समाचार कथा

केरल के विधायकों ने जलवायु परिवर्तन के सामाजिक-आर्थिक कारणों और प्रभाव पर चर्चा की

ब्रिटिश उच्चायोग की मेजबानी में केरल में पहली बार इस प्रकार की चर्चा हुई।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Rachel Brass

जलवायु परिवर्तन के सामाजिक-आर्थिक कारणों और प्रभाव पर चर्चा के लिए केरल के विधायकों एवं पार्षदों ने आज तिरूअनंतपुरम में एक बैठक की। बैठक में राज्य के बिजली मंत्री अरियादन मोहम्मद उपस्थित थे। उन्होंने इस बैठक का स्वागत करते हुए कहा कि इसकी चर्चा से केरल में राज्य और स्थानीय स्तर पर कदम उठाने की योजना के बारे में यह जानकारी पाने में मदद मिलेगी कि इसका संबंध ऊर्जा, जल या कूड़े के निपटान से है।

नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग की प्रथम सचिव (ऊर्जा एवं जलवायु) रशेल ब्रास ने कहा- “भारत पहले से ही अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता में कमी लाने को कृत-संकल्प है। ब्रिटेन जलवायु परिवर्तन के मामले में राष्ट्रीय और राज्य कार्ययोजना के संदर्भ में भारत के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। हमने नीति संबंधी सबके साझा किए हैं, जिससे भारत की 12वीं पंचवर्षीय योजना में निम्न कार्बन-आधारित समावेशी संवृद्धि को एक प्रमुख तत्व बनाने में मदद मिली है। इसके बूते भारत को उसकी ‘परफोर्म, एचीव एंड ट्रेड’ (पीएटी) स्कीम पर अमल में मदद मिली है, जिसमें ऊर्जा-प्रधान सेक्टरों को उनकी ऊर्जा कुशलता मापने, रिपोर्ट करने और उसमें सुधार लाने का दायित्व सौंपा गया है।”

उन्होंने आगे कहा- “केरल की उत्तरोत्तर सरकारों की प्रगतिशील नीतियों से राज्य ने सामाजिक एवं मानव विकास सूचकांक में रिकॉर्ड विकास किया है, जिससे न सिर्फ भारत के अनेक राज्यों, बल्कि विश्व के अनेक देशों को ईष्या होती है। विकेन्द्रीकृत सरकार और स्थानीय निकायों को अधिकारों के हस्तांतरण संबंधी केरल का मॉडल दूसरों के लिए अनुकरणीय है। आज की चर्चा केरल को जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में ठोस कदम उठाने की जरूरत रेखांकित करती है। हम आज यह देख कर रोमांचित हैं कि पूरे केरल से विधायक और पार्षद जलवायु परिवर्तन के सामाजिक-आर्थिक कारणों और उसके प्रभावों पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए हैं। हमें आशा है कि वे दीर्घकालिक कदमों के बारे में चर्चा करेंगे, जिसमें निजी क्षेत्र और स्वयंसेवी संस्थाओं को भागीदार बनाने के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के विचारों तथा अनुभवों पर ध्यान दिया जाएगा।’’

केरल राज्य विधान सभा में पर्यावरण समिति के चेयरमैन और विधायक सी.पी. मुहम्मद ने बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों का स्वागत किया। विजय बालकी (एथेना इन्फोनॉमिक्स एवं अधिवक्ता) और सुश्री जेबी माथेर हिशाम (पार्षद, अलुवा म्यूनिसिपैलिटी, केरल) ने राज्य के चुनिंदा विधायकों एवं पार्षदों के साथ चर्चा की शुरूआत की। केरल के जिन विधायकों ने आज की इस चर्चा में भाग लिया, उनमें शामिल हैं : सी.पी. मोहम्मद (पाम्बी), पी.सी. विष्णुनाध (चेनगन्नुर), के.एम. शाजी (अझिकोड), एम.वी. श्रेयाम्स कुमार (कालपेटा), टी.ए. अहमद कबीर (मनकडा), प्रो. सी. रवीन्द्रनाथ (पथुक् कड), ए.एम. आरिफ (अरूर), मुल्लाक्कारा रत्नाकरन (छदायमंगलम), कोलियाकोड एन कृष्णन नायर (वामानापुरम)। ग्लोब और क्लाईमेट पार्लियामेंट (सीपी) की भागीदारी से चलने वाली परियोजना के समर्थन के अंग के तौर पर ब्रिटिश उच्चायोग ने इस चर्चा की मेजबानी की, जिसका उद्देश्य विधायकों को जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा के मसलों से अवगत कराना था।

प्रकाशित 26 March 2013