प्रेस विज्ञप्ति

अफवाहों पर विराम, केबल ने कहा- ब्रिटेन व्यवसाय के लिए खुला है

ब्रिटेन के व्यवसाय मंत्री श्री विन्स केबल ने अपनी भारत यात्रा के दौरान संदेश दिया- ‘ब्रिटेन व्यवसाय के लिए खुला है’ और इससे इस अफवाह को विराम मिला कि यूके भारतीय छात्रों का स्वागत नहीं कर रहा।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
  • भारतीय छात्रों की गिरती संख्या में सुधार लाने तथा यूके में बिजनेस निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए व्यवसाय मंत्री नए उपायों की घोषणा करेंगे।

  • भारतीय कंपनी ऐमटेक ऑटो किडरमिंसटर में एक नए फाउंड्री में £23 मिलियन का निवेश करेगी, जिससे 500 नई ब्रिटिश नौकरियों का सृजन होगा।

विन्स केबल 10 अक्टूबर 2014 से अपनी एक हफ्ते की भारत यात्रा पर हैं, जहां वे इस बात का खंडन करेंगे कि यूके भारतीय छात्रों का स्वागत नहीं कर रहा है और यह संदेश प्रसारित करेंगे कि ‘ब्रिटेन व्यवसाय के लिए खुला है’।

ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय छात्र सालाना लगभग £3 बिलियन का मूल्य सृजित करते हैं तथा ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण कौशल प्रदान करते हैं, हालांकि हाल के वर्षों में अध्ययन करने के लिए ब्रिटेन आने वाले भारतीय अंतरस्नातकों तथा उत्तरस्नातकों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।

दिल्ली में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में अपने एक भाषण में विन्स केबल यूके के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के मूल्यवान योगदान का जिक्र करेंगे।

डॉ. केबल ने कहा:

भारत की पहली प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी से लेकर लन्दन में ओलंपिक पार्क मूर्तिकार अनीश कपूर तक, ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों ने भारत के कुछ सर्वाधिक प्रतिष्ठित तथा प्रतिभाशाली स्नातकों को तैयार किया है, और मैं चाहता हूं कि यह विरासत आगे भी जारी रहे। विदेशी छात्रों की संख्या पर किसी प्रकार की पाबंदी न होने और ग्रेट अवार्ड्स जैसी छात्रवृत्ति योजना के साथ, भारतीय छात्रों को हमारे विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों से लाभ उठाने के द्वार खुले हैं।

यह एक अल्पकालिक प्रस्ताव नहीं है। यूके के नियोक्ताओं की ओर से उच्च स्तर के कौशल युक्त भारतीय स्नातकों की भारी मांग है तथा जो छात्र ग्रैजुएट स्तर का रोजगार प्राप्त करते हैं वे अपने अध्ययन पूरा करने के बाद यहां आगे भी ठहर सकते हैं।

दिल्ली में विन्स केबल यूके में अधिक संख्या में भारतीय छात्रों को आने के लिए प्रोत्साहित करने के उपायों की घोषणा करेंगे:

  • ग्रेट स्कॉलरशिप्स प्रोग्राम के जरिए भारतीय छात्रों के लिए स्कॉलरशिप्स की सबसे अधिक संख्या। 2015 में 396 नए स्कॉलरशिप का प्रस्ताव दिया जाएगा, जो यूके के 57 संस्थानों में कई प्रकार के अंडर-ग्रैजुएट तथा पोस्ट-ग्रैजुएट पाठ्यक्रमों, जैसे कि इंजीनियरिंग तथा आइटी के अध्ययन के लिए होगा।
  • एजुकेशन यूके ऐलम्नाइ का आरंभ, जो यूके के संस्थानों के भारत के उन भूतपूर्व छात्रों को पुरस्कृत करेगा जिन्होंने भारत वापस लौटने पर अहम प्रभाव छोड़े हैं, जिसके तहत उन्हें उनके मौजूदा पेशों से जुड़े यूके की अध्ययन यात्रा की लागत का भुगतान किया जाएगा।

