प्रेस विज्ञप्ति

व्यवसाय मंत्री के नेतृत्व में व्यापारिक शिष्ट मंडल भारत के विकासशील शहरों के दौरे पर

विंस केबल के नेतृत्व में 25 ब्रिटिश कंपनियों का एक शिष्टमंडल 4 दिनों के लिए भारत के विकासशील शहरों के व्यापारिक दौरे पर आ रहा है।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था

व्यवसाय मंत्री श्री विंस केबल 25 ब्रिटिश कंपनियों के प्रतिनिमंडल के साथ आज (9 दिसम्बर 2013) से भारत के विकासशील शहरों के 4 दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। इस यात्रा का आरंभ नई दिल्ली से होगा, जहां डॉ. केबल वार्षिक यूके-भारत वाणिज्य तथा आर्थिक समिति में भारत के केंद्रीय वाणिज्य-उद्योग मंत्री श्री आनंद शर्मा के साथ सह-अध्यक्षता करेंगे। यहां वे उच्च-इंजीनियरिंग, शिक्षा तथा कौशलों तथा आविष्कारी कार्यों की प्रगति को बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय अवसरों के विकास तथा आने वाले समय में मौजूदा सहयोग को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे।

डॉ. केबल तथा व्यवसाय शिष्ट मंडल इसके बाद कोयम्बट्टूर (मंगलवार 10 दिसम्बर 2013), चेन्नई (बुधवार 11 दिसम्बर 2013) तथा बैंगलूरु (गुरुवार 12 दिसम्बर 2013) का दौरा करेंगे। ये सभी भारत के तेजी से विकसित हो रहे शहर हैं, जिनमें ब्रिटेन की कंपनियों के लिए विकास के लिए काफी संभावनाएं हैं। यह मंत्री का कोयम्बट्टूर का पहला दौरा होगा, जो भारत के तेजी से विकसित होने वाले छोटे शहरों में प्रमुख है।
व्यवसाय मंत्री श्री विंस केबल ने कहा:

आर्थिक मजबूती यूके की मुख्य प्राथमिकता है और व्यवसायियों को निवेश करने का भरोसा प्रदान करने में हमारी उद्योग रणनीति एक मुख्य तत्त्व है। हाल के वर्षों में व्यापार थोड़ा धीमा रहा, पर मुझे खुशी इस बात की है कि ब्रिटेन द्वारा भारत को किए जाने वाले निर्यात में इस वर्ष 20% का इजाफा हुआ है।

ब्रिटेन के फर्म भारत में सबसे बड़े युरोपीय निवेशक हैं और ईयू के सभी देशों से कुल मिलाकर जितना निवेश प्राप्त होता है उससे कहीं ज्यादा ब्रिटेन से होता है।
हमारे अपने देशों के साथ हमेशा से खास रिश्ते रहे हैं और चूंकि हम 2015 तक भारत के साथ व्यापार को दुगना करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं तो मुझे उम्मीद है कि यह सहयोग आगे और मजबूत होगा।

इस यात्रा के दौरान डॉ. केबल £180 मिलियन के एक भुगतान गारंटी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे, जो यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस (यूकेईएफ) के साथ संपन्न किया जाएगा। इसका संयोजन एचएसबीसी द्वारा किया जा रहा है, जो भारतीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को अपने जामनगर तथा दहेज तेल रिफाइनरी के लिए ब्रिटेन की कंपनियों के साथ 30 सेवाओं तथा उपकरणों के लिए अनुबंध प्रदान करेगा।

इस यात्रा के दौरान कई अन्य समझौतों की भी घोषणा की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:

  • यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल तथा यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआइ) द्वारा किए जाने वाले व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त मंच, ताकि ब्रिटेन के छोटे तथा मध्यम आकार के उद्यम (एसएमई) पूर्व-स्वीकृत सेवा प्रदाताओं को मदद प्रदान की जा सके।
  • भारत स्थित ऑनलाइन तथा मोबाइल सर्च सेवा जोमाटो अगले एक वर्ष में स्कॉटलैंड में $1 मिलियन का निवेश करने जा रही है और यह यूके के प्रमुख शहरों में अपनी टीमों का गठन करेंगी तथा यूके को युरोपीय ऑपरेशन का मुख्यालय बनाएगी। ब्रिटेन में न्यूकैसल, लीड्स तथा ब्रिस्टल जैसे शहरों में इस सेवा का विस्तार किया जाएगा। जोमाटो के ब्रिटेन कार्यालय में 25 कर्मचारी कार्यरत हैं और अगले 18 महीनों में इसके बढ़कर 150 तक पहुंचने की संभावना है।
  • कैम्ब्रिज स्थित एक इंजीनियरिंग फर्म द टेक्निकल वेल्डिंग इस्टिट्यूट मुम्बई, त्रिची तथा कोचीन में नए प्रशिक्षण केंद्र खोल रहा है।
  • भारतीय कंपनी डायनेमैटिक्स टेक्नॉलॉजीज का ब्रिटेन में एक संयंत्र है, जिसे पांच सालों के लिए $250 मिलियन का करार मिला है, जिससे ब्रिटेन में 10 नए रोजगार का सृजन होगा।
  • जुबिलिएंट बायोसिस तथा मेटोम साइंस इंफॉर्मेटिक्स लि. यूके को सितम्बर माह में साइंस एंड इनोवेशन नेटवर्क द्वारा चलाई जा रही प्रतियोगिता हासिल की, जिसके तहत इसे बेंगलूरु के सर्वाधिक आविष्कारी बायोटेक या मेडटेक कंपनी को अंतर्राष्ट्रीय रूप से विस्तार करने का मौका मिलेगा। विजताओं को 2 हफ्ते की कैम्ब्रिज यात्रा का अवसर प्रदान किया जाएग, जहां वे वहां स्थापित होने के अवसरों का अध्ययन करेंगे।

