भाषण

इंडिया-यूके फिनटेक कॉन्फ्रेंस में चांसलर

वित्त मंत्री फिलिप हैमंड ने कहा कि हमारी साझेदारी से दोनों देशों की उन महत्वाकांक्षी फिनटेक कंपनियों को फायदा होगा जिन्हें अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए अवसरों की तलाश है।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
फिनटेक कॉन्फ्रेंस

मुझे यहां भारत की वित्तीय राजधानी - मुंबई में आकर और इंडिया-यूके फिनटेक कॉन्फ्रेंस में भाग लेकर बहुत खुशी हो रही है। यह सम्मेलन दोनों देशों के बीच गहरी और बढ़ती आर्थिक साझेदारी का प्रतीक है। इससे पारस्परिक लाभ के लिए साथ मिलकर काम करने की हमारी मजबूत आंकाक्षा और क्षमता का पता चलता है।

और यह नए क्षेत्रों में सहयोग स्थापित करके इस साझेदारी को मजबूत और गहन बनाने के हमारे दृढ़ संकल्पों को दर्शाता है। मेरे लिए, यह अनूठे साझा इतिहास पर आधारित साझेदारी है जो समान मूल्यों और एक दूसरे के भविष्य की समृद्धि और सफलता में साझा हिस्सेदारी से से जुड़ी हुई है।

इसी वजह से ब्रिटिश सरकार द्धारा पिछले हफ्ते यूरोपीय संघ से बाहर निकलने पर बातचीत की शुरुआत करने के बाद मुझे यूरोप के बाहर भारत आने पर बहुत खुशी हो रही है।

यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए ब्रिटेन का वोट स्पष्ट था।

यह ब्रिटेन के लिए अपने निर्णय लेने और अपनी भविष्य को निर्धारण करने की इच्छा को दर्शाता है। लेकिन यह वोट अलगाव के लिए नहीं था। इससे काफी अलग था।

इसके बजाय, यह वोट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सक्रिय तथा और अधिक वैश्विक ब्रिटेन के लिए था।

एक ऐसा ब्रिटेन जो अपने यूरोपीय पड़ोसियों का करीबी दोस्त और भागीदार बना रहेगा।

लेकिन एक ऐसा भी ब्रिटेन जो दुनिया भर के अपने पुराने मित्रों और नए सहयोगियों के साथ संबंधों को और मजबूत बनाता है हम मुक्त व्यापार और खुले बाजार के सबसे मजबूत और सबसे प्रतिबद्ध समर्थक बने रहेंगे। यही हमारे नागरिकों के जीवन स्तर को बढ़ाते रहने और हर साल दुनिया भर में लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का तरीका है।

और जब हम यूरोपीय संघ के साथ यथासंभव स्वतंत्र रूप से व्यापार करना जारी रखना चाहते हैं, तो हम विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के साथ यूरोपीय संघ के बाहर के देशों के साथ व्यापारिक समझौते करने की स्वतंत्रता भी चाहते हैं।

जैसा कि प्रधान मंत्री ने नवंबर में भारत में अपने पहले व्यापार शिष्टमंडल की यात्रा के दौरान कहा था कि हमारी सफलता की संभावना तब और बढ़ जाती है जब हम समान मूल्यों, कानूनी व्यवस्थाओं, व्यापार के लिए दृष्टिकोण और दुनिया को देखने के नजरिये वाले साझेदारों के साथ काम करते हैं।

इसी वजह से हमारे दोनों देशों के बीच पहले से ही काफी मजबूत साझेदारी है। और इसी कारण से इस साझेदारी में आगे बढ़ने की काफी क्षमता है।

ब्रिटिश कंपनियों ने 2000 के बाद से भारत में अमेरिका या किसी अन्य यूरोपीय देश की अपेक्षा ज्यादा निवेश किया है।

और संगठित निजी क्षेत्र में 20 भारतीय नौकरियों में से 1 का सृजन यूके की कंपनियों द्धारा किया जाता है। इसी तरह से, भारतीय कंपनियां पूरे यूरोपीय संघ की अपेक्षा ब्रिटेन में अधिक निवेश करती हैं।

