विश्व की समाचार कथा

दक्षिण भारत में नकली एजेंटों तक ब्रिटिश सरकार की पहुंच

ब्रिटिश सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का पता लगाने पर बेंगलुरू के तीन ट्रैवल एजेंट अब केन्द्रीय अपराध शाखा की निगरानी के अंतर्गत हैं।

UKVI

ये एजेंट ब्रिटेन सहित विभिन्न देशों के लिए अपने ग्राहकों के वीजा आवेदनों के समर्थन में फर्जी दस्तावेज और जाली इमिग्रेशन स्टाम्प उपलब्ध कराते थे।

इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब आठ आवेदकों ने जाली इमिग्रेशन स्टाम्प लगे पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए ब्रिटेन की वीजा के लिए आवेदन किया। यह दिखाने के लिए कि उन सभी ने कई यात्राएं की हैं और यह तथ्य छिपाने के लिए कि उन्होंने पूर्व के ब्रिटिश वीजा नियमों का उल्लंघन किया था एजेंटों ने आवेदकों को स्टाम्प लगवाने की सलाह दी थी।

सभी ब्रिटिश वीजा अधिकारी जालसाजी तथा संदिग्ध चीजों का पता लगाने हेतु प्रशिक्षित हैं और कुछ भी संदिग्ध पाए जाने पर वे आगे की जांच हेतु उसे इमिग्रेशन एनफोर्समेंट ओवरसीज टीम को सौंप देते हैं। पासपोर्ट पर लगे नकली स्टाम्प का पता तुरंत चल गया और अन्य राजनयिक मिशनों के साथ जानकारियों को साझा करने के साथ-साथ चेन्नई स्थित उप-उच्चायोग की इमिग्रेशन एनफोर्समेंट टीम द्वारा आगे की जांच की गई।

अपराध की गंभीर प्रकृति के कारण न केवल वीजा देने से इनकार किया गया बल्कि इमिग्रेशन एनफोर्समेंट टीम ने पासपोर्ट जब्त कर लिया और आगे की जांच प्रक्रिया चलाई गई। पर्याप्त सबूत एकत्र होने के बाद आगे की जांच के लिए टीम ने सारी जानकारी क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, बैंगलोर को भेज दी। पासपोर्ट कार्यालय ने नई जालसाजी की बात बताई कि उन सभी आठ आवेदकों ने हाल ही में नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था जिसमें उन्होंने इमिग्रेशन एनफोर्समेंट टीम द्वारा रोक कर रखे गए पासपोर्ट के बारे में यह झूठी जानकारी दी कि वे खो गए। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उन पासपोर्टों को रोक दिया और सारे संबंधित विवरण केन्द्रीय अपराध शाखा को भेज दी जो अब मामले की जांच कर रही है।

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, श्री कार्तिकेयन ने बताया:

मामले के संपूर्ण तथ्य ज्ञात करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवायी करने के लिए बैंगलोर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय अभी ब्रिटिश उप-उच्चायोग चेन्नई तथा स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम कर रहा है।

इन मामलों के उजागर होने के बाद इमिग्रेशन एनफोर्समेंट टीम द्वारा एजेंट के बारे में कई जांच कराई गई हैं, उनके व्यवसायिक ठिकाने का दौरा किया गया और उनके ग्राहकों से पूछ-ताछ की गई है। जांच के लिए अब सभी संबंधित सूचनाएं बैंगलोर अपराध शाखा को भेज दी गई है।

ब्रिटेन के इमिग्रेशन एनफोर्समेंट रिस्क & लायजन ओवरसीज नेटवर्क के क्षेत्रीय प्रबंधक सैमुअल डार्लिंग ने कहा:

ब्रिटिश सरकार वीजा जालसाजी को बहुत ही गंभीरता से लेती है और इन मामलों में दोषी पाए गए व्यक्तियों को न केवल वीजा देने से इनकार किया गया बल्कि उनके पासपोर्ट को भी जब्त किया जा सकता है, उन पर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी 10 साल का यात्रा प्रतिबंध लगाया जा सकता है और उनके ऊपर आपराधिक जांच भी बिठाई जा सकती है।

हमें भारत भर में फैले ऐसे अनेक एजेंटों के बारे में मालूम है जो आवेदकों को जाली दस्तावेज या पासपोर्ट जमा करने को प्रोत्साहित करते हैं जो उनके वीजा आवेदन के एक भाग को अवैध बनाते हैं और यह जरूरी है कि लोग एजेंट के बहकावे में आने से पहले यह जान लें कि पकड़े जाने पर क्या परिणाम होंगे।

सभी वीजा आवेदनों का मूल्यांकन पात्रता के आधार पर किया जाएगा और उनमें आप्रवास नियमों का पूरा पालन किया जाना चाहिए। ब्रिटेन आवेदकों से अनुरोध करता है कि जो हमारे आप्रवास नियमों पर खरा नहीं उतरते वे वीजा के लिए आवेदन ही न करें क्योंकि ऐसा जोखिम लेने का कोई फायदा नहीं।

आगे की जानकारी:

  • इमिग्रेशन एनफोर्समेंट ब्रिटिश गृह विभाग के अंतर्गत एक परिचालनात्मक निदेशालय है जो आप्रवास नियमों के क्रियान्वयन हेतु उत्तरदायी है।
  • संदिग्ध आप्रवास के बारे में जानकारी रखने वाले व्यक्ति यहांसंपर्क करें।

यूके वीजा & इमिग्रेशन टीम द्वारा निम्नलिखित सुझाव जारी किए जाते हैं जिससे वीजा आवेदकों को खुद को जालसाजी का शिकार होने से बचाने में मदद मिलेगी:

  • ऐसे किसी भी व्यक्ति से सावधान रहें जो आपको ब्रिटेन में नौकरी का वादा करे, कम समय में वीजा बनवाने का वादा करे अथवा गारंटीशुदा वीजा का वादा करे।

  • याद रखें कि वीजा संबंधी सभी आवश्यकताओं के पूरा होने पर केवल यूके वीजा & इमिग्रेशन एंट्री क्लियरेंस अधिकारी ही ब्रिटिश वीजा जारी कर सकते हैं।

  • नकली एजेंट कभी-कभी बिना आवेदक को सूचित किए फर्जी कागजात जमा कर देते हैं। सुनिश्चित करें कि आपको यह जानकारी है कि कौन-कौन से दस्तावेज आपकी ओर से एजेंट द्वारा जमा कराए जाते हैं। नियमों और दिशानिर्देशों का अध्ययन आप खुद से करें ताकि आपको मालूम हो कि कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं और उन्हें आप खुद मिलान करें।

  • जाली दस्तावेज जमा करने से न केवल आपका आवेदन बरबाद होता है बल्कि भविष्य में आपकी विदेश यात्रा पर भी प्रभाव पड़ता है और इससे संगठित आप्रवास अपराध को बढ़ावा मिलता है।

  • हमेशा यूकेवीआई के अधिकृत वेबसाइट से जानकारी प्राप्त करें।

मीडिया पूछ-ताछ के लिए कृपया यहां संपर्क करें:

स्टुअर्ट ऐडम, प्रमुख,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: नताशा वूल्लकोम्ब

हमारा अनुसरण करें Twitter, Facebook, Flickr, Storify, Eventbrite, Blogs, Foursquare, Youtube, Instagram, Vine, Snapchat @UKinIndia, Periscope @UKinIndia

प्रकाशित 13 January 2016