विश्व की समाचार कथा

यूके ने अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर कोलकाता में चर्चा का आयोजन किया

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर ब्रिटिश उप उच्चायोग कोलकाता द्वारा 'वार्ता और लोकतंत्र' पर पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।

DHC Kolkata

पैनेलिस्टों में शामिल थे:

  • रजत राय, वरिष्ठ पत्रकार
  • गजाला यसमीन, प्रोफेसर, पत्रकारिता विभाग, आलिया विश्वविद्यालय
  • प्रोफेसर इमान कल्याण लहरी, अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग, जादवपुर विश्वविद्यालय

दर्शकों में छात्र, शिक्षाविद, पेशेवर, पत्रकार और नागरिक समिति के सदस्य शामिल थे।

ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, कोलकाता ब्रूस बकनेल ने लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों व सिद्धांतों के प्रति यूके की प्रतिबद्धता पर बात की।

इस कार्यक्रम से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं, मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति रुचि और वचनबद्धता पैदा हुई है और और अगली पीढ़ी और और लिविंग ब्रिज स्टेकहोल्डर्स के साथ संपर्क मजबूत हुआ है।

इस मौके पर वहां दर्शकों के लिए क्विज का भी आयोजन किया गया था जो काफी सजीव होने के साथ साथ भारतीय और ब्रिटिश लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी को बढ़ाने वाला भी था।

इस अवसर पर ब्रिटिश उप उच्चायुक्त कोलकाता, ब्रूस बकनेल ने लोगों को बताया कि ब्रिटेन विश्व के सबसे पुराने लोकतन्त्रों में से एक है, जो विश्व मानवतावाद में विश्वास रखता है। हर देश में अलग अलग लोकतंत्र का उल्लेख करते हुए उन्होने क्रियाशील जीवंत लोकतंत्र का बेहतरीन उदाहरण बताया।

भारत - सांस्कृतिक, आर्थिक, जलवायु, नस्ली, भाषायी, जातीय और धार्मिक आधार पर काफी विविधताओं से भरा है।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन द्वारा नागरिकों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए काम करने वाले एनजीओ की मदद की जा रही है। उन्होंने कई उदाहरण दिए जिसमें कुछ निम्नलिखित हैं:

  • हैदराबाद में विविधताओं का जश्न मनाने समावेश को बढ़ावा देने वाले सामुदायिक एकता कार्यक्रम का समर्थन करना
  • तेलंगाना, बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं पर होने वाली हिंसा और भेदभाव का विरोध करना।
  • कारखानों की महिला श्रमिकों को सशक्त बनाना जिससे कि उन्हें लिंग समानता, यौन उत्पीड़न की बेहतर जानकारी हो औऱ वो ऐसी परेशानियों दूर करने के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त कर सके।

समान व्यवहार के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण - ब्रिटेन के लिए एक सर्वोच्च प्राथमिकता है।

हमारी विदेश नीति में महिलाओं और लड़कियों के लिए निरंतर पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन सक्रिय रुप से लोकतंत्र और मानवाधिकारों का समर्थन करता है।

इस हफ्ते ब्रिटेन द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए लैंगिक समानता से संबंधित कार्यक्रमों की श्रृंखला की मेजबानी की जा रही है। महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के क्रम में स्पष्ट अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण हेतु अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए हमने फरवरी में, लैंगिक समानता के पहले विशेष दूत के तौर पर जोआना रोपर की नियुक्ति की है।

मीडिया

स्टुअर्ट एडम, प्रमुख, प्रेस और कम्युनिकेशन
ब्रिटिश उच्चायोग, चाणक्यपुरी
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प्रकाशित 15 September 2017