विश्व की समाचार कथा

100 से भी ज्यादा संस्थानों का लिंग समानता के प्रति ‘विकास के लिए संकल्प

भारतीय तंत्र में यूके तथा 100 से भी ज्यादा साझेदारों ने लिंग समानता को प्रोत्साहित करने तथा वास्तविक वैश्विक बदलाव को संघटित करने के लिए आज ‘विकास के लिए संकल्प’ अभियान प्रारंभ किया है।

Pledge for Progress

यह 114 संस्थानों का समूह - विविध सरकारें, व्यवसाय, तथा नागरिक समाज - लिंग असमानता से निपटने के लिए व्यवहारिक कदमों को उठाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा अग्रिम कार्यवाही को उत्प्रेरित करने के लिए परिवर्तनशील है।

लिंग समानता एक साझा वैश्विक चुनौती है तथा समान—लिंग समाज की ओर बढ़ने के लिए सभी लिंग के लोगों को एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करनी है। विश्व की आधी क्षमता का प्रतिनिधित्व महिलाऐं एवं लड़कियाँ करती है फिर भी उन्हें लगातार कम भुगतान हो रहा है, उनके पास कम अधिकार है तथा राष्ट्रीय संसदों के प्रतिनिधियों तक केवल 24 प्रतिशत ही पहुँच पाती है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संस्थान का अनुमान है कि मौजूदा विकास दर से ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ सिद्धांत को वास्तविकता प्रदान करने में 75 साल लगेंगे।

विकास के लिए संकल्प का उद्देश्य संस्थानों एवं वैयक्तिकों को सशक्त बनाना है ताकि प्रचलित लिंग कायदों को तोड़ा जा सके तथा,साथ में मिलकर, समान—लिंग समाज का निर्माण हो सके। संकल्प के अधोहस्ताक्षरक पाँच मुख्य वायदों को समर्थित करने के लिए प्रतिबद्ध है:

  • संचालन: महिला नेताओं की आवाजों को बुलंद करने के लिए हमारे मंचों का इस्तेमाल करना, हमारे संस्थान के अंतर्गत तथा बाहर।
  • प्रतिनिधित्व: अनुसूचियों एवं गोलमेज़ों का आयोजन करते समय एवं उनमें हिस्सा लेते हुए लिंग असमानता के निरूपण का प्रयास करना।
  • अंतःस्थापित: हमारी गतिविधियों के निर्माण, क्रियान्वयन एवं प्रारंभन में लिंग मूल्यांकन को सम्मिलित करने का प्रयास करना।
  • समावेशन: हमारे संस्थानों को सभी लिंग के लोगों के लिए उत्कृष्ट स्थान बनाना तथा यह सुनिश्चित करना कि हमारी आंतरिक नीतियाँ उस लक्ष्य को पूरा करें।
  • संघटन: लिंग समानता समर्थकों के समूह के तौर पर कार्य करना, तथा इस संकल्प को मिलजुल कर क्रियान्वित करने के लिए उत्कृष्ट कार्यप्रणाली का विकसन एवं सहभाजन।

विकास के लिए संकल्प के अंतर्गत किए गए वायदों के कुछ उदाहरणों में सम्मिलित है:

  • ब्रिटिश उद्योग संघ यूके भारत महिला नेतृत्वता तंत्र के माध्यम से महिला उद्यमी नेताओं को सशक्त करते हुए ‘संचालन’ करेगा
  • भारतीय बर्मिंघम संस्थान विश्वविद्यालय सदस्यताओं के माध्यम से महिला अनुसंधानकत्र्ताओं तथा वैज्ञानिकों के लिए ‘प्रतिनिधित्व’ सुनिश्चित करेगा
  • फोर्टिस हेल्थकेयर एक विविध कौशल पाइपलाइन निर्मित करने के लिए नीतियों को ‘अंतःस्थापित’ करेगा
  • विस्टारा एक समावेशी कार्यस्थल तथा कार्य संस्कृति को निर्मित करने के लिए कर्मचारी संवेदीकरण कार्यक्रमों के माध्यम से ‘समावेशन’ करेगा।

