर्णय, उद्योगों से संवाद, तथा रोजगार और संवृद्धि प्रदान करने के लिए नीतियों पर केंद्रित होना।

इसलिए हम आपके साथ काम करना चाहते हैं, क्योंकि आपने लक्ष्यों का निर्धारण कर लिया है।

हमारी आर्थिक साझेदारी बहुत मजबूत रही है: भारत में हम सबसे बड़े जी20 निवेशक हैं; हमारा द्विपक्षीय व्यापार प्रतिवर्ष 16 अरब पाउंड से ज्यादा का है- 1.5 खरब रुपयों से ज्यादा का- और बढता हुआ; और पिछले चार वर्षों में हमने भारत से अपने आयात में एक तिहाई की वृद्धि की है।

इस साझेदारी का पोषण करना तथा इसे और बढ़ाना इस सरकार का एक मुख्य लक्ष्य रहा है। यह केवल संयोग नहीं था कि प्रधानमंत्री के रूप में डेविड कैमरन ने अपना पहला दौरा, गत 2010 में, भारत का किया था। और जब मई में नई भारत सरकार सत्ता में आई, तो ब्रिटिश चांसलर तथा विदेश सचिव ठीक एक सप्ताह बाद नई दिल्ली पहुंचे।

हम मुंबई और लंदन के बीच कड़ियों को खास तौर पर आर्थिक केंद्रों के रूप में मजबूत करना चाहते हैं।

जुलाई में उनके दौरे के एक अंग के रूप, हमारे चांसलर और आपके वित्त मंत्री महोदय ने वार्षिक ब्रिटेन-भारत आर्थिक तथा वित्तीय वार्ताओं के सातवें दौर की बैठक की।

वहां, उन्होंने ब्रिटेन-भारत वित्तीय सहभागिता शुरू करने पर सहमति व्यक्त की- एक रणनैतिक सहभागिता, जिसे हमारी सरकार तथा हमारे वित्तीय सेवा उद्यमों का समर्थन हासिल है, जो मुंबई और लंदन को और भी करीब तथा घनिष्ठ बनाएगा।

इसके प्रथम वर्ष में, इस सहभागिता के पांच विस्तृत कार्य निर्धारित किए गए हैं:

  • पहला, भारतीय कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार विकसित करने में परस्पर सहयोग करना- जिससे अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र तथा विदेशी निवेश का प्रवाह हो
  • दूसरा, किस प्रकार एक सुरक्षित तथा स्थायी वित्तीय प्रणाली का प्रबंध किया जाए, इसके बारे में एक दूसरे से सीखना तथा विशेषज्ञताएं साझा करना
  • तीसरा, वित्तीय प्रशिक्षण तथा योग्यताओं को बढ़ावा देना, जिससे हम परिष्कृत वित्तीय बाजारों के लिए सहयोगी उच्च योग्यताधारी व्यक्तियों को तैयार कर सकें
  • चौथा, भारत सरकार को यह सुनिश्चित करने में सहायता करना कि हर किसी को उपयुक्त तथा वहनीय वित्तीय सेवाएं हासिल हो सकें
  • पांचवां, वित्तीय तथा बीमा सेवाओं के सीमा-रहित प्रावधानों को बढ़ावा देना। हम अपने वित्तीय बाजारों के बीच संपर्कों को और घनिष्ठ बनाना चाहते हैं तथा हेकिल, यूनियन बैंक तथा कोटक महिंद्रा जैसे और अधिक भारतीय विशिष्ट उद्यमों को ब्रिटेन में संचालन के लिए प्रोत्साहन देना चाहते हैं।

कोटक महिंद्रा के बारे में बात करें तो, आज मुझे, अपनी नई वित्तीय सहभागिता के लिए नेतृत्व की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।

भारतीय पक्ष से, इस सहभागिता का नेतृत्व श्री उदय कोटक करेंगे, जो आज यहां उपस्थित हैं। श्री कोटक, कोटक महिंद्रा बैंक के कार्यकारी उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक हैं। वे अर्नेस्ट एंड यंग के आंट्रप्रेन्यर ऑफ द ईयर 2014 भी हैं।

और ब्रिटेन के पक्ष से, इसका नेतृत्व सर गैरी ग्रिमस्टोन करेंगे। वे स्टैंडर्ड लाइफ तथा द सिटी यूके के अध्यक्ष हैं, तथा उन्हें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र, दोनों में तकरीबन चार दशकों का विशिष्ट अनुभव रहा है- जिसमें वित्तीय सेवाओं के लिए यूकेटीआई के विशेष प्रतिनिधि के रूप में भारत का अनुभव भी सम्मिलित है।

श्री कोटक तथा सर गैरी दोनों बेहद सम्मानित बिजनस लीडर्स हैं, जो विशाल वैश्विक वित्तीय सेवा फर्मों का नेतृत्व कर रहे हैं।

ये दोनों स्वीकार करते हैं कि अगर आप मौजूदा अवसरों को मुट्ठी में नहीं करते, तो सफलता की लक्ष्यरेखा को पार कर पाना बहुत मुश्किल है, जिसमें आपको अपनी मूल पूंजी, जो 250,000 अमेरिकी डॉलर से कम है, को 2.8 अरब अमेरिकी डॉलर के राजस्व के साथ एक अंतर्राष्ट्रीय समूह में बदल देना है- जैसा कि श्री कोटक ने किया है।