इस यात्रा के बाद गुरुवार के ऑटम स्टेटमेंट में यह घोषणा की जाएगी कि भारत में यूकेटीआइ की उपस्थिति अगले वित्तीय वर्ष में £6 मिलियन हो जाएगी। इससे भारत में ब्रिटेन की कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन में निवेश करने में सहायता मिलेगी।

चेन्नई में डॉ केबल ग्रेट ब्रिटिश फेस्टिवल का उद्घाटन करेंगे, जिसमें भारत में मौजूद ब्रिटिश कंपनियों का परिचय कराया जाएगा, साथ ही वे पीएसजी एसटीईपी इंटरप्रेन्योरियल पार्क में युवा उद्यमियों के साथ एक संवाद सत्र में भी हिस्सा लेंगे।

श्री केबल जी कुप्पूस्वामी नायडू मेमोरियल हॉस्पिटल की भी यात्रा करेंगे और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की अपनी यात्रा के दौरान यूके तथा भारतीय एसएमई के बीच एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एसएमई के रिश्तों को बढ़ावा देंगे।

एडिटरों के लिए नोट्स:

  1. भारत:
  • यह विंस केबल की भारत की चौथी तथा कोयम्बट्टूर की पहली आधिकारिक यात्रा है।
  • हम भारत के साथ 2015 तक व्यापार को दुगना करने की दिशा में अच्छी प्रगति कर रहे हैं।
  • भारत को यूके की ओर से किए जाने वाले निर्यातों में 20% की वृद्धि तथा भारत द्वारा यूके को किए जाने वाले निर्यातों में 4% की वृद्धि हुई है।
  • ब्रिटेन-भारत का द्विपक्षीय सहयोग अब ब्रिटेन के लिए सबसे तेजी से बढ़ने वाला सहयोग बन गया है। दोनों के द्वारा संयुक्त रूप से वित्तीय सहायता वाले कार्यक्रमों ने £150 मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है, जो कि 4 वर्ष पहले केवल £1 मिलियन था। यह दोनों देशों के लिए अहम चुनौतियों से निपटने के लिए शानदार प्रतिभाओं को साथ कार्य करने का अवसर प्रदान कर रहा है।
  • ब्रिटेन में 1000 से अधिक भारतीय कंपनिया काम कर रही हैं।
  • ब्रिटेन में टाटा सबसे बड़ी विनिर्माण रोजगार प्रदाता कंपनी है, जिसमें 45,000 कर्मचारी काम करते हैं।
  • इंडियन ऐंजेल इंवेस्टर्स ने उच्च तकनीकी वाले स्टार्ट-अप में निवेश करने के लिए लंदन में एक नया कार्यालय खोला है।
  • पिछले वर्ष यूके ने भारत को £4.66 बिलियन मालों तथा £2.22 बिलियन सेवाओं का निर्यात किया।
  • इस वर्ष जनवरी से जून के बीच हमने £2.87 बिलियन मूल्य के मालों का निर्यात किया है।
  • ब्रिटेन में वर्तमान में 4000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
  1. यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस को उम्मीद है कि ब्रिटेन की कंपनियों के लिए 30 ऐसे समझौते संपन्न किए जाएंगे, जिनके तहत ये रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड को विस्तार परियोजनाओं के लिए उपकरणों तथा सेवाओं की आपूर्ति कर पाएंगी। 90 के दशक के बाद भारत में यूकेईएफ का यह पहला करार है और उम्मीद है कि इनमें से कई ऑर्डर ब्रिटेन के एसएमई को दिए जाएंगे। ब्रिटेन के ऐसे अनुबंधकर्ता जिन्हें इससे लाभ मिलेगा- बेक्टल लिमिटेड (£32 मिलितन), फोस्टर व्हीलर एनर्जी लिमिटेड (£29 मिलियन) तथा पॉर्वेर फिल्ट्रेशन ग्रुप लि. (£27 मिलियन) जैसी कंपनियां शामिल हैं।