और टाटा जैसी भारतीय कंपनियां ब्रिटेन की सबसे बड़े नियोक्ताओं में से हैं जो अपने बेहतरीन प्रबंधन और दीर्घकालिक निवेश से ब्रिटिश कारोबार को परिवर्तित कर रही हैं।

कल, मैंने वित्त मंत्री जेटली के साथ अपनी आर्थिक और वित्तीय वार्ता के अंतर्गत सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर औपचारिक चर्चा की थी।

आपकी अपेक्षाओं के अनुसार फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर उस वार्ता के केंद्र में था।

यूके में, सभी प्रमुख क्षेत्रों में मजबूती और उनके सहयोग के लिए सेवाओं के साथ हम अपने वित्तीय सेवा क्षेत्र को दुनिया में अग्रणी मानते हैं।

और हमारे पास भविष्य के बाजारों के लिए दुनियां में हमारी अग्रणी स्थिति है - चाहे वह ग्रीन फाइनेंस हो, फिनटेक हो, या फिर रुपये और रॅन्मिन्बी प्रोडक्ट्स।

हम इस क्षेत्र की ताकत का उपयोग भारत और ब्रिटेन के समान लाभ के लिए करना चाहते हैं।

उदाहरण के लिए, ब्रिटेन पहले से ही 15 से अधिक भारतीय बैंकों को होस्ट करता है जो हमारे वाइब्रेंट इंटरनेशनल बैंकिंग कम्युनिटी में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। और ब्रिटेन की वित्तीय सेवा कंपनियाँ बीमा, संपत्ति प्रबंधन, फिनटेक और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में भारत के सबसे लोकप्रिय नाम हैं।

निवेश के लिए भारत की जरुरतें स्पष्ट है, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में। और हमारे दो वित्तीय क्षेत्रों के बीच गहरे संबंध से यह सुनिश्चित होता है कि आकांक्षा पूरी हुई है।

लंदन का पूंजी बाजार विशिष्ट रूप से गहन और तरल हैं - विविध अंतर्राष्ट्रीय निवेशक बेस से वित्त जुटाने के लिए एक आदर्श स्थान है।

पिछले साल हमने लंदन में जारी दुनिया के पहले मसाला बॉन्ड के साथ एक नए बाजार का सृजन देखा है - जिससे 1.5 अरब डॉलर एकत्र हुए थे। अभी तक सभी मसाला बॉन्ड में से लगभग 80 प्रतिशत लंदन से जारी किए गए हैं। और हमें बहुत जल्द भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से इससे भी ज्यादा देखने को मिलेगा। और आज के कॉन्फ्रेंस में एक और ऐसा आकर्षक क्षेत्र उजागर हुआ है जहां ब्रिटेन और भारत अपने पारस्परिक लाभ के लिए सहयोग कर सकते हैं - फिनटेक में।

यूके में, भारत में, दुनिया भर में फिनटेक उत्पाद पहले से ही अपनी वृहद परिवर्तनकारी क्षमता का प्रदर्शन शुरू कर चुके हैं। चाहे वह आपके स्मार्टफोन पर किसी बटन के टच से दुनिया भर में कहीं पैसा भेजना हो या सेवर को सीधे छोटे व्यवसाय से जोड़ना हो, इसने पहले ही हमारे वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव किये हैं। यह पहले से ही उपभोक्ताओं को अपने स्वयं के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है।

और इसके अंदर भविष्य में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।

मुझे इस बात पर गर्व है कि ईआई और डेलॉइट दोनों ने स्वतंत्र रूप से फिनटेक फर्म के रूप में सफल होने के लिए यूके को दुनिया की सबसे अच्छी जगह के रूप में स्थान दिया है।

और निश्चित रूप से, यहां मुंबई में आप भारत की फिनटेक क्रांति के केंद्र में हैं, जहां 2016 में भारत के फिनटेक सेक्टर के कुल निवेश का एक तिहाई से अधिक हिस्सा आकर्षित हुआ है। यहां के कई इनोवेटिव फिनटेक फर्म को कुछ शानदार उदाहरणों को देखने के लिए मैने आज फिनटेक के विशेष प्रतिनिधि ईलीन बर्बिज के साथ बार्कलेज़ राइज़ का दौरा किया। और यह अच्छी खबर है कि बार्कलेज़ राइज अपने फिनटेक प्रोग्राम का विस्तार करेगा, जिसमें ब्रिटेन-भारत फिनटेक एक्सचेंज कार्यक्रम का संचालन शामिल है।

