भाषण

‘यूके का लक्ष्य है वर्ष 2020 तक सही स्थानों पर स्मार्ट मीटर लागू करना'

16 मार्च 2016 को दिल्ली में आयोजित भारतीय स्मार्ट ग्रिड सप्ताह के उद्घाटन समारोह में सर डेविड किंग़ के भाषण की प्रतिलिपि।

Sir David King

देवियों और सज्जनों, मैं भारत में दोबारा लौटने पर और स्मार्ट ग्रिड सप्ताह में इतने गणमान्य अतिथियों के साथ विचार व्यक्त करने का अवसर पाकर प्रफुल्लित हूं।

यूके और भारत की साझेदारी का ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रगाढ़ इतिहास है और समय के साथ यह साझदारी और मजबूत होती जा रही है।

नवम्बर में लंदन में हमारे दोनों प्रधानमंत्रियों ने ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर हमरी साझेदारी को अग्रणी स्थान दिया और द्विपक्षीय संबंधों का केंद्र बनाया। इस तरह उन्होंने दोनों देशों में दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय एवं सस्ती ऊर्जा की आवश्यकता को पहचाना है।

हमारी साझेदारी दोनों देशों को मजबूत बनाएगी और यह दोनों देशों में आ रही चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है:

  • ऐतिहासिक पेरिस समझौते के कुछ सप्ताह पूर्व नवम्बर में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नए सिरे से की गई संयुक्त प्रतिबद्धता से;
  • उन संयुक्त कार्यक्रमों के लिए जो अल्प कार्बन, जलवायु लचीलेपन और भविष्य के लिए स्मार्ट शहरों के निर्माण में सहायक होंगे;
  • साथ ही उन कार्यक्रमों के लिए जो लंदन शहर की कुशलता को समावेशित करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय वित्त समुदायों को संघठित करते हैं ताकि भारत और अन्य देशों में स्वच्छ ऊर्जा में निवेश की दिशा में अवरोधों को समझकर उनसे निपटा जा सके।

लेकिन केवल सरकार द्वारा लिए गए कदमों से आवश्यक ऊर्जा परिवर्तन की पूर्ति नहीं की जा सकती। व्यापारों, शोधकर्ताओं, निवेशकों और नागरिक समाज सभी को अपनी अपनी भूमिका निभानी होगी।

स्मार्ट ग्रिड सप्ताह

इन्हीं कारणों से भारतीय स्मार्ट ग्रिड सप्ताह में ऐसे कार्यक्रमों का महत्व है-जो समूचे समुदाय को वाद-विवाद करने, चुनौति देने और समाधान ढूंढने के लिए एकत्रित करते हैं।

और स्मार्ट ग्रिड की विषय वस्तु इसी तरह बेहद महत्वपूर्ण है।

मुझे आश्चर्य नहीं होगा कि श्रोताओं में से आप में कुछ लोगों ने खुद से पूछा होगा कि आखिर यह ‘स्मार्ट ग्रिड’ है क्या। लेकिन आप अकेले नहीं हैं।

यूके ने इस प्रश्न पर विचार किया है और उसके पास इसकी एक अच्छी परिभाषा है:

  • एक स्मार्ट ग्रिड का लक्ष्य है ‘अल्प कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर एक कुशल, सामयिक परिवर्तन में सहायक होना जिससे यूके अपने कार्बन कटौती लक्ष्य को पूरा कर सके, साथ ही उपभोक्ताओं के खर्च को कम कर ऊर्जा सुरक्षा एवं विस्तारित ऊर्जा लक्ष्य को सुनिश्चित कर सके।

यूके इस दिशा में क्या कर रहा है?

यह कर्णप्रिय है (सुनने में अच्छ है)। लेकिन हम इस विषय में क्या कर रहे हैं।

कुछ समय से यह स्पष्ट है कि ग्रेट ब्रिटेन का विद्युत तंत्र-जिसे अच्छे तरीके से बनाया गया है, लेकिन इसे बनाकर काफी लंबा समय हो चुका है- चुनौतिपूर्ण भविष्य का सामना कर रहा है।

लेकिन भविष्य में इसी में विशाल अवसरों के गुंजाइश है। आगामी दशक में हमारे तंत्रों पर अरबों पाउंड का खर्च किया जाएगा। इनमें से अधिकतम राशि का उपयोग विद्युत प्रणाली को सुदृढ़ करने और ढलते बुनियादी ढांचे को बदलने में किया जाएगा।