वे कुल £33 मिलियन निवेश की भी घोषणा करेंगे, जो भारत के साथ यूके के कारोबारी रिश्तों को मजबूत बनाएगा। जिनमें शामिल हैं:

  • भारतीय कंपनी ऐमटेक ऑटो किडरमिंस्टर में एक नए फाउंड्री में निवेश करेगी, जहां जगुआर लैंड रोवर तथा फोर्ड की ऑटो पार्ट की जरूरतों को पूरा किया जाएगा तथा कोवेंट्री तथा एसेक्स में मौजूदा यूके के निर्माण संयंत्रों से आगे विस्तार किया जाएगा। £23 मिलियन के आरंभिक निवेश से 2018 तक 500 नए रोजगार पैदा होंगे।

  • ब्रिटिश डेंटल कंपनी प्राइमा डेंटल भारत के उत्तरी हिस्से में एक सेल्स तथा वितरण केंद्र खोलने के लिए £10 मिलियन का निवेश कर रही है। प्राइमा एशिया भारत तथा इस उप-महाद्वीप के डेंटल पेशेवरों को खांचे उपलब्ध कराती है।

  • यूके की टेक कंपनी ब्लिपर इंडिया ब्लिपर का लॉन्च करने जा रही है। ब्लिपर संवर्धित रिएलिटी में एक अग्रणी कंपनी है, जो उपभोक्ताओं को स्मार्टफोनों तथा वियरेबल्स के जरिए लाइफ इमेजेस तथा उत्पाद देती है। यह कंपनी अपना पहला एशिया ऑफिस दिल्ली में खोलने जा रही है।

डॉ. केबल ने कहा:

ब्रिटेन तथा भारत ने लंबे समय से एक मजबूत, सहयोगात्मक व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा दिया है, जिसे इस तथ्य के आलोक में देखा जा सकता है कि हम जी20 में उनके सबसे बड़े निवेशक हैं, जो उनके वार्षिक निवेश के 30% की हिस्सेदारी रखते हैं, वहीं भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में यूके में सबसे अधिक निवेश करता है।

सरकार की औद्योगिक रणनीति कारोबारियों को निवेश बढ़ाने, यूके में अधिक उच्च कौशल युक्त, दीर्घकालिक रोजगारों के लिए आत्मविश्वास पैदा कर रही है। इसलिए मुझे खुशी है कि ऐमटेक सबसे हाल की भारतीय कंपनी है जो यूके में निवेश का विस्तार कर रही है, जिससे किडरमिंस्टर में 500 नई नौकरियों का सृजन होगा।

ऐमटेक ऑटो को जगुआर लैंड रोवर की सफलता से लाभ पहुंचा है, जो भारतीय निवेश का शुक्रगुजार है, जिसने पिछले 3 वर्षों में 11,000 नई नौकरियों का सृजन किया है।

डॉ. केबल भारत के अग्रणी प्रौद्योगिकी तथा विज्ञान संस्थान, बीआइटीएस पिलानी के के.के बिड़ला के गोवा कैम्पस में 300 छात्रों को तथा हैदराबाद व दिल्ली कैम्पसों के छात्रों को भी वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करेंगे।

इस यात्रा में यूके के अग्रणी विश्वविद्यालयों तथा प्रौद्योगिकी कंपनियों का एक शिष्टमंडल भी श्री केबल के साथ होगा। इसमें शामिल है:

  • एमआइआरए टेक्नॉलॉजीज, ऐडवांस्ड इंजीनियरिंग टेक्नॉलॉजीज कंसल्टेंसी, वार्विकशायर

  • डेल्कैम, त्रिविमीय डिजाइन के लिए CADCAM सॉफ्टवेयर के डेवलपर तथा सप्लायर, बर्मिंघम

