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यूके और पार्टनर्स ने गारमेंट इंडस्ट्री में जेंडर इक्वेलिटी प्रोग्राम के अगले चरण को लॉन्च किया

ब्रिटिश उच्चायोग और पार्टनर्स ने गुरुवार, 4 अक्टूबर को एक सफल सेमिनार में अपने इनोवेटिव जेंडर इक्वेलिटी प्रोग्राम के तीसरे चरण को लॉन्च किया।

Gender Equality

पहली बार 2016 में लॉन्च किए गए इस कॉलेबोरेटिव प्रोग्राम का उद्देश्य भारत के सबसे महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक - गारमेंट और क्लोथिंग फैक्ट्रियों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण यह इंडस्ट्री 45 मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती है, जीडीपी में 4% योगदान देती है और देश के कुल निर्यात आय में इसका 17% योगदान है। हालांकि, इस क्षेत्र में काम करने की परिस्थितियों में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से 60% महिला श्रमिक इससे प्रभावित हो सकती हैं।

इस प्रोग्राम का उद्देश्य गारमेंट फैक्ट्री की कर्मचारियों में लैंगिंक मुद्दों और यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम के बारे पर जागरूकता को बढ़ाना है। ब्रिटिश उच्चायोग और मार्क एंड स्पेंसर इस पहल के संस्थापक भागीदार थे, और जल्दी ही इसमें कुछ अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भी शामिल हो गए। इस संगठन ने पिछले चरण में कार्यान्वन भागीदारों के तौर पर चेंज एलायंस (इंडिया) और ट्रेबल पार्टनर्स (यूके) के साथ काम किया।

इसकी अभी तक की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:

  • 15,500 श्रमिकों को कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा की गारंटी देने वाले कानूनी प्रावधानों से अवगत कराया गया और उन्हें साथी कर्मचारियों को शिक्षित करने के लिए प्रशिक्षित भी किया गया।
  • पीड़ित महिला के अधिकारों के बारे में 11 कारखानों की 270 सहकर्मी प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
  • 296 पर्यवेक्षकों को लैंगिक समानता और जिम्मेदारी से काम करने के तरीके के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
  • भाग लेने वाली सभी 11 फैक्ट्रियों की फैक्ट्री नीतियों ने समीक्षा की गई और सुरक्षित और शिष्ट कार्यस्थल के लिए आवश्यक अनुमोदन प्रदान किया गया।

कल का कार्यक्रम फैक्ट्रियों, ब्रांडों, कर्मचारियों और प्रोग्राम के फील्ड कर्मियों का अनोखा सम्मेलन था जिन्होने भारतीय गारमेंट फैक्ट्रियों में महिलाओं की सुरक्षा को बेहतर बनाने और उनके लिए समानता की संस्कृति को बढ़ावा देने के तरीकों के बारे में अपनी जानकारी, विचार और अनुमोदनों को साझा किया।

ब्रिटिश उच्चायोग में राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों के प्रमुख रिचर्ड बरलो ने कहा:

हमें गारमेंट फैक्ट्री के कर्मचारियों में लैंगिक व यौन उत्पीड़न के रोकथाम के बारे जागरूकता पैदा करने सहित लैंगिक समानता कार्यक्रम का सहयोग करके बहुत गर्व महसूस हो रहा है।

मैं इस परियोजना में सहयोग करने वाले सभी भागीदारों और प्रशिक्षित होने वाली सभी महिला कर्मचारियों को विशेष तौर पर धन्यवाद देना चाहूंगा। आपके सहयोग और भागीदारी के बिना इनमें से कुछ भी संभव नहीं था।

भारत के परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एपेक) के चेयरमैन एचकेएल मगू ने कहा:

इस लैंगिक समानता कार्यक्रम के कुछ शानदार परिणाम देखने को मिले हैं और श्रमिकों के मुद्दों से निपटने में मार्क एंड स्पेंसर का लीडरशिप प्रदर्शित हुआ है।

एईपीसी और मुझे आशा है कि इस तरह के लैंगिक आधारित कार्यक्रमों और स्वतंत्र स्रोत संसाधनों से जानकारियों को साझा करके लैंगिक मुद्दों को हल करने (महिलाओं व पुरुषों दोने के साथ) और महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका निभाने के क्रम में कौशल व आत्मविश्वास प्रदान करके सुरक्षित व लैंगिक समानता वाले समाज के निर्माण में मदद मिलेगी।

अधिक जानकारी

कल के पूर्ण सत्र में ब्रिटिश उच्चायोग, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, एईपीसी, मार्क एंड स्पेंसर के प्रतिनिधिगण शामिल हुए और चेंज एलांयस द्वारा प्रोग्राम का इंपैक्ट प्रेजेंटेशन दिया गया।

प्रोग्राम का पहला चरण बेंगलुरू की दो फैक्ट्रियों पर केंद्रित था। दूसरे चरण में दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरू और चेन्नई में स्थित 11 फैक्ट्रियों को शामिल किया गया।

मीडिया

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सैली हेडली, प्रमुख, प्रैस एवं कम्युनिकेशंस
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी नई दिल्ली 110021
टेलीफोन: 24192100; फैक्स: 24192400

मेल करें: असद मिर्ज़ा

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प्रकाशित 5 October 2018