भाषण

साझेदारी का उत्सव - उड़ीसा में ब्रिटेन

कोलकाता के ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त स्कॉट फर्सडोनवुड द्वारा भुवनेश्वर में ‘साझेदारी का उत्सव - उड़ीसा में ब्रिटेन’ अभियान के उद्घाटन समारोह में दिए गए अभिभाषण के अंश।

Scott Furssedonn-Wood MVO

माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मंत्रीगण, सम्मानित अतिथि, देवियों और सज्जनों!

उड़ीसा में मुझे ब्रिटेन की सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए अत्यंत प्रसन्नता एवं गर्व का अनुभव हो रहा है। आज की सुबह फिर से भुवनेश्वर आकर ‘उड़ीसा में ब्रिटेन’ अभियान में आप सबका स्वागत करते हुए बड़ा अच्छा लग रहा है।

खासकर इस सुबह उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक को अपने बीच पाकर हमें बड़ी खुशी हो रही है। और मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि हमारे साथ बिटेन के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग के मंत्री श्री डेस्मंड स्वेन एमपी भी मौजूद हैं। ब्रिटेन-उड़ीसा संबंध की ताकत और उसके महत्व का इससे बड़ा और क्या प्रमाण हो सकता है कि आप दोनों आज की सुबह एक साथ यहां मौजूद हैं।

हमने आपको जो फिल्म दिखाई उसमें आपने ‘ग्रेट’ शब्द तथा इस सप्ताह के कार्यक्रमों की ब्रैंडिंग पर ध्यान दिया होगा। यह ‘ग्रेट’ ब्रिटेन अभियान का हिस्सा है जिसके मूल में एक बहुत ही सरल संदेश निहित है। ब्रिटेन में हम अपने अतीत पर गर्व करते हैं, अपने भविष्य को लेकर आत्मविश्वास रखते हैं और हमें लगता है कि ऐसी कई सारी चीजें हैं जो हमारे देश को ग्रेट बनाती हैं। लेकिन हम उन ग्रेट चीजों का उत्सव भी मनाना चाहते हैं जो हम अपने सबसे महत्वपूर्ण साझेदार के साथ मिलकर करते हैं, खासकर भारत में और उड़ीसा जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में।

यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सप्ताह है। इस सप्ताह हम युनाइटेड किंगडम का उड़ीसा राज्य के साथ संबंधों के नए युग का उत्सव मना रहे हैं। इस राज्य को हम बड़ी अच्छी तरह जानते हैं। ब्रिटेन की सरकार और खास कर अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग यहां वर्षों से कार्यरत रहे हैं। हमने हमेशा उड़ीसा के विशेष महत्व को समझा है और हमें यह कहते खुशी हो रही है कि राज्य में हमारा आत्मविश्वास यहां के महत्वपूर्ण चहुंमुखी विकास को देखकर निर्मित हुआ है।

सारा श्रेय सुशासन और बेहतरीन सामाजिक-आर्थिक विकास को जाता है, उड़ीसा का भविष्य उज्ज्वल है। हम इस राज्य में साझेदार बनना चाहते हैं जिससे उस उज्जवल भविष्य का निर्माण होगा। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक संख्या में उड़ीसा के प्रतिभाशाली युवा ब्रिटेन के विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन करें। हमें और अधिक ब्रिटिश कंपनियां चाहिए और मैं इस सप्ताह अपने साथ 10 ग्रेट ब्रिटिश कंपनियों को लाया हूं ताकि वे अपनी विश्वस्तरीय उत्पाद और सेवाएं उड़ीसा लाएं। हम और अधिक ब्रिटिश आइडिया और विशेषज्ञता साझा करना चाहते हैं क्योंकि उड़ीसा शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निबट रहा है। सबसे महत्वपूर्ण यह कि हम अपने लोगों के बीच मजबूत और गहरे संबंध चाहते हैं इसलिए ब्रिटेन और उड़ीसा की साझेदारी हमारे बेहतर भविष्य को आकार देगी।

आगामी तीन दिन हम भुवनेश्वर में कई कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे जो ब्रिटेन और उड़ीसा की साझेदारी के उत्सव के रूप में होंगे और उन रोमांचक चीजों का प्रदर्शन करेंगे जो अभी और भविष्य में उड़ीसा को ब्रिटेन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

इस संध्या हम शहरी एवं पर्यावरण क्षेत्रों में दस ब्रिटिश कंपनियों तथा उड़ीसा सरकार के प्रतिनिधियों के साथ टिकाऊ शहरीकरण विषय पर गोलमेज चर्चा करेंगे। ये कंपनियां स्मार्ट शहरी प्रौद्योगिकी, मास्टर-प्लानिंग, अपशिष्ट और जल प्रबंधन तथा जलवायु-हितैषी शहरी प्रौद्योगिकी मामलों में विशेषज्ञता रखती हैं। मुझे विश्वास है कि ये उड़ीसा के शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