  2. शुक्रवार (6 दिसम्बर 2013 को) सरकार ने छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के अपने उपायों को प्रकाशित किया जिससे उसने छोटे तथा मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संकेत दिया।

  • दुनिया में सबसे उचित बैंकिग तथा निवेश माहौल का निर्माण कर तथा सर्वाधिक सहायक टैक्स प्रणाली को लागू कर व्यवसाय के विकास हेतु वित्त प्रदान करता है। *
  • रोजगार की प्रक्रिया को अधिक प्रत्यक्ष बनाकर तथा अधिक कुशल कार्यबल तैयार कर लोगों को हायर करता है।
  • व्यवसायों को विशेषज्ञता, उपकरण तथा वित्त मुहैय्या कराकर नए विचारों तथा उत्पादों का विकास करता है।
  • कुछ सेक्टरों में बाधाओं को हटाकर तथा निर्यात के लिए प्रयासरत व्यवसायों को परामर्श तथा बढ़ावा देकर उनका नए बाजारों में विस्तार करता है।
  • सहायता प्रणालियों को अधिक आसान और अधिक प्रासंगिक बनाकर सही समय पर सही सहायता प्रदान करता है।
  • निश्चित विनियमन द्वारा तथा इसके क्रियांवयन के तरीके को आनुपातिक तथा विकासोन्मुख बनाते हुए व्यवसाय प्रक्रिया को सरल बनाता है।
  1. सरकार की आर्थिक नीति का उद्देश्य है ‘मजबूत, सतत तथा संतुलित विकास हासिल करना जिसे देश में तथा उद्योग जगत में अधिक समानता पूर्वक साझा किया जा सके।’ यह बजट 2011 में ‘प्लान फॉर ग्रोथ’ में 4 लक्ष्यों का निर्धारण करता है:
  • जी20 में सर्वाधिक प्रतियोगी कर प्रणाली का निर्माण करना।
  • युरोप में व्यवसाय आरंभ करने, वित्त प्रदान करन तथा किसी व्यवसाय के विकास के लिए ब्रिटेन को सबसे अनुकूल स्थान बनाना।
  • अधिक संतुलित अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करने के लिए निवेश तथा निर्यातों को प्रोत्साहन देना।
  • एक अधिक शिक्षित कार्यबल का निर्माण करना, जो युरोप में काफी लोचशील है।

इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सरकार के अंदर प्रक्रिया चालू है। इन लक्ष्यों में ग्रोथ रिव्यू के हिस्से के रूप में सुझाए गए 250 से अधिक उपायों पर प्रगति भी शामिल है। एक औद्योगिक रणनीति के विकास से इस कार्य को नई रफ्तार मिलती है, क्योंकि व्यवसायियों, निवेशकों तथा लोगों को सरकार की दीर्घ कालिक आर्थिक यात्रा के बारे में अधिक स्पष्ट जानकारी मिलती है।

  1. ग्रेट कैम्पेन में दिखाया जाता है कि ग्रेट ब्रिटेन क्या प्रदान कर सकता है। इसकी शुरुआत पिछले वर्ष नई दिल्ली में की गई।

  2. यूके ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट:

यूके ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट (यूकेटीआइ) सरकार का एक विभाग है, जो ब्रिटेन स्थित कंपनियों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफलता हासिल करने में मदद करता है। हम विदेशी कंपनियों को ब्रिटेन में उच्च गुणवत्ता वाले निवेश करने में मदद करते हैं, जिसे आज व्यवसाय के लिहाज से युरोप का सर्वाधिक अनुकूल स्थान माना जा रहा है। यूकेटीआइ ब्रिटेन तथा दुनिया भर में ब्रिटिश दूतावासों व अन्य राजनयिक कार्यालयों में फैले अपने विशाल नेटवर्क द्वारा विशेषज्ञता तथा संपर्क मुहैय्या कराता है। हम कंपनियों को ऐसे साधन मुहैय्या कराते हैं जो विश्व मंच पर प्रतियोगी होते हैं। यूकेटीआइ पर अधिक जानकारी के लिए विजिट करें: www.ukti.gov.uk या विजिट करें ऑनलाइन न्यूजरूम: www.ukti.gov.uk/media.

  1. यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस (यूकेईएफ) यूके की एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी है। यूकेईएफ क्रेडिट इंश्योरेंस नीतियां, विदेशी निवेशों पर पॉलिटिकल रिस्क इंश्योरेंस तथा बैंक ऋणों पर गारंटी देकर निर्यातकों तथा निवेशकों को बढ़ावा देता है। यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस एक्सपोर्ट क्रेडिट्स गारंटी डिपार्टमेंट (ईसीजीडी) का संचालन नाम है।
प्रकाशित 9 December 2013