ब्रिटिश उच्चायोग उत्कृष्ट कार्यप्रणाली को साझा करने तथा एक दूसरे के सकारात्मक कदमों को बढ़ाने के लिए इन आकर्षक साझेदारों के संगठन को एकत्रित करते हुए ‘संघटित’ करेगा। आने वाले महीनों में, यह अभियान लिंग समानता की मुख्य चुनौतियों को पहचानने के लिए साझेदारों को एकत्रित करेगा तथा लिंग-समानता कार्यवाहियों को बढ़ाने के लिए साझेदारों द्वारा किए जाने कार्यों का पुनरावलोकन करेगा। संकल्प के अन्य साझेदारों में एचसीएल टेक्नॅलाजिस, एक्शनएड इंडिया, भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ, तथा आस्ट्रेलिया उच्चायोग तथा भारत में कनाड़ा का उच्चायोग सम्मिलित है।

जेन थॉम्पसन, भारत में कार्यरत उच्चायुक्त, ने कहा:

वास्तविक लिंग समानता को प्राप्त करना हम सबके लिए प्राथमिकता है - यूके,भारत, तथा विश्व भर में। वास्तविक वृद्धि समय ले सकती है, मगर यह छोटे, व्यवहारिक कदमों से शुरू होती है। मैं यह देखने के लिए बेहद ही उत्साहित हूँ कि हम इस उदार कदम के अंतर्गत उत्कृष्ट ब्रिटिश,भारतीय तथा वैश्विक दक्षता को एक साथ लाकर क्या प्राप्त कर सकते हैं। यह तो केवल एक शुरूआत है, और मुझे आशा है कि इन आकर्षक साझेदारों का समूह परिवर्तनशीलता के तौर पर प्रतिबद्ध है तथा अपने संस्थानों में वास्तविक उपायों को क्रियान्वित कर रहा है जो साथ-साथ वास्तविक परिवर्तनीय बदलाव लाएगा।

प्रोफ़ेसर राजेन्द्र श्रीवास्तव, संकायाध्यक्ष, भारतीय व्यवसाय विद्यालय, ने कहा:

किसी भी समाज की पूर्ण क्षमता को सामने लाने तथा साथ-साथ चिरस्थायी विकसन को सुनिश्चित करने के लिए लिंग समानता महत्वपूर्ण है। यह उन मूल मंत्रों में से एक है जिसे आईएसबी ने सँजोया है तथा अपनी सफलता की कहानी का कारण भी बताया है। हमारे प्रबंधन में प्रमुख स्नातकोत्तर कार्यक्रम में लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं तथा समान प्रतिशत के कर्मचारियों के साथ, हम वहाँ पहुँच रहे है। हाल ही में, हमने ‘आईएसबी महिलाऐं’ - एक विकसन कार्यक्रम शुरू किया है जो हमारी भूतपूर्व महिला छात्रों पर लक्षित है। मैं ब्रिटिश उच्चायोग के संकल्प के लिए विकास वाले कदम को धन्यवाद तथा समर्थन प्रदान करता हूँ तथा आशा करता हूँ कि वास्तविक कार्यवाही से समर्थित इस प्रकार के हिमायती कदमों से, हम निष्पक्ष समाज बना सकते हैं।

समीर सरन, अध्यक्ष, पर्यवेक्षक अनुसंधान प्रतिष्ठान, ने कहा:

