भाषण

'आज भी ब्रिटेन की सर्वाधिक चिरस्थायी छवि हमारी सम्राज्ञी हैं’

हैदराबाद के ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त, एंड्र्यू मैकलिस्टर द्वारा ‘हर मैजेस्टी’ साम्राज्ञी एलिजाबेथ द्वितीय के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में बृहस्पतिवार, 12 मार्च, 2015 को हैदराबाद में दिए गए अभिभाषण की अनूदित प्रतिलिपि।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
BDHC Hyderabad

महामहिम राज्यपाल, माननीय मंत्रीगण, देवियो तथा सज्जनो, महामहिम साम्राज्ञी (महारानी) के आधिकारिक जन्मदिवस आयोजन की इस संध्या हमारे साथ उपस्थित होने के लिए आप सभी का धन्यवाद। महामहिम, हमें इस शाम आपको अपने साथ पाकर प्रसन्नता तथा कृतज्ञता का अनुभव हो रहा है। जब हमने अपना कार्यालय स्थापित किया उससे पहले तथा बाद में भी आप हमारे प्रयासों के प्रबल समर्थक रहे हैं, तथा यह मेरा सौभाग्य रहा है कि मुझे आपके साथ कई अवसरों पर मंच पर साथ उपस्थित रहने का अवसर मिला है। लेकिन आज की रात्रि खासतौर पर विशिष्ट है, और मैं इस अवसर पर हमारे साथ सपत्नीक आपकी बहुमूल्य उपस्थिति और इसकी शोभा बढ़ाने के लिए खासतौर पर आपका और आपकी माननीय श्रीमतीजी का कृतज्ञ हूं।

परंपरागत रूप से राष्ट्रीय दिवसों के दौरान, मेरे जैसे पद पर मौजूद व्यक्ति एक लंबा और विस्तृत अभिभाषण देंगे, जिसमें विगत वर्षों में घटित सभी बातों का उल्लेख किया जाता है। बहरहाल, आज की रात मेरा ऐसा कुछ करने का कोई इरादा नहीं है। इसकी बजाय, मैं पसंद करूंगा कि मैं आपके साथ हमारे चिरस्थायी संबंधों के कुछ खास तथ्यों को साझा करूं और तब महामहिम राज्यपाल महोदय कुछ शब्द कहें।

आपमें से कुछ को आश्चर्य होगा कि आज की यह रात्रि किस बारे में आयोजित है। परंपरागत तौर पर राष्ट्रीय दिवस स्वतंत्रता, मुक्ति, एक संविधान या क्रांति के लिए मनाए जाते हैं। लेकिन ब्रिटेन में हम चीजों को थोड़े अलग तरीके से करते हैं। हमारे आखिरी सफल आक्रमणकारी 1066 में नॉर्मन थे, हमारे पास एक लिखित संविधान नहीं है और हम 1688 की हमारी अल्पजीवी क्रांति के बारे में कुछ ज्यादा कहने के इच्छुक नहीं हैं। तो हम अपनी ब्रिटिश पहचान का उत्सव कैसे मनाएं?

आज ब्रिटेन की चिरस्थायी छवि हमारी साम्राज्ञी, महामहिम साम्राज्ञी एलिजाबेथ द्वितीय हैं। इस वर्ष 9 सितंबर को महामहिम साम्राज्ञी ब्रिटेन के इतिहास में राज्य की सबसे लंबे समय तक रहने वाली शाही अधिपति हो जाएंगी, जब वे अपनी पूर्वज परदादी साम्राज्ञी विक्टोरिया द्वारा स्थापित कीर्तिमान को पार कर जाएंगी। अपने कार्यकाल के दौरान महामहिम साम्राज्ञी ने तीन बार भारत का दौरा किया। उनके मन में इस देश और यहां की जनता के लिए गहरा प्यार है। आज की रात हम उनके स्वास्थ्य का जाम उठाते हैं, और कामना करते हैं कि महामहिम साम्राज्ञी आनेवाले अनेक वर्षों तक सिंहासन पर रहें।

हम वस्तुतः जिस अवसर का उत्सव मना रहे हैं, वह साम्राज्ञी का आधिकारिक जन्मदिवस है, जो सिंहासन पर उनके आरोहण का स्मृतिदिवस भी है। ब्रिटेन में हम इसे जून के प्रथम या द्वितीय शनिवार को मनाते हैं, जब अमूमन मौसम अच्छा हो। विदेशों में हम इसमें थोड़े लचीलेपन का परिचय देते हैं और भारत में हम इसे वर्ष के प्रारंभ में मनाते हैं, जब मौसम काफी अनुकूल होता है- यद्यपि आज की रात हम इस शानदार होटल के भीतर इससे सुरक्षित हैं।

उनके लिए, जो जानना चाहते हों, साम्राज्ञी का वास्तविक जन्मदिवस 21 अप्रैल है; उन्होंने आज से 63 वर्ष पहले, फरवरी 1952 में, अपनी 25 वर्ष की अल्पायु में ही सिंहासन सुशोभित किया था।

