विश्व की समाचार कथा

तमिलनाडु में महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने के लिए यूके का प्रॉजेक्ट

ब्रिटिश उप-उच्चायोग (बीडीएचसी) चेन्नई, के अपने तरह के अनूठे प्रयास के तहत तमिलनाडु में महिलाओं के खिलाफ हिंसा (वीएडब्लू) समाप्त करने में राष्ट्रीय प्रभाव उत्पन्न किया है।

Tamil Nadu

भारत जोशी, ब्रिटिश उप-उच्चायोग, चेन्नई ने कहा:

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के अभिशाप को रोकने से विश्व तथा भारत में यूके द्वारा किए जा रहे कार्यों को बढ़ावा मिलता है। यह प्रॉजेक्ट महिलाओं के खिलाफ हिंसा (वीएडब्ल्यू) रोकने वाले एक मौजूदा कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें तमिलनाडु का तदनुकूल दिशा-निर्देश शामिल है।

तमिलनाडु में यूके समर्थित प्रॉजेक्ट तीन विशेष तरीकों में बदलाव आएगा:

  • पहला, कार्यशालाओं, में शामिल हुए 170 कानूनी, पुलिस तथा न्यायिक अधिकारी18 से 23 नवम्बर को चेन्नई में समूचे तमिलनाडु के जिलों में अपने अनुभव को बांटेंगे और महिलाओं के लिए त्वरित तथा उन्नत न्याय पहुंच को प्रभावित करेंगे। उनमें शामिल हैं सभी महिला पुलिस स्टेशनों के सब-इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर्स ट्रेनिंग सेंटरों के मुख्य पुलिस अधिकारी, जो उस जिले में कार्यरत हैं। इसके अलावा उनमें जिलाधिकारी तथा वकील भी शामिल हुए, जो वीएडब्ल्यू से निपटते हैं तथा उन मामलों को दैनिक रूप से निर्णय लेते हैं। इसका राज्यव्यपी प्रभाव होगा, क्योंकि इनमें से कई अधिकारी खुद ही प्रशिक्षक की भूमिका में हैं, जो जिलों में अपने सहकर्मियों के ज्ञान तथा कार्यों को प्रभावित कर रहे हैं।

  • दूसरा, इन कार्यशालाओं से नए रूप से डिजाइन लर्निंग तथा शेयरिंग मैनुअल तैयार होंगे, जिनका पूरे भारत भर में वीएडब्ल्यू प्रेक्टिशनरों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि ऐतिहासिक तथा नए कानूनों व प्रेक्टिस को सही संदर्भ में बेहतर रूप से समझा जा सके। नए मैनुअल को अगले वर्ष नई दिल्ली में राष्ट्रीय रूप से जारी किया जाएगा।

  • तीसरा, दो वीएडब्ल्यू पुस्तिका का तमिल संस्करण, जिसके प्रकाशन में ब्रिटिश उच्चायोग ने मदद की- वीएडब्ल्यू पीड़िताओं तथा प्रेक्टिशनर्स के लिए प्रेक्टिकल गाइड के रूप में कार्य करेगा, जिनका तमिलनाडु में व्यापक रूप से इस्तेमाल में लाया जाएगा। तमिलनाडु वुमंस डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इस सामग्री को पूरे तमिलनाडु में महिला तथा स्वयं सहायता समूहों के बीच फैलाने की योजना बना रहा है।

अधिक जानकारी

कार्यशाला सत्रों में शामिल हैं वीएडब्ल्यू से जुड़े कानून (घरेलू हिंसा, यौन उल्लंघन तथा यौन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़नों से बच्चों की सुरक्षा, अपराध कानून संशोधन के तहत नए प्रक्रियाएं) तथा केस अध्ययन। ये सत्र समूचे तमिलनाडु के महिलाओं तथा पुरुषों को बैच, ज्ञान तथा माध्यम प्रदान करेंगे ताकि वे VAW के मामलों को बेहतर रूप से समझने, उनके सही संदर्भ निकालने तथा उनपर सही कदम उठाने के में सक्षम हो सकें और पीड़िताओं तथा संभावित शिकार महिलाओं के लिए त्वरित, उन्नत न्याय प्रदान किया जा सके। ये सेशंस तमिलनाडु में मौजूदा तथा राज्य एजेंसियों द्वारा चलाए दीर्घकालिक प्रयासों को मदद प्रदान करने का लक्ष्य रखते हैं, जैसे कि वुमंस डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, स्टेट ज्युडिशियल ऐकेडमी, लीगल सर्विसेज अथॉरिटी तथा पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज।

इन कार्यशालाओं का संचालन ब्रिटिश उप-उच्चायोग चेन्नई द्वारा किया जाएगा और इनका आयोजन नई दिल्ली स्थित लॉयर्स कलेक्टिव, नई दिल्ली तथा चेन्नई आधारित पीसीवीसी तथा वुमंस कलेक्टिव द्वारा किया जाता है। इन कार्यशालाओं का संयोजन तथा इनकी आपूर्ति तमिलनाडु राज्य एजेंसियों के साथ की जाएगी। हर वर्ष नवम्बर के अंत/दिसम्बर के आरंभ को VAW उन्मूलन के लिए यूएन इंटरनेशनल डे के रूप में मनाया जाएगा।

इस वर्ष ब्रिटिश उच्चायोग भारत भर में संबंधित प्रॉजेक्टों को बढ़ावा दे रहा है और लड़कियों के बीच सुरक्षा तथा यौन उत्पीड़न पर जागरुकता फैला रहा है, जिससे जनजातीय महिलाओं की सामाजिक प्रतिभागिता, महिलाओं के अधिकारों के लिए कार्य करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों के क्षमता निर्माण को मदद मिलती है। इस माह ब्रिटिश उच्चायोग भारतीय महिला लीडरों के एक डेलीगेशन को यूके भेज रहा है, ताकि लिंग मुद्दों तथा प्राथमिकताओं की हमारी साझी समझ में विकास हो सके। इस डेलीगेशन में शामिल हैं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा।

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प्रकाशित 20 November 2015