प्रेस विज्ञप्ति

यूके के विदेश मंत्री ने भारत के साथ निकटतम संबंधों का लक्ष्य तय किया

डोमिनिक राब ने नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम् जयशंकर से मुलाकात की, ताकि अगले दस वर्षों में यूके-भारत के सुदृढ़ संबंध वाले लक्ष्य को तय किया जा सके।

India's Minister for External Affairs, Dr Subrahmanyam Jaishankar welcomes Foreign Secretary Dominic Raab in New Delhi.

यूके के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने आज (मंगलवार, 15 दिसंबर) नई दिल्ली में विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम् जयशंकर से मुलाकात की, ताकि अगले दस वर्षों में यूके-भारत के सुदृढ़ संबंध वाले लक्ष्य को तय किया जा सके।

उनके दौरे ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक-समान सोच रखने वाले देशों के साथ नजदीकी संबंधों को बनाने के लिए यूके द्वारा उठाए गए नवीन कदम को चिन्हांकित किया है, जिसमें यूके के लिए भारत प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। यह प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के जनवरी में होने वाले दौरे तथा अगले साल हमारे यहाँ आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में यूके द्वारा भारत को मेहमान देश के तौर पर आमंत्रित करने से पहले आया है।

यूके-भारत के संबंधों में एक नये युग के लिए एक “10-वर्षीय रोडमैप” पर विचार-विमर्श करने, एक एनहांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप पर नजदीकी संयोजन करने, तथा कोरोनावायरस संकट को समाप्त करने के लिए मिलजुलकर काम करने तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने की खातिर विदेश मंत्री की कल (बुधवार, 16 दिसंबर) प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात होनी है।

एनहांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप यूके और भारत के लिए आर्थिक लाभों को सामने लाएगी। भविष्य में होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से पहले, यह द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, जो पहले से ही लगभग 24 बिलियन पाऊंड के आसपास है और पिछले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। यूके-भारत का निवेश एक दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं में 5 लाख से भी ज्यादा नौकरीयाँ दे रहा है।

विदेश मंत्री ने इस बात की भी पुष्टि की कि अगले साल महामहिम महारानी एलिजाबेथ का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिंद-प्रशांत क्षेत्र का दौरा करेगा।

विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा:

भारत और यूके में एक बहुमूल्य और अपरिहार्य साझेदारी है, और हम आने वाले वर्षों में इसे सुदृढ़ बनाने की ओर सोच रहे हैं। हम अगले वर्ष एक साथ मिलकर एनहांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप प्रदान कर सकते हैं, हमारे नागरिकों की सुरक्षा की खातिर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञता का समायोजन कर सकते हैं तथा वैश्विक स्वास्थ्य और टीकाकरण उत्पादन जैसी चीजों को बढ़ावा देने के लिए ताकतों का संयोजन कर सकते हैं।

सीओपी-26 और जी-7 अध्यक्ष के तौर पर अगले वर्ष हम व्यापारों को बढ़ाने, शांति को प्रोत्साहित करने तथा पूरे हिंद-प्रशांत में फोर्स फॉर गुड के तौर पर कार्य करने के लिए अपने भारतीय मित्रों के साथ निकटता से काम करेंगे, जो यूएन सुरक्षा परिषद् में लौटेंगे।

हिंद-प्रशांत में एक प्रमुख आर्थिक और राजनयिक शक्ति के तौर पर, यूके-भारत के आर्थिक, सुरक्षा और वैज्ञानिक संबंध भारतीय और ब्रिटिशों के लिए नौकरियाँ पैदा करेंगे और विकास को पोषित करेंगे तथा औषध और अनुसंधान की सीमाओं को बढ़ाने के लिए दोनों देशों की विशेषज्ञता को वैज्ञानिक महाशक्तियों के तौर पर साथ लाएगी।

एक तत्काल जीत यूके ग्लोबल टैरिफ सूची है, जो 1 जनवरी 2021 से भारतीय निर्यात पर टैरिफ £40 मिलियन प्रति वर्ष तक कम कर सकती है।

अगले वर्ष ग्लासगो में होने वाला सीओपी -26 शिखर सम्मेलन दुनिया की एकजुटता के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है ताकि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री से नीचे लाया जा सके। विदेश मंत्री अपनी प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई मुलाकात का इस्तेमाल उन्हें इस मुद्दे पर की गई निजी नेतृत्वता के लिए धन्यवाद देने के लिए करेंगे, क्योंकि भारत ने अपनी वायु एवं सौर क्षमता को पिछले दस वर्षों में चौगुना किया है। आज उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर यूके-भारत की अग्रिम सहभागिता पर विचार-विमर्श करने के लिए पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर से भी मुलाकात की।

संपादकों के लिए टिप्पणियाँ

  • भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के संदर्भ में पूरी दुनिया में सबसे संवेदनशील देशों में से एक है। भारत और यूके निकटता से काम करना जारी रख रहे हैं, जिसमें भारत के नेतृत्व वाला अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन भी शामिल है, जिससे दुनिया भर में सौर ऊर्जा को ग्रहण करने को बढ़ावा देना कोलेशन फॉर डिजास्टर रिसाइलेंट इंफ्रास्ट्रक्चर की संयुक्त रूप से अध्यक्षता करना शामिल है।

  • विदेश मंत्री की यात्रा की तस्वीरें यहाँ उपलब्ध हैं।

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प्रकाशित 15 December 2020