भाषण

ब्रिटेन और छत्तीसगढ़ की सहभागिता

कोलकाता के ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त स्कॉट फर्सेडोनवुड के उस अभिभाषण की अनूदित प्रतिलिपि जो उन्होंने गुरुवार 14 मई 2015 को रायपुर के एक व्यवसाय सेमिनार में दिया।

BDHC Kolkata

सम्मानित अतिथिगण, देवियों और सज्जनों,

छत्तीसगढ़ के अपने प्रथम दौरे पर यहां आकर मुझे अतीव प्रसन्नता हो रही है। खासकर, मुझे अपने साथ सात विश्वस्तरीय ब्रिटिश कंपनियों के प्रतिनिधियों को लाने की खुशी है। हम सभी यह विश्वास करते हैं कि इस राज्य में वास्तविक अवसर मौजूद हैं और इस व्यवसाय सेमिनार में आप सबके साथ उनपर चर्चा करने का अवसर पाकर हम रोमांचित हैं।

रायपुर तो मैं कल संध्या को आया, लेकिन इस दौरे की प्रतीक्षा मैं बहुत दिनों से कर रहा था। छत्तीसगढ़ की विशाल संभावनाओं के बारे में मैंने बहुत सुना है। सफलता की गाथा लिखने के लिए जिन-जिन तत्वों की आवश्यकता होती है- समृद्ध खनिज भंडार, कृषि संपदा, विकसित होती हुई आधारभूत संरचना, एक सकारात्मक व्यावसायिक माहौल, रणनीतिक अवस्थिति और संभवतः सबसे महत्वपूर्ण बात- सुशासन आधारित एक अच्छी सरकार- वे सब इसके पास हैं।

मुझे बताया गया है कि इस राज्य में उद्योग पहले ही बड़ी तेजी से फल-फूल रहे हैं। इस्पात, एल्युमिनियम, ऊर्जा और अधारभूत संरचना के क्षेत्रों में वास्तविक गतिशीलता है। योजना के दौर से गुजर रही बहुत सी अन्य परियोजनाओं के साथ अवसरों में इजाफा होता ही रहेगा। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी की छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान अनेक नई परियोजनाओं की घोषणा बहुत ही उत्साहवर्धक रहीं।

ब्रिटिश सरकार भारत के साथ हमारे संबंधों को अत्यंत महत्वपूर्ण मानती है और इसे मजबूत और गहरा बनाने पर बहुत जोर दिया जा रहा है। हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। ये संबंध वाणिज्य, विकास, शिक्षा, विज्ञान और शोध जैसे क्षेत्रों में विस्तार पा रहे हैं।

ब्रिटेन-भारत व्यवसाय संबंध पहले से ही मजबूत है

  • द्विपक्षीय व्यापार लगभग 16.5 अरब पाउंड मूल्य का है जो 2008 से 2013 के बीच 50% के दर से बढ़ा।

  • ब्रिटेन भारत में जी20 देशों के समूह का सबसे बड़ा निवेशक है। पिछले साल ब्रिटेन ने भारत में 3.2 अरब डॉलर का निवेश किया जो जापान (1.7 अरब) अमेरिका (1 अरब से भी कम) के सम्मिलित निवेश से भी अधिक है जो भारत में निवेश के लिहाज से क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर आते हैं। पिछले 14 सालों का कुल निवेश देखें तो ब्रिटेन समस्त जी20 देशों में प्रथम स्थान पर है और इस अवधि के दौरान भारत में हुए निवेश में इसका योगदान 10% है।

  • और भारत भी ब्रिटेन में सर्वाधिक निवेश करने वालों में देशों में एक है और यह शेष ईयू में सम्मिलित रूप से जितना निवेश करता है उससे अधिक अकेले ब्रिटेन में करता है।

तो इस तरह व्यावसायिक संबंध बहुत मजबूत है, लेकिन हमारा मनाना है कि इसे आगे और भी सुदृढ़ किया जा सकता है।

जब हम भारत में अवसर तलाश रही ब्रिटिश कंपनियों के साथ काम करते हैं तो हम उन्हें मुंबई, दिल्ली, बंगलौर, चेन्नई और कोलकाता के जाने माने केन्द्रों से परे जाकर अवसर ढूंढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में देखें तो इन महानगरों के बाहर ऐसे विशाल अवसर मौजूद हैं, ऐसे बाजार हैं जिनका अब तक अन्वेषण नहीं किया जा सका है और यहां सही विजन और विशेषज्ञता वाली बेहतरीन कंपनियां अपने व्यवसाय और विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर हासिल कर सकती हैं। यही कारण है कि मैंने इन कंपनियों को मेरे साथ रायपुर आने को कहा और यही कारण है कि उन्हें खुशी हुई – ताकि ब्रिटेन और छत्तीसगढ़ मिलकर नए संबंधों का निर्माण करें और जो मौजूदा संबंध हैं उन्हें मजबूत किया जाए और साथ ही, साथ मिलकर व्यवसाय करने के नए अवसर तलाश किए जाएं।