आज की रात का यह अवसर ब्रिटेन और भारत के बीच घनिष्ठ संबंधों की अभिव्यक्ति का भी है। यह एक ऐसी साझेदारी है जो समय के साथ और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है, जिस प्रकार हम साथ मिलकर दोनों देशों की पारस्परिक समृद्धि तथा सुरक्षा के लिए अनवरत रूप से काम कर रहे हैं।

हमारे दोनों देशों में एक दीर्घावधि सहभागिता और एक लंबा इतिहास रहा है। लेकिन हमारे संपर्क वर्तमान और भविष्य के संदर्भ में बहुत ही घनिष्ठ हैं- भारत के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े दस लाख लोग आज ब्रिटेन में रह रहे हैं, और हमारे सैकड़ों हजारों नागरिक हैं, जो वर्ष में चार बार तक कामकाज, अध्ययन या केवल आनंद के लिए भारत की यात्रा करते हैं।

जैसा किसी भी मजबूत संबंध में होता है, यह न केवल अतीत पर दृष्टिपात करना, बल्कि भविष्य की ओर देखना भी है। ब्रिटेन में हम प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित ब्रिटेन यात्रा में उनके स्वागत की प्रतीक्षा कर रहे हैं, हमें आशा है कि यह इस वर्ष के आखिर तक संपन्न होगी।

और हम अपने अगले आम चुनावों की प्रतीक्षा भी कर रहे हैं, जो ब्रिटेन में 7 मई को शुरू होकर कुछ सप्ताहों तक चलनेवाले हैं। इनके परिणामों की कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। लेकिन मैं एक भविष्यवाणी करना चाहूंगा: कि मई में ब्रिटेन में चाहे जो भी सरकार सत्ता में आए, वह भारत के साथ उच्च प्राथमिक सहभागिता, और इस महान देश के साथ ब्रिटेन के संबंधों को सर्वोच्च महत्व देना बरकरार रखेगी।

इसके कई कारण हैं- भारत का बढ़ता रणनैतिक महत्व, समृद्धि तथा सुरक्षा- जिसे हम अपने नागरिकों के लिए साथ काम करके प्राप्त कर सकते हैं और हम दोनों के साझा समान मूल्य।

हम इसमें अपने प्रधानमंत्री महोदय की ओर से पहल कर रहे हैं, जिन्होंने भारत को अपने एजेंडे में सबसे प्रमुख स्थान दिया है- क्योंकि हमें मालूम है कि 21वीं शताब्दी को भारत द्वारा रूपाकार मिलेगा। वस्तुतः भारत हमारे लिए एक उच्च प्राथमिकता है, इसीलिए ब्रिटेन भारत में तीसरा सबसे बड़ा जी20 निवेशक है, जो अमेरिका या जापान से भी ज्यादा निवेश कर रहा है। वर्तमान में ब्रिटेन भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है और भारत अभी ब्रिटेन में पांचवां सबसे बड़ा निवेशक है।

व्यक्तिगत दृष्टिकोण से भी, हैदराबाद में उप-उच्चायुक्त के रूप में यह मेरे लिए गौरव का विषय है। मैं यहां बस 20 महीने पहले अपना पदभार संभालने के लिए आया, जो अब दुनिया भर में हमारे सबसे विस्तृत राजनयिक नेटवर्क के अंतर्गत सबसे नया पद है। तब से, मैं अनुभव करता हूं कि हमने यहां जड़ों का रोपन किया है और शहर के दैनिक जीवन के साथ घुलमिल गया हूं। मैं इसका श्रेय आप सभी के द्वारा मेरे और मेरी पत्नी सांग ही के लिए प्रदर्शित गर्मजोशी भरे स्वागत को देता हूं, और इसके लिए आपको हृदय से धन्यवाद देता हूं।

थोड़ा सा और आगे देखें तो, आशावादी होने के ढेर सारे कारण मौजूद हैं। व्यावसायिक भावनाएं अपने उच्चतम स्तर पर हैं, और हम ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ, भारत में ब्रिटेन के व्यावसायिक हितों में एक पुनर्जीवन लाने की आशा कर रहे हैं। और अगर ये भारत में आ रही हैं, तो यहां से बेहतर और कहां आना होता?

यह आकस्मिक नहीं है कि हमने यहां प्रमुख स्थान पर ब्रिटिश उप-उच्चायोग की स्थापना की है। यह केवल देश का एक खूबसूरत हिस्सा ही नहीं है। बल्कि यह व्यवसाय के लिए भी ‘ग्रेट’ है- जैसा कि हम सब जानते हैं कि दुनिया की कुछ बेहद सफल कंपनियां भी इससे सहमत हैं।

हैदराबाद में यहां हमारा कार्यालय केवल ब्रिटिश उप-उच्चायोग का ठिकाना मात्र नहीं है। अब हम यहां स्कॉटिश डेवेलपमेंट इंटरनेशनल के साथ सह-स्थापित हैं, जिनकी यहां, इस शहर और तेलंगाना तथा आंध्रप्रदेश के महत्वपूर्ण राज्यों के व्यवसाय और लोगों में स्कॉटलैंड सरकार के बढ़ते हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश से एक स्थायी उपस्थिति है। यह एक रोमांचकारी प्रगति है, जो इस क्षेत्र के प्रति हमारी सम्मिलित प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

हम यहां हैं क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से हमारे अनुकूल है और क्योंकि हमारे पास पूरक क्षमताएं हैं। ब्रिटेन के पास कई चीजें हैं, जिनकी भारत को आवश्यकता है।

हमारे पास पेशेवर दक्षताओं का प्रमाणन और प्रत्यायन मौजूद है, जो भारत के युवाओं की क्षमताओं के विकास में सहायक है। हमारे पास विश्वस्तरीय डिजाइन और प्रौद्योगिकी मौजूद है। ऊर्जा और अवसंरचना क्षेत्र में हमारे पास विश्वस्तर की विशेषज्ञता है। हमारे यहां दुनिया की कुछ सबसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थाएं मौजूद हैं- मुझे उनका नाम गिनाने की आवश्यकता नहीं है।

हमारी राष्ट्रीय टीमों तथा विजेताओं की हालिया सफलताओं के अलावा भी, हम दोनों के पास महान खेल तथा संस्कृति है।

हमारे बीच एक लंबा और गहन साहचर्य रहा है, जो एक सामान्य व्यावहारिक संबंध से कहीं आगे तक जाता है।

और ठीक जब भारत वैश्विक पटल पर अपनी चमक बिखेर रहा है, यह ब्रिटेन के लिए एक उपयुक्त समय प्रतीत होता है कि वह उसके सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली पुत्रों में से एक को सम्मान दे। मेरा आशय, निश्चित रूप से, महात्मा गांधी, और उनकी प्रतिमा के होनेवाले अनावरण से है, जो शनिवार 14 मार्च को लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर होनेवाला है। वे इस स्क्वायर पर प्रतिमा के माध्यम से सम्मानित होनेवाले प्रथम भारतीय, और वस्तुतः ऐसे अकेले व्यक्ति हैं, जिन्होंने कभी कोई सार्वजनिक पद धारण नहीं किया।

अहिंसा के प्रति उनके दृष्टिकोण को एक हमेशा एक सकारात्मक विरासत के तौर पर स्वीकार किया जाएगा- न केवल ब्रिटेन और भारत, बल्कि पूरी दुनिया में। वे महान अंतर्दृष्टि और मनीषा से युक्त व्यक्ति थे, जिन्होंने अपनी दृष्टि से लाखों लोगों को अनुप्राणित किया। उन्होंने जो भी कहा, वे सब आज सत्य ध्वनित हो रहा है। हम सब को उनके विचारों के अनुसार सब कुछ करना होगा, जैसा कि उन्होंने कहा था: ‘अपराध से घृणा करो, अपराधी को प्रेम दो’; ‘निर्बल क्षमा नहीं कर सकते। क्षमाशीलता तो बलवानों का श्रेय है’।

यह प्रतिमा न केवल हमारे दोनों देशों के इतिहास में उनके व्यापक महत्व की स्वीकृति है, बल्कि इससे दुनिया के सबसे पुराने तथा सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच सुदृढ मित्रता संपर्क को और मजबूती मिलेगी।

इसलिए आज की रात आइए, हम साथ मिलकर भारत और ब्रिटेन तथा ब्रिटिश और भारतीयों के बीच मित्रता का उत्सव मनाएं, और आगामी वर्षों में और भी ज्यादा घनिष्ठ संपर्कों की आशा करें।

मैं चाहूंगा कि, जो आज की रात हमारे साथ उपस्थित हुए, तथा एक लंबी सूची में सम्मिलित उन सभी सहभागियों को धन्यवाद देते हुए अपनी बात समाप्त करूं, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य सहयोग दिया। मुझे क्षमा करें कि मैं आप सबों का उल्लेख नहीं कर पा रहा, किंतु मुझे खासतौर पर ट्रायम्फ मोटरसाइकल्स, पेवर्स इंग्लैंड, वोडाफोन, विलमैक्स तथा, निश्चित रूप से, ट्राइडेंट होटल का उल्लेख करना चाहिए। शेष के लिए, आप जानते ही हैं कि आप कौन हैं और आपने जो किया, उसके लिए हमारा हार्दिक धन्यवाद। हम आशा करते हैं कि हम आपके साथ मिलकर यहां हैदराबाद और इससे बाहर भी हमारी सहभागिता को और मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे।

अंत में, मुझे अपने अभिभाषण का समापन करते हुए अपने अच्छे मित्र, माननीय राज्यपाल महोदय को आमंत्रित करने का अवसर दें, कि वे आएं और कुछ शब्द कहें।

मुझे धैर्यपूर्वक सुनने के लिए आपका शुक्रिया, अब शेष संध्या का आनंद उठाएं।

प्रकाशित 13 March 2015