ओआरएफ विकास के लिए संकल्प को समर्थित करता है। सभी संस्थानों, सरकारों एवं समुदायों के लिए सर्वत्र पेशों एवं सार्वजनिक जिंदगी में एक लिंग-प्राथमिकता दृष्टिकोण को उत्प्रेरित करना आवश्यक है। हमारे मंचों, अनुसंधान उद्यमों तथा दलों को इस उद्देश्य के लिए बनाया गया है तथा वे इसके प्रति संवेदनशील है। हम सबके समान भविष्य तथा एक चिरस्थायी, समावेशी एवं निष्पक्ष दुनिया के लिए लिंग-सकारात्मक महत्वपूर्ण है।

यूके-भारत के लिंग समानता के विस्तृत कार्यों के हिस्से को विकास के लिए संकल्प निर्मित करता है। भारतीय तंत्र में यूके राज्य सरकारों, कानून प्रवर्तन संस्थाओं, शिक्षा प्राधिकरणों तथा भारतीय व्यवसायों के साथ कार्य करती है ताकि महिलाओं को नेता एवं अग्रणियों के तौर पर सशक्त बनाया जाए, महिलाओं के लिए बेहतर एवं अधिक आर्थिक अवसरों को निर्मित किया जाए, तथा विद्यालयों में लड़कियों की शिक्षा एवं सकारात्मक लिंग भूमिकाओं को प्रोत्साहित किया जाए।

अन्य जानकारी

विकास के लिए संकल्प अभियान को 5 नवंबर को आभासी सम्मेलन के साथ शुरू किया गया था जहाँ विभिन्न अधोहस्ताक्षरकों ने यह साझा किया कि वे कैसे संकल्प के वायदों को पूरा करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इस सम्मेलन में अधोहस्ताक्षरक संस्थानों के बीच लिंग समानता पर बदलाव लाने के लिए साझेदारों के तौर पर सहयोग करने के तरीकों को खोजने के लिए एक संवादात्मक विचार-विमर्श भी सम्मिलित था।

विकास के लिए संकल्प तथा अधोहस्ताक्षरकों की पूरी सूची यहाँ प्राप्त की जा सकती है।

भारत के संपूर्ण भारतीय तंत्र में यूके का एक ब्रिटिश उच्चायोग नई दिल्ली तथा 9 उप उच्चायोग, व्यापार एवं दूतावास कार्यालय सम्मिलित है। यह दुनिया में कहीं भी यूके का सबसे बड़ा विदेशी तंत्र है।

भारत और यूके का लिंग समानता पर कार्य: यूके एवं भारत एक साथ कार्य कर रहे है ताकि यह सुनिश्चित करने में मदद हो सके कि महिलाऐं एवं लड़कियाँ अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुँच सकती है। चालू कार्यक्रमों के उदाहरणों में सम्मिलित है:

  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के भाग के तौर पर, ग्रामीण समुदायों में महिलाओं के बीच जीविका सुरक्षा को प्रोत्साहित करने तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति तन्यकता को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ कार्यरत।
  • सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हुए समुदायों की किशोर लड़कियों के अंग्रेजी, डिजिटल एवं नेतृत्व कौशलों को विकसित करने के लिए उनका सशक्तीकरण।
  • वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता पर केन्द्रित रहने वाले वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों को समर्थित करना, जिन्होंने 1.2 करोड़ भारतीय महिलाओं को जीविका निर्माण के लिए ऋण तक पहुँच प्रदान की है। परियोजनाओं ने 10,000 महिला-स्वाधिकृत सूक्ष्म उद्योगों को स्थापित करने में मदद की है, 6,000 नौकरियाँ पैदा की है, तथा 270 से भी ज्यादा सूक्ष्म-उद्यमियों की सहायता की है।

मीडिया

मीडिया पूछताछ के लिए, कृपया संपर्क करें:

निकोलस डुविविर, अभियानों के प्रमुख/संवादों के उप-प्रमुख
प्रेस एवं संवाद, ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली 110021. फोन: 011 24192100

मीडिया पूछताछ: BHCMediaDelhi@fcdo.gov.uk

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प्रकाशित 6 November 2020