भाषण

'तकनीक ने युवाओं को विश्व समाज को समझने में सक्षम बनाया है'

ब्रिटेन के राष्ट्रमंडल और संयुक्त राष्ट्र के लिए राज्य मंत्री ने साइबरस्पेस 2017: नई दिल्ली में साइबर4ग्रोथ पर आयोजित ग्लोबल कॉन्फ्रेंस में मुख्य भाषण दिया।

"Technology has enabled young people to grasp the global world"

मेरी तरफ से गुड मॉर्निंग और नमस्कार

मैं बहुत ध्यान से सुन रहा था - जब आप किसी मंच पर बैठते हैं तो यह जानना हमेशा अच्छा होता है कि आपके पास क्या समान है। जी हां, हम इस मामले में समान हैं कि हम सभी एक ही मंच पर हैं। लेकिन कुछ वक्ताओं के साथ, एक जो मेरे मूल देश भारत के हैं - मेरे माता-पिता का देश, जो कि मैं मंत्री रवि प्रसाद के साथ साझा करता हूं। मैं एक अन्य वक्ता के साथ वही महाद्वीप साझा करता हूं। और मुझे यकीन है कि आपने घोषणाओं में सुना होगा कि एक अन्य व्यक्ति के साथ पहला नाम साझा करता हूं और उसे सिर्फ लोगों को भ्रमित करने के लिए रखा गया था।

लेकिन मैं आशा करता हूं कि हमारी आज सुबह की बातचीत और अगले दो दिनों के दौरान होने वाली चर्चा को सिर्फ सुनने के लिए ही नहीं बल्कि एक-दूसरे से सीखने के लिए सुना जाएगा। मैं प्रधान मंत्री मोदी और उसके बाद मंत्री प्रसाद द्वारा कही गई बातों को बहुत ध्यान से सुन रहा था। और शायद यह पूरी तरह से उपयुक्त है कि हम खुद को यहां इसलिए पाते हैं क्योकि हमने पहले ही दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को सुना है।

लेकिन मुझे दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र यूनाइटेड किंगडम का प्रतिनिधित्व करते हुए भी विशेष तरह का गौरव का अनुभव होता है। और जब हम इस कॉन्फ्रेंस के इतिहास को देखते हैं जो बेशक हाल का इतिहास है, लेकिन 2011 में इस कॉन्फ्रेंस का जन्म और उद्भव लंदन में हुआ था।

लेकिन यहां भारत में हमारा मिलना पूरी तरह उपयुक्त है। क्यों? उन चारों मंत्रों को ग्रहण करने के लिए जिसके बारे में मंत्री जी ने बात की:

  • महत्वाकांक्षा
  • प्रतिपादन
  • जवाबदेही
  • वचनबद्धता

मुझे यकीन है कि आज सुबह प्रधान मंत्री द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों को देखकर हमारे अंदर महत्वाकांक्षा जगी थी, मैंने दक्षिण कोरिया के एक सहयोगी मंत्री को देखा और धीरे से कहा कि हे भगवान वो हर बार मंच पर आ रहे है वैसे और युवा हो रहे हैं। और यह तकनीक के प्रभाव को दर्शाता है। यह अविश्वसनीय तरह का शक्ति प्रदाता है।

और यहां पर जब हम ‘डिजिटल इंडिया’ की साहसिक महत्वाकांक्षाओं को देखते हैं - तो हमें आर्थिक विकास नजर आता है, हमें वित्तीय समावेश दिखता है। और जन धन बैंक खातों की संख्या में काफी तेजी से वृद्धि हुई है जिससे समय के साथ अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी। हम सभी न केवल इस बात को स्वीकार करते हैं बल्कि इसका जश्न भी मनाने है कि भारत ने अपने आईडी, पर्सनल फाइनेंस और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से डिजिटल और सामाजिक क्रांति की शुरूआत कर दी है।

और जैसा कि मैंने पहले ही कहा था कि इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य विचारों का आदान प्रदान करना है। इसके अतंर्गत हमें देखना होगा कि कैसे नई तकनीक से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को बेहतर बनाते हैं और कैसे अपने अनुभवो को साझा करते हैं। और इस संदर्भ में मैं यूनाइटेड किंगडम में हमारे द्वारा किए जा रहे कार्यों का संक्षेप में उल्लेख करना चाहूंगा।

अपनी डिजिटल अर्थव्यवस्था और मूलभूत ढांचे के विकास और सुरक्षा को ब्रिटेन अपनी प्राथमिकता बना चुका है। और हमें इस निर्णय का फल दिखना शुरू भी हो चुका है।

यूके के लंदन में ट्रैफिक इंटरचेंज पर हमारी अपनी सिलिकॉन वैली विकसित हो गई है।

इसे प्यार से टेक सिटी के तौर पर जाना जाता है और वास्तविक ब्रिटिश बोलचाल में इसे सिलिकॉन राउंडअबाउट कहा जाता है जो टेक्नोलॉजी स्टार्ट अप रिवॉल्यूशन का केंद्र है जिसका प्रसार पूरे देश में हो चुका है।

लंदन यूरोप का टेक स्टार्ट-अप कैपिटल बना हुआ है। इस वर्ष की पहली छमाही में इन किसी भी अन्य यूरोपीय शहर की अपेक्षा ज्यादा निवेश को आकर्षित किया है।

इस क्षेत्र में वैश्विक गुणवत्ता वाले बड़े स्टार्ट-अप के साथ पूरे देश में डाइनिंग रुम से चलने वाले छोटे ऑनलाइन बिजनेस सेट अप को भी शामिल किया गया है।

और जैसा कि हमने पहले ही सुना है यह तकनीक के साइबर स्पेस की अविश्वसनीय प्रकृति है। ईंट और मोर्टार के दिन लद गए और वो समय भी समाप्त हो गये जब लोगों को किसी विशेष क्षेत्र में लंबे समय तक इंड्स्ट्री में रहने की जरूरत होती थी।

तकनीक ने शक्ति प्रदाता के तौर पर युवाओं को ग्लोबल वर्ल्ड और उसके द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों को समझने में सक्षम बनाया है। कुल मिलाकर यह हमारे द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक कार्य को रूपांतरित कर रहा है: जिसमें हमारे खाने के तरीके से लेकर हमारे शॉपिंग करने और बैकिंग करने के तरीके शामिल हैं। इसके अलावा इसमें हमारे बच्चों को शिक्षित करने के तरीके भी शामिल हैं।

तीन बच्चों