हमें लगता है कि ब्रिटेन और ब्रिटिश कंपनियों के पास देने के लिए बहुत कुछ है।

हम दुनिया के छ्ठे सबसे बड़े निर्माता हैं जो उन्नत विनिर्माण, निम्न कार्बन तकनीक, शिक्षा, आधारभूत संरचना, वित्तीय सेवाओं, ऊर्जा, रचनात्मक उद्योगों तथा अन्य बहुत से क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। ब्रिटिश विशेषज्ञता और तकनीक तथा भारत, और खासकर छत्तीसगढ़ की अभिलाषा के बीच एक बहुत ही बेहतरीन साम्य है। आइए मैं इनमें से कुछ की चर्चा करूं।

विनिर्माण क्षेत्र में जहां भारत अपनी सड़कों, रेल, बंदरगाहों और शहरी एवं औद्योगिक आधारभूत संरचना में भारी निवेश कर रहा है, ब्रिटिश कंपनियों द्वारा परियोजना प्रबंधन, डिजायन, संरचनात्मक अभियंत्रण, ऊर्जा के वितरण, विशिष्ट उपकरणों तथा अन्य मामलों में अपनी विशेषज्ञता उपलब्ध कराई जा सकती है।

प्रधान मंत्री मोदी ने दूरगामी महत्व की दो महान परियोजनाओं की शुरुआत की है – 100 स्मार्ट शहरों का निर्माण और एएमआरयूटी (नवर्निर्माण तथा शहरी रूपांतरण का अटल मिशन)। यह समझने में ये वास्तविक अवसर मुहैया कराते हैं कि मास्टर प्लानिंग, परियोजना प्रबंधन, निम्न कार्बन आधारित विकास, जल एवं जल-सम्भरण प्रबंधन की स्मार्ट प्रौद्योगिकी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और शहरी परिवहन के क्षेत्र में ब्रिटिश विशेषज्ञता क्या कुछ उपलब्ध करा सकती है। स्मार्ट शहरों और नया रायपुर तथा राज्य की दूसरी जगहों पर शहरी परियोजनाओं के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के साथ मिलकर इन कंपनियों को काम करता हुआ देखकर मुझे प्रसन्नता होगी।

खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में ब्रिटेन का मजबूत रिकॉर्ड रहा है। उन्नत खनन प्रौद्योगिकियों – जिनमें से कुछ को राज्य में पहले ही अपनाया जा चुका है – और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों के मामले में हमने भारतीय उद्योग के साथ घनिष्ठता से काम किया है। ब्रिटेन के पास निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों के बाजार-अग्रणी डिजायनर्स, डेवलपर्स और निर्माणकर्ता हैं। कार्बन मापन और प्रबंधन, कार्बन वित्त और ऊर्जा दक्ष तकनीकों के क्षेत्र में हमारे पास विश्व की अग्रणी विशेषज्ञता उपलब्ध है।

हमारे दोनों देशों की भावी सफलताओं के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। पिछले जुलाई में, हमारे दोनों प्रधानमंत्री सफल ब्रिटिश भारतीय शिक्षा और शोध प्रयास को विस्तार देने पर सहमत हुए। शिक्षा प्रणाली के सभी स्तरों पर ब्रिटेन और भारतीय संस्थानों के बीच पहले ही 600 नई साझेदारियों हुई हैं – लेकिन करने के लिए निश्चित रूप से अभी और भी बहुत कुछ है।

लेकिन मैं केवल भारत में मौजूद अवसरों पर भी बल देना नहीं चाहता। एक निवेश गंतव्य के रूप में तथा आगे के यूरोपीय विस्तार के लिए एक ‘लॉन्च पैड’ के रूप में ब्रिटेन भी भारतीय कंपनियों के लिए बहुत से अवसर उपलब्ध कराता है। बहुत सी भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में बहुत बढ़िया कर रही हैं: टाटा समूह, विप्रो, इनफोसिस तथा अन्य। हम इनमें इजाफा चाहते हैं लेकिन हम और भी छोटी व मध्यम श्रेणी की भारतीय कंपनियों को अपने पसंदीदा यूरोपीय गंतव्य के रूप में ब्रिटेन का चयन करते देखना चाहते हैं।

यह मेरा और यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) की मेरी टीम का काम है कि हम दक्षता व विशेषज्ञता को साझा करने के लिए भारतीय और ब्रिटिश कंपनियों को साथ लाएं और उन्हें उन साझेदारियों का लाभ उठाने में मदद करें जो दोनों देशों के लिए लाभकारी हो। आज का यह सेमिनार इसी के लिए है।

आज यहां मौजूद कंपनियां मास्टर प्लानिंग और डिजायन, वास्तुशिल्प, परियोजना प्रबंधन तथा कारोबार परामर्श, शहरी परिवहन योजना, अपशिष्ट प्रबंधन और खनन जैसे क्षेत्रों में विश्व स्तरीय विशेषज्ञता उपलब्ध कराती हैं। इस गतिमान बाजार में अपनी विशेषज्ञता उपलब्ध कराने के लिए ये सारी कंपनियां स्थानीय उद्योग जगत और सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहती हैं। मुझे उम्मीद है कि महान छत्तीसगढ़ राज्य में मौजूद रोमांचक अवसरों का लाभ उठाने के लिए आप सब मिलकर काम करेंगे।

प्रकाशित 14 May 2015