  • पील पोर्ट्स, लिवरपूल

  • द डिजाइन काउंसिल, लंदन

  • किंग्स कॉलेज लंदन।

ब्रिटेन अपने यहां के छात्रों को अध्ययन के लिए भारत भेजने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए भी उत्सुक है। अगस्त 2014 में भारत की एक यात्रा पर उप-प्रधान मंत्री निक क्लेग ने जेनरेशन यूके-इंडिया प्रोग्राम की घोषणा की थी जो 25,000 यूके छात्रों को अगले 5 वर्षों में भारत में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा। डॉ. केबल नवम्बर 2014 में प्रोग्राम के लॉन्च से पहले इस आशय की पुष्टि करेंगे।

गोवा, पुणे तथा चेन्नई में मंत्रियों तथा भारतीय व यूके के कारोबारियों से मिलने से पहले वे दिल्ली से अपनी यात्रा का आरंभ करेंगे।

दिल्ली में वे कैटलिस्ट निर्माता जॉन्सन मैथी के अत्याधुनिक संयंत्र की यात्रा करेंगे, जहां वे यूके परिचालन द्वारा भारत में विकसित कैटलिटिक कंवर्टर के 2 करोड़ 50 लाखवीं इकाई का जायजा लेंगे।

गोवा में वे ब्रिटिश बिजनेस ग्रुप तथा स्थानीय भारतीय कारोबारी समूहों के साथ मुलाकात कर यूके तथा गोवा के बीच संबंधों को बढ़ावा देंगे।

उनकी चेन्नई यात्रा में शामिल है- अशोक लीलैंड कारखाने का एक दौरा। इस संयंत्र में 5,000 कर्मचारी काम करते हैं तथा यह यूके-स्थित हिंदुजा समूह का प्रमुख परिचालन है, जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बस निर्माता कंपनी है।

चेन्नई यात्रा के दौरान वे एसएमई रिसर्च एंड डेवलपमेंट के एक नए केंद्र का उद्घाटन करेंगे, जो यूकेआइईआरआइ प्रॉजेक्ट से संचालित होता है। श्री केबल अन्ना यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, छात्र से भी मुलाकात करेंगे, जिसके यूके के संस्थानों के साथ मजबूत तथा विकासशील अनुसंधान रिश्ते रहे हैं।

संपादकों के लिए नोट्स

1.यूके-भारत संबंध, सहज रूप से एक द्विपक्षीय रिश्ता है, जो दोनों देशों के लिए अहमियत रखता है। मुख्य तथ्य:

  • भारत के साथ यूके का व्यापार बढ़ रहा है। दोनों देशों में आर्थिक मंदी के बावजूद हमने 2009 में से £11 बिलियन के व्यापार को बढ़ाकर 2013 में £16.4 बिलियन कर दिया है।
  • यूके की कंपनियां भारत में जमकर निवेश कर रही हैं। यूके भारत में सबसे बड़ा जी20 निवेशक है: जहां 2000 तथा 2014 के बीच यूके ने $20.7 बिलियन का निवेश किया और पिछले वर्ष $3.2 बिलियन का निवेश किया गया, जो जापान और यूएस (दूसरा तथा तीसरा) को साथ मिलाकर भी बड़ा है।
  • भारत यूके में निवेश कर रहा है: 2012 में £240 मिलियन नए भारतीय निवेश और £2.1 बिलियन का स्टॉक (रूस £1.2, चीन £1.1 बिलियन), तथा संयोजित रूप से शेष ईयू में किए निवेश से कहीं अधिक भारतीय निवेश।
  • यूके में भारतीय निवेश से रोजगार का सृजन: वर्ष 2013 में यूके ने भारत के 74 नए प्रॉजेक्टों को आकर्षित किया, जिनसे 4,482 रोजगारों का सृजन हुआ। यूके में निर्माण क्षेत्र में टाटा सबसे बड़ी नियोक्ता कंपनी है, जहां 45,000 स्टाफ काम करते हैं।
प्रकाशित 10 October 2014