आज दोपहर बाद मैं एक ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करूंगा जिसमें विचार किया जाएगा कि भारत के भविष्य के शहर कैसे होंगे। ग्रेट वार्ता, व्याख्यानों की एक श्रृंखला है जिसका आयोजन हमने पूर्वी भारत में किया है जिसमें प्रभावशाली भारतीय एवं ब्रिटिश चिंतकों को साझा हितो वाले मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करने हेतु आमंत्रित किया जाता है। आज शाम जैवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में फाउंडेशन फॉर फ्यूचर सिटीज के अध्यक्ष करुणा गोपाल तथा ब्रिटिश लेखक और पत्रकार बी रॉलेट इस बात पर चर्चा करेंगे कि कौन सी बातें किसी शहर को महान बनाती हैं और किस प्रकार भारत के शहर भविष्य की चुनौतियों का सामना कर पाएंगे।

कल हम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। क्लाइमेट चेंज इनोवेटिव प्रोग्राम के तहत बिटेन के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग और भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिलकर एक सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं जिसमें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निबटने में ब्रिटेन-उड़ीसा साझेदारी की भूमिका पर चर्चा होगी। मुझे प्रसन्नता है कि उड़ीसा के महामहिम राज्यपाल श्री एस सी जमीर साहब इस कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए सहमत हुए हैं।

उड़ीसा जैसे राज्यों के लिए जलवायु परिवर्तन बहुत बड़ी चुनौती है। श्री कैलाश सिंह देव जैसे राजनेता के नेतृत्व में पहले से उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं और इनके व्याख्यान हम कुछ ही देर में सुनने वाले हैं। मुझे गर्व है कि ब्रिटेन इस कार्य में एक महत्वपूर्ण साझेदार है और मुझे इस बात को लेकर प्रसन्नता है कि हम इस साझेदारी को इस सप्ताह और आगे ले जाएंगे।

कल दोपहर बाद, एसएआई इंटरनेशनल स्कूल में हम सैकड़ों युवाओं के साथ बिटेन में उच्च शिक्षा के अवसरों पर बात करेंगे। हम उनसे ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने के बारे में चर्चा करेंगे जो सभी ग्लोबल सर्वे में हमेशा सर्वोच्च स्थानों पर रहते हैं। हम उन्हें बताएंगे कि कैसे ब्रिटिश शिक्षा रोजगार और वैश्विक गतिशीलता का पासपोर्ट है। हम उन्हें बिटेन में छात्र जीवन के बारे में बताएंगे और यह बताएंगे कि संस्कृति, खेल-कूद, इतिहास, मनोरंजन के क्षेत्र में बिटेन क्या कुछ दे सकता है और यह भी कि वहां उनका हार्दिक स्वागत है।

हम बिटेन द्वारा प्रदान किए जा रहे शानदार स्कॉलरशिप के बारे में भी बताएंगे और मैं इस पर अभी कुछ शब्द कहना चाहूंगा। 2015-16 में 50 लाख पाउंड से अधिक यानी 50 करोड़ रुपए बिटेन में अध्ययनरत 600 से अधिक छात्रों को स्कॉलरशिप देने पर व्यय होंगे। ब्रिटिश काउंसिल द्वारा 15 लाख पाउंड, यानी 15 करोड़ रुपए 400 से अधिक युवाओं के लिए ग्रेट स्कॉलरशिप हेतु आवंटित है। और विदेश एवं राष्ट्रमंडल कर्यालय (एफसीओ) तथा सहभागी संगठनों की सहायत से ब्रिटिश सरकार द्वारा 160 देशों में चलाये जा रहे वैश्विक छात्रवृत्ति कार्यक्रम शेवनिंग स्कॉलरशिप के तहत भारतीय छात्रों के लिए 2015-16 में 26 लाख पाउंड, यानी 26 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे।

वस्तुतः, शेवनिंग का भारतीय कार्यक्रम दुनिया में सबसे बड़ा है। इस साल हम स्नातक छात्रों के लिए किसी भी मान्यताप्राप्त ब्रिटिश विश्वविद्यालय में किसी भी विषय में एक वर्षीय मास्टर पाठ्यक्रम तथा मध्यम से उच्च स्तरीय पेशेवरों के लिए मान्यताप्राप्त ब्रिटिश विश्वविद्यालय में थिमैटिक शॉर्ट-कोर्स के लिए 130 पूर्ण आर्थिक सहायता वाले मेरिट आधारित स्कॉलरशिप प्रदान कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि उड़ीसा के सर्वोत्तम प्रतिभाशाली छात्र अपने अध्ययन गंतव्य के रूप में ब्रिटेन का चयन करें और इन छात्रवृत्तियों का लाभ उठाते हुए वहां आएं।

