विश्व की समाचार कथा

चिकित्सीय परिपाटी (कार्यव्यवहार) और शोध में नैतिक आचार को प्रोत्साहित करने पर कर्यशाला

कार्यशाला का आयोजन 5-7 अक्टूबर 2015 को कोलकाता में किया गया। इसकी अगुवाई प्रॉस्पैरिटी टीम द्वारा और इसके लिए कोष की व्यवस्था द्विपक्षीय कार्यक्रम बजट कोष द्वारा की गई।

Kolkata

कोलकाता के ब्रिटिश उप-उच्चायोग ने इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, कोलकाता की सहभागिता में कोलकाता में 5 से 7 अक्टूबर तक एक तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ‘चिकित्सीय परिपाटी और शोध में नैतिक आचार को प्रोत्साहन’ विषय पर किया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य था भारत सहित दुनिया के अन्य देशों में चिकित्सीय कार्यव्यवहार और शोध के क्षेत्र में अपनाए जाने वाले नैतिक आचरण के मुद्दों पर चर्चा करना। राज्य के चिकित्सा कर्मियों के लिए ब्रिटेन और अन्य भारतीय राज्यों के अपने समकक्षों के साथ जानकारियों और विचारों का आदान-प्रदान करने का यह एक बाढ़िया अवसर था। राज्य के नीति निर्माताओं ने भी चिकित्सा कर्मियों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं पर प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त की जो अपने प्रभावी नीतिगत उपायों और विनियमनों के जरिए उच्च स्तरीय नैतिकता के मानदंड कायम करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दुहराते हैं।

कोलकाता के ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त स्कॉट फ्रर्सेडोन वुड ने कार्यशाला के पहले दिन राज्य के चिकित्सा क्षेत्र के प्रशासकों, शिक्षकों, सांस्थानिक नैतिक समिति के सदस्यों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के एक समूह को संबोधित किया।

शहर में ब्रिटिश विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा:

यह ऐसी परिचर्चा है जो, चिकित्साकर्मियों या चिकित्सा सुविधा पाने वाले उपभोक्ताओं के रूप में हम सभी के लिए प्रासंगिक है, चाहे हम दुनिया के किसी भी कोने से क्यों न आते हों।

ब्रिटेन और भारत के चिकित्सा सेवा प्रदायन के स्वरूपों में अंतर को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसी नैतिक चुनौतियां हैं जो दुनिया भर में जनसमुदायों तथा उन्हें चिकित्सा सेवा प्रदान करने वाले चिकित्साकर्मियों के साथ उभरते हैं, जैसे कि वे समस्याएं जो उदीयमान स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों, नई दवाओं और फर्मास्युटिकल उद्योग के निहित हितों के इर्द-गिर्द जन्म लेती हैं।’

कार्यशाला के सहभागी सदस्यों और राज्य के नीति निर्माताओं ने आयोजकों द्वारा प्रासांगिक मुद्दों को सही समय पर उठाने हेतु किए गए इस प्रयास की सराहना की और आशा व्यक्ति की कार्यशाला से निकले हुए मार्गदर्शक निष्कर्ष राज्य में स्वास्थ्य सेवा प्रदायन के क्षेत्र में नैतिक आधार को मजबूती प्रदान करेंगे।

मीडिया पूछताछ के लिए कृपया ईमेल करें: मंजरी चक्रवर्ती

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प्रकाशित 19 October 2015