और ये दोनों उन लाभों का महत्व समझते हैं, जो सीमा-पार के सहयोग द्वारा राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को प्राप्त होते हैं। मिसाल के तौर पर, भारत और चीन में स्टैंडर्ड लाइफ के संयुक्त उद्यम व्यवसायों द्वारा 1.6 अरब ग्राहकों की सेवा के लिए रोजगार पैदा किए गए।

अगले वर्ष के दौरान, मि. कोटक तथा सर गैरी भारतीय तथा ब्रिटिश वित्तीय सेवा उद्यमों के विशेषज्ञों के एक समूह का नेतृत्व करेंगे, जो आर्थिक तथा वित्तीय वार्ताओं के दौरान दिए गए वक्तव्य में निर्धारित पांच कार्यक्षेत्रों के अंतर्गत मुख्य प्राथमिकताओं का परीक्षण करेंगे।

मैं इस बात पर बल देना चाहता हूं कि यह एक स्वायत्त, उद्योग-नीत प्रयास है। यह हमारे राजनैतिक दर्शन के बहुत अनुरूप है: उद्योगों के समर्थन में यह सरकारों का काम है, लेकिन हम वह नहीं करना चाहते जिसे उद्योग बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

अगर वे किसी समस्या की पहचान कर सकते हैं जिसे उद्योग-नीत कार्रवाइयों द्वारा हल किया जा सकता है, तो वे ऐसा करें।

और अगर समस्या में सरकारी स्तर पर हस्क्षेप की जरूरत हो, तो वे लंदन और मुंबई के नीति-निर्धारकों से संपर्क कर सकते हैं।

अगली वार्ता से पूर्व, श्री कोटक तथा सर गैरी, वित्तीय सहभागिता की प्रगति का प्रतिवेदन देंगे तथा हमारे वित्त मंत्रियों के लिए अनुशंसाएं प्रस्तुत करेंगे, जिसमें अगले वर्ष के आगे के कार्यों की अनुशंसाएं भी होंगी।

मैं बहुत खुश हूं कि हमारे पास, इस वित्तीय सहभागिता को आगे ले जाने के लिए इस प्रकार के दो उच्च-योग्यताधारी तथा प्रख्यात व्यक्तित्व हैं, और मेरा उस महान भविष्य पर दृढ़ विश्वास है जब ब्रिटेन तथा भारत साथ मिलकर काम कर सकेंगे।

मिसाल के तौर पर, ब्रिटेन यह देखना चाहेगा कि रुपए का एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में विकास हो, जिसके लिए यह पूर्णतः योग्य है। और, ठीक जैसे, रेनमिनबी के अंतर्राष्ट्रीयकरण में हम चीन के मुख्य सहयोगी हैं, हम आपके लिए प्रथम आमंत्रित सहभागी होना चाहेंगे।

हम ईयू-भारत के महत्वाकांक्षी व्यापक आधार वाले व्यापार तथा निवेश समझौते (बीटीआईए) के लिए एक मुख्य सहयोगी के रूप में अपनी सेवाएं देते रहेंगे- क्योंकि हम इससे दोनों पक्षों को हासिल होनेवाले फायदों को पूर्णतः स्वीकार करते हैं।

हम और अधिक निवेश देखना चाहते हैं- भारत में ब्रिटेन का, तथा ब्रिटेन में भारत के द्वारा। हम आपके अवसंरचना क्षेत्र के निर्माण में अपनी विशेषज्ञताएं आपसे बांटना चाहते हैं। और हम उन कंपनियों की सहायता करेंगे जो एक देश से दूसरे देशों तक अपने परिचालनों का विस्तार करना चाहती हैं।

और, यद्यपि पाउंड तथा रुपया महत्वपूर्ण हैं, यह एक ऐसा संबंध होना चाहिए, जो हमारे धन से परे तक विस्तृत हो।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी विदेशी भारतीय आबादी ब्रिटेन में निवास करती है, जो हमारे लिए अत्यंत प्रबल सांस्कृतिक संपर्क प्रदान करती है, और वित्त विभाग में मेरी सहयोगी प्रीति पटेल भारतीय प्रवासियों में सरकार के चैम्पियन के रूप में बेहतरीन काम कर रही हैं।

आप महत्वाकांक्षी तथा उच्च-दक्षता प्राप्त कार्मिकों के एक स्थायी रूप से विकासशील बाजार हैं, और उन्हें अपेक्षित प्रशिक्षण प्रदान करने में ब्रिटेन का एक बेहतरीन कार्य-निष्पादन रिकार्ड रहा है। इसलिए हमने गत पांच वर्षों में भारत से आने वाले 100,000 से ज्यादा छात्रों का स्वागत किया है।

और यह एकतरफा यातायात तो नहीं है: हमारे द्वारा निर्मित- ब्रिटेन भारत कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों में यहां 25,000 ब्रिटिश छात्रों को भेजा जाएगा- उन्हें आपके देश से पेशेवर तथा निजी संपर्कों को विकसित करने में सहायता देने के उद्देश्य से।

जब हम अपने संबंधों का निर्माण कर रहे हैं तो हम हमेशा एक महत्वपूर्ण बात याद रखेंगे:

रोजगार और संवृद्धि के सृजन के प्रति ब्रिटेन तथा भारत की एक समान प्रतिबद्धता है।

अगर हम सही नीतियां तथा सही संरचनागत सुधार लाते हैं, तो यह हमारे सभी नागरिकों की समृद्धि के रूप में परिणत होगा। अच्छे दिन सचमुच आएंगे।

इसलिए इस समृद्धि को साकार करने के लिए, आइए, साथ मिलकर काम करते रहें।

धन्यवाद।

प्रकाशित 16 October 2014