शहरों, व्यवसाय, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा के साथ-साथ इस सप्ताह हम निम्नलिखित विषयों पर भी अपने प्रस्तुतिकरण देंगे:

  • संस्कृति – भुवनेश्वर के आस-पास के स्थानों में ब्रिटिश काउंसिल के प्रदर्शनों के जरिए विलियम शेक्सपियर के नाटकों का फिल्म प्रस्तुतिकरण दिखाया जाएगा जिनके 400वें पुण्यदिवस के अवसर पर हम दुनिया भर में इस साल शेक्सपियर लाइव्स नामक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।
  • खेल-कूद- इसके लिए हम शानदार खेल-कूद एवं शैक्षणिक चैरिटी जंगल क्रो फाउंडेशन के साथ सहयोग कर रहे हैं जो पूर्वी भारत के अनेक युवाओं के जीवन में बदलाव लाता है और इसके संस्थापक पॉल वाल्श को अभी हाल में उड़ीसा रग्बी वर्ल्ड कप जंबूरी के आयोजन में महामहिम महारानी द्वारा सम्मानित किया गया। भुवनेश्वर के स्कूली लड़कियों और लड़कों की आठ टीमें अपनी तरह का रग्बी वर्ल्ड कप खेलेंगी। वास्तविक रग्बी वर्ल्ड कप का आयोजन इस साल सितंबर और अक्तूबर महीनों में युनाइटेड किंगडम में किया जाएग।
  • खान-पान – यहां हमारे बीच इस सप्ताह प्रतिभाशाली ब्रिटिश शेफ शॉन केनवर्दी हैं जो हमें कुछ अनोखे ब्रिटिश व्यंजन बनाकर खिलाएंगे जिसमें भारतीय तड़का होगा जो हमारे दोनों देशों की आहार संस्कृति के बीच मजबूत संबंध को दर्शाएंगे।

अंत में, शुक्रवार दोपहर बाद केआईआईटी यूनिवर्सिटी में हम अखिल भारतीय डिबेट प्रतियोगिता- ग्रेट डिबेट का आयोजन करेंगे जिसमें ओजस्वी बौद्धिक वाद-विवाद तथा परिचर्चा की ब्रिटेन और भारत की साझी संस्कृति का उत्सव मनाया जाता है। यह ग्रेट डिबेट का तीसरा साल है और सबसे बड़ा भी, जो भारत के दस शहरों में आयोजित होगा। शुक्रवार को भुवनेश्वर में डिबेट की जो विजेता टीम होगी वह आगामी जनवरी में दिल्ली में आयोजित प्रतियोगिता के फाइनल दौर में भाग लेगी जिसमें जीतने वाली टीम को ब्रिटेन के एक सप्ताह के अध्ययन भ्रमण पर ले जाया जाएगा।

इस सप्ताह के इन कार्यक्रमों के साथ मुझे विश्वास है कि हम उड़ीसा के साझेदार के रूप में ब्रिटेन के महत्व को दर्शाने में कामयाब होंगे। हम भारत और ब्रिटेन के बीच ऐसे संबंध के लिए प्रतिबद्ध हैं जो सशक्त, व्यापक और गहरा हो। इसका अर्थ है कि ब्रिटेन-भारत के संबंध केवल सरकार से सरकार की वार्ताओं अथवा राजधानी से राजधानी के बीच रिश्ते तक सीमित न रहें। बल्कि, हमारे लिए जरूरी यह है कि हम दोनों देशों के लोगों, व्यवसायियों और संस्थानों के बीच संबंध विकसित करें। इसका अर्थ है ब्रिटेन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सभी ग्रेट चीजों तथा उड़ीसा जैसे गतिशील राज्यों में हो रही ग्रेट चीजों को आपस में जोड़ना।

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में उड़ीसा को भारत की सफलता की महान गाथाओं में शुमार किया जाएगा। यह अपने समृद्ध प्राकृतिक और मानव संसाधनों के बल पर आर्थिक विकास और समृद्धि का वाहक बनेगा। यह अपने अनमोल सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत की रक्षा करते हुए टिकाऊ/धारणीय शहरी विकास का अग्रदूत बनेगा।

इन सबमें मुझे उम्मीद है ब्रिटेन उड़ीसा का पसंदीदा साझेदार होगा। हमारे बीच की यह मैत्री मजबूत और गहरी है। अब हमारे पास अवसर है हम इस मैत्री को नया जीवन और नई ऊर्जा प्रदान करें और यह सुनिश्चित करें कि आने वाले कई वर्षों तक यह हम दोनों के लिए लाभकारी हो।

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प्रकाशित 2 September 2015