लेकिन हमें वर्तमान प्रणाली के केवल रखरखाव से कुछ ज्यादा करना होगा। हमें इसे अधिक लचीला और अनुकूल बनाना होगा। हमें हमारे तंत्र संचालकों के समक्ष आ रही अनिश्चितताओं से निपटने के लिए नए, बेहतर प्रद्योगिकी के साथ नए व्यावसायिक प्रबंधों में निवेश करने और कुल व्यय को घटाने की आवश्यकता है।

यूके में हमें विश्वास है कि स्मार्ट ग्रिड ऊर्जा के नए स्त्रोत और नए तरीके के मांगों को उपलब्ध करने में सहायक होंगे। इनके जरिए उपभोक्ताओं तक कम खर्च के साथ साथ नौकरियों के अवसर निर्माण करने और विकास को बढ़ाने जैसी सुविधाएं पर लक्ष्य केंद्रित करने में मदद मिलेगी।

ये हमारे अल्प कार्बन परिवर्तन को समर्थन देंगे और जेनेरेटर, आपूर्तिकर्ताओं एवं तंत्र कम्पनियों के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रणाली में सक्रिय भूमिका निभाने के अवसर प्रदान करेंगे।

और भारत की तरह यूके में भी स्मार्ट ग्रिड स्मार्ट शहरों के संचालक होंगे।

स्मार्ट ग्रिड के कई लाभ वर्ष 2020 और उसके पश्चात मिलेंगे। लेकिन स्मार्ट ग्रिड के लिए आवश्यक समर्थक जैसे भौतिक, व्यावसायिक एवं नियामक ढांचे को सही स्थान पर लागू करने के लिए हमें इतने लंबे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए।

जहां इसके कई लाभ आज भी उपलब्ध हो सकते हैं, दीर्घकालिक लाभ तब प्राप्त होंगे जब हम आज से ही अवरोधों को पहचानकर उनपर काबू पा सकें।

स्मार्ट मीटर

यूके सरकार द्वारा लिए गए प्रारंभिक कदमों में से एक स्मार्ट ग्रिड को प्राथमिकता देना।

यूके सरकार का लक्ष्य है 2020 तक सभी घरों एवं लघु उद्यमों में स्मार्ट ग्रिड लागू करना।

मुझे यह ज्ञात है कि भारतीय मानकों के हिसाब से यह काफी छोटा कदम है ,लेकिन यह यूरोप के सबसे बड़े अभियांत्रिकी परियोजनाओं में से एक होगा। इसके तहत 30 मिलियन घरों और लघु उद्यमों में 53 मिलियन गैस एवं विद्युत मीटरों को स्थापित किया जाएगा।

वर्ष 2030 तक के समय में, हमारे मूल्यांकन के अनुसार यूके को इस स्मार्ट मीटर के कार्यक्रम से 6.2 बिलियन पाउंड का शुद्ध लाभ प्राप्त होगा।

निष्कर्ष

लेकिन यूके को अब भी काफी लंबा सफर तय करना है और अनेक अवरोधों को पार करना है। और हमारे स्मार्ट ग्रिड की दूरदर्शिता को सार्थक करने में यूके, भारत और अन्य देशों को आपस में बांटने के लिए काफी कुछ है।

और यह कार्यक्रम इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

मैं इस बात से हर्षित हूं कि स्मार्ट ग्रिड सप्ताह में हमें यहां अपने स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत देशी कम्पनियों की कुशलता को प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं आप सभी को इन कम्पनियों से मिलने के लिए आमंत्रित करता हूं।

और मैं स्मार्ट ग्रिड क्षेत्र में कई भारतीय व्यापारों के नवोन्मेष और महत्वकांक्षाओं को देखने का अभिलाषी हूं।

देवियों और सज्जनों, मैं आयोजनकर्ताओं का आभारी हूं जिन्होंने मुझे इस गरिमापूर्ण कार्यक्रम में आमंत्रित कर विचार व्यक्त करने का अवसर दिया। और मैं आशा करता हूं कि भारत में स्मार्ट ग्रिड लागू करने की ओर योजना बनाई जाएगी।

आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

प्रकाशित 16 March 2016