मेरा मानना है कि ब्रिटेन और भारत के लिए इस तेजी से विकसित होते क्षेत्र में मजबूत साझेदार बनने की काफी संभावना है। भारत में 220 मिलियन एक्टिव स्मार्टफोन उपयोगकर्ता हंा - जो पूरे ब्रिटेन की आबादी का तीन गुना है! इसके अलावा भारत के विमुद्रीकरण कार्यक्रम का मतलब है कि उसके वित्तीय सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहा है।

नए फिनटेक पेमेंट फर्म, छोटे वित्त दाता, और बीमा कंपनियां बाजार में प्रवेश कर रही हैं। ये कंपनियां 2034 तक 90% आबादी को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के आरबीआई के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेंगी।

फिनटेक के वर्ल्ड लीडर के रूप में, इस उद्देश्य में सहायता करने के लिए ब्रिटेन इससे बेहतर स्थिति में नहीं हो सकता है और इस प्रक्रिया में पहले की अपेक्षा कहीं अधिक भारतीय नागरिकों को महत्वपूर्ण वित्तीय सेवाओं तक पहुंचने का अवसर मिलता है। कल, हमने फिनटेक पर गहन साझेदारी की घोषणा की थी।

इससे हमारी कंपनियों के बीच अभिन्न व्यावसायिक संबंध बनाने और हमारे नियामकों के बीच व्यापक संबंध बनाने में मदद मिलेगी।

हमारी साझेदारी से अपने कारोबार का विस्तार करने के अवसरों की तलाश करने वाली दोनों देशों की फिनटेक कंपनियों को लाभ होगा। हम उन यूके फिनटेक कंपनियों के लिए बेहद खुश हैं जो पहले से ही भारतीय बाजार में सफल रही हैं, जिसमें यूके फिनटेक कंपनियों का वह प्रतिनिधिमंडल भी शामिल है जो मुझसे आज यहां मुंबई में मिला है।

और हम उन सफल भारतीय फिनटेक कंपनियों का स्वागत करते हैं जो पहले से ही ब्रिटेन में स्थापित हैं।

मैं ब्रिटेन में अभी और अधिक भारतीय फिनटेक निवेशकों का स्वागत करने के लिए और अगले सप्ताह लंदन में हमारे अंतर्राष्ट्रीय फिनटेक सम्मेलन में आप में से कईयों को देखने के लिए उत्सुक हूं।

हमारे फिनटेक क्षेत्र के बीच गहन साझेदारी हमारे वित्तीय सेवा उद्योगों के लिए अच्छी होगी, हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए अच्छी होगी और दोनों देशों के उपभोक्ताओं के लिए भी अच्छा होगी।

और उन सुधार कार्यक्रमों में निश्चित तौर पर इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी जो अभी तक प्रधान मंत्री मोदी और वित्त मंत्री जेटली के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक विकसित हो रही है।

इसलिए भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी के निर्माण पर फोकस करते हुए मेरा यह मानना है अपनी अर्थव्यवस्थाओं - विशेष तौर पर फिनटेक जैसे सबसे आकर्षक क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ाने के लिए हमारे हित में है।

लंदन और मुंबई में, हमारे पास विशेषज्ञता और रचनात्मकता की अपार क्षमता मौजूद है जिसपर हमें चलना है।

और साथ काम करके, एक दूसरे की ताकत को इंगित करके हम ब्रिटिश और भारतीय उपभोक्ताओं के समान लाभ के लिए अपने संबंधित फिनटेक उद्योगों को मजबूत बना सकते हैं।

इसलिए मैं इस कमरे में मौजूद इनोवेटर्स, रेगुलेटर्स और लेजिस्लेटर्स को भावी अवसरों पर ध्यान देने और उन्हें दोनों हाथों से पकड़ने के लिए प्रेरित करता हूं।

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प्रकाशित 5 अप्रैल 2017