विश्व की समाचार कथा

वैश्विक लक्ष्य वाली भारतीय गेमिंग कंपनियों के लिए ब्रिटेन के द्वार खुले हैं

भारत में ब्रिटेन का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विभाग (डीआईटी) 2 फरवरी को नई दिल्ली में सीआईआई इंडिया गेमिंग शो के दौरान एक पैनल परिचर्चा का आयोजन करेगा।

CII India Gaming Show

कंसोल से लेकर मोबाइल से वीआर तक- ब्रिटेन के गेम उद्योग में विकास, रुझान और अवसर’ विषय पर आयोजित पैनल परिचर्चा में ब्रिटेन तथा भारत के विशेषज्ञ भाग लेंगे और इसकी अध्यक्षता डीआईटी के डिजिटल तथा क्रियेटिव सेक्टर विशेषज्ञ, मार्क लीवर करेंगे।

डॉ. जो ट्विस्ट ओबीई, यूके इंटरएक्टिव इंटरटेनमेंट एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), मनीष अग्रवाल, नजारा गेम्स के सीईओ, तथा एलेक्सिस मेडाइनीयर, सूमो डिजिटल के स्टूडियो हेड भी इस पैनल परिचर्चा में भाग ले रहे हैं।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुख्य निदेशक, चंद्रजीत बैनर्जी ने कहा:

सीआईआई को इंडिया गेमिंग शो (आईजीएस) 2017 के प्रथम संस्करण का आयोजन करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। भारत और विदेशों से इस क्षेत्र के सभी भागीदारों के लिए एक मंच का सृजन करने के उद्देश्य से आयोजित, यह गेमिंग शो इस अनूठे क्षेत्र में भारत में उपलब्ध प्रचुर अवसर प्रस्तावित करता है।

इस प्रथम संस्करण में एक मुख्य देश के रूप में ब्रिटेन की मौजूदगी से, आईजीएस के महत्व के साथ ही वे संभावनाएं भी प्रकट होती हैं, जो इस क्षेत्र के भविष्य में निहित हैं।

ब्रिटेन की पैनल परिचर्चा देश के गेमिंग, संवर्धित वास्तविकता (एआर), आभासी वास्तविकता (वीआर) सेक्टर पर केंद्रित होगी, जिसमें भारतीय गेम निर्माताओं के लिए मौजूद प्रचुर अवसरों के साथ ही ब्रिटेन के बाजार में उनके प्रवेश की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाएगी।

मार्क लीवर अपने साथ ब्रिटेन के रचनात्मक उद्योग के बारे में अपने विस्तृत अनुभव साथ लाए हैं और ब्रिटिश बाजार में निवेश तथा उपस्थिति में वृद्धि करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों को परामर्श तथा सहायता प्रदान करने के क्षेत्र में उन्हें काफी अनुभव प्राप्त है।

मार्क लीवर ने कहा:

ब्रिटिश रचनात्मक उद्योग की वैश्विक ख्याति रही है और यह विस्तार तथा प्रभाव दोनों स्तरों पर लगातार विकसित हो रहा है- एक तथ्य है जिसे स्वीकार करते हुए ब्रिटेन सरकार की नई उद्योग नीति के तहत इसे एक प्रमुख क्षेत्र माना गया है।

मैं नवीनतम रुझानों तथा नवाचारों के साथ ही, भारतीय तथा यूरोपीय कंपनियों के बीच नए व्यावसायिक संबंधों की संभावनाओं पर चर्चा करने की आशा करता हूं।

ब्रिटिश गेम बाजार

ब्रिटेन का गेम्स बाजार दुनिया में छठा सबसे बड़ा बाजार है, जिसका 2016 में लगभग 3 बिलियन पौंड का ग्राहक विक्रय रहा। यह उत्पादन का एक विश्व केंद्र भी है जहां 2,000 से ज्यादा उत्पादक बैटमैन, अर्खम से मॉन्यूमेंट वैली तक, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य बौद्धिक संपदाओं का सृजन कर रहे हैं।

ब्रिटिश सरकार इस उद्योग की सहायता करते हुए इसे रचनात्मक कर छूट प्रदान करती है जिससे ब्रिटिश गेम उद्योग लगातार नए मंचों पर विकास तथा नवाचारों का प्रयोग करता रहे। दुनिया के कुछ खास गेम्स का श्रेय ब्रिटेन को ही जाता है, जिसमें कंसोल से लेकर मोबाइल तथा आभासी वास्तविकता वाले गेम्स शामिल हैं।

पैनल परिचर्चा तथा गोलमेज बैठक

पैनल परिचर्चा के तहत देश के फलते-फूलते गेम्स उद्योग की संवृद्धि, रुझानों तथा अवसरों पर रोशनी डाली जाएगी। इसमें ब्रिटेन तथा भारत के बीच वर्तमान व्यावसायिक संपर्कों पर चर्चा के साथ ही, ब्रिटिश बाजार में भारतीय व्यवसायों के लिए भावी अवसरों पर भी चर्चा की जाएगी। भारतीय निवेशक पहले से ब्रिटेन में विकास करते रहे हैं क्योंकि यह देश में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक रहा है।

डीआईटी भी 31 जनवरी को हैदराबाद में तथा 1 फरवरी को मुंबई में दो गोलमेज बैठकों का आयोजन करने जा रहा है, जो ब्रिटिश रचनात्मक उद्योग में भारतीय कंपनियों के लिए उपलब्ध संभावनाओं पर केंद्रित होंगे।

गेमिंग शो में गुरुवार, 2 फरवरी, 2017 को पैनल परिचर्चा देखना न भूलें।

समय स्थान
2.45 अपराह्न – 3.30 अपराह्न हॉल सं.10, प्रगति मैदान, नई दिल्ली

2 से 4 फरवरी, 2017 तक, हॉल 18, स्टॉल सं. 52 के हमारे मंच पर पर ब्रिटेन के गेम और वीआर अनुभव का आनंद उठाएं।

पंजीकरण के लिए, कृपया संपर्क करें प्रियंका मुखीजा तथा अमीना खान

मीडिया

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स्टुअर्ट एडम, प्रमुख,
प्रेस तथा संचार
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प्रकाशित 1 February 2017