विदेश मंत्री द्वारा चंडीगढ़ में नए उप-उच्चायोग का उद्घाटन
चंडीगढ़ में नए ब्रिटिश उप-उच्चायोग के उद्घाटन के अवसर पर फिलिप हैमंड ने संबोधित किया।

“सत श्री अकाल”
“नमस्कार”
इस “सुंदर शहर” में होना बड़े सौभाग्य की बात है।
और यहां चंडीगढ़ में ब्रिटेन के नए उप-उच्चायोग के उद्घाटन का अवसर मिलना भी सौभाग्य का विषय है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन और भारत को “एक अपराजेय संयोजन” कहा है। मैं इससे सहमत हूं।
ब्रिटेन एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जो प्रगतिपथ पर अग्रसर है, और यही भारत भी कर रहा है।
ब्रिटेन के पास अपनी समृद्धि तथा स्पर्धात्मकता सुनिश्चित करने के लिए एक दीर्घावधि आर्थिक योजना है, और भारत के साथ भी ऐसा ही है।
विगत वर्ष तक ब्रिटेन दुनिया की सबसे तेज गति से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था रहा था। भारत में दुनिया की सबसे गतिशील अर्थव्यवस्था बनने की संभावनाएं मौजूद हैं।
और यहां चंडीगढ़ में हमारा खासतौर पर अच्छा मेल बैठता है।
जैसा कि ब्रिटेन के पंजाबी समुदाय के कई सदस्य आपको बताएंगे, ब्रिटेन निवेश और व्यवसाय करने के लिए दुनिया भर में सबसे बेहतरीन जगह है।
निम्न मुद्रास्फीति तथा ब्याज दरें। अवसंरचना क्षेत्र में निवेश-प्रवाह। जी20 देशों में सबसे कम, और जी7 देशों में भी कम से कम निगम कर दरें।
हम इन्हें और भी बेहतर बनाने को प्रतिबद्ध हैं।
जी20 देशों में हम स्पर्द्धात्मक रूप से न्यूनतम निगम कर दरों को बनाए रखने का आश्वासन देते हैं।
और हम दुनिया भर में अपने रणनैतिक साझीदारों के साथ निवेश करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं, जिससे सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संपर्कों को मजबूती और साझे सुरक्षा हितों को बढ़ावा मिले।
भारत हमारे इन विचारों के केंद्र में हैं, और चंडीगढ़ का उप-उच्चायोग भारत में हमारे नेटवर्क का ताज़ा संस्करण मात्र है, जो अब भारत में अन्य किसी भी देश के राजनयिक नेटवर्कों में सबसे बड़ा और दुनिया के किसी भी देश में ब्रिटेन के राजनयिक नेटवर्कों में भी सबसे बड़ा है।
लेकिन इससे आपको आश्चर्यचकित क्यों होना चाहिए?
ब्रिटेन, भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक है, जो अमेरिका और जापान के सम्मिलित निवेश से भी ज्यादा निवेश कर रहा है तथा ब्रिटेन द्वारा व्यवसायों को मजबूती देना, “स्मार्ट” शहरों, और सतत ऊर्जा कार्यक्रमों को समर्थन प्रदान करना भारत के सुधार कार्यक्रमों के लिए बेहद सहायक है।
हमारा राजनयिक नेटवर्क बड़ा हो सकता है, लेकिन ब्रिटेन में आप्रवासी भारतीय समुदाय के सामने यह बेहद छोटा है, जिसका प्रत्येक सदस्य एक राजदूत है, जो घनिष्ठ ब्रिटिश-भारतीय संबंधों को दिन-ब-दिन और बढ़ावा देता है। और, इसके साथ ही, वह ब्रिटेन की शक्ति और समृद्धि में एक बहुमूल्य योगदान भी देता है।
हमारे सांस्कृतिक संपर्क एक अनोखी विरासत हैं।
मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि हमारी दोनों सरकारों ने ब्रिटेन-भारत शैक्षिक तथा अनुसंधान प्रयासों को और पांच वर्षों तक जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है।
हम आनेवाले वर्षों में भारत के लिए एक बड़ी संख्या में छात्रवृत्तियां उपलब्ध करा रहे हैं। हमारा अग्रणी शेवेनिंग कार्यक्रम दुनियाभर में सबसे बड़ा है, जिसके तहत 130 भारतीय छात्रों को ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्ति के लिए पूर्णतः वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। तथा विगत दशकों में ब्रिटेन में 250,000 से ज्यादा भारतीय छात्रों को शिक्षा प्रदान की गई है। हम और ज्यादा छात्रों का स्वागत करते हैं तथा एक नई पीढ़ी के ब्रिटिश-भारतीय कार्यक्रम का लक्ष्य 2020 तक 25,000 ब्रिटिश छात्रों को भारत लाना है।
हम चंडीगढ़ में एक नया उप-उच्चायोग स्थापित कर रहे हैं, इस तथ्य से भारत के भविष्य के प्रति हमारी आस्था अभिव्यक्त होती है।
और इससे भारत के राज्यों के साथ हमारी विशिष्ट साझेदारी की अभिलाषा भी अभिव्यक्त होती है, जहां भारत की प्रगति की इतनी ज्यादा कहानियां लिखी गई हैं।
इसलिए मैं उन सबों को शुभकामनाएं देता हूं जो चंडीगढ़ उप-उच्चायोग की स्थापना में सहायक रहे हैं, जिनके साथ ब्रिटिश काउंसिल भी सम्मिलित है, जो ब्रिटिश-भारतीय टीम का अद्यतन संस्करण है और मैं इस अपराजेय संयोजन को भविष्य में और भी मजबूत बनाने में लगे आप सबों की सफलता की कामना करता हूं!
आगे की जानकारी:
भारत में ब्रिटेन के राजनयिक मिशन हैं- दिल्ली में उच्चायोग तथा अहमदाबाद, बैंगलोर, चंडीगढ़, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई स्थिति उप-उच्चायोग। पुणे में एक वाणिज्य कार्यालय और गोवा में एक पर्यटक सूचना कार्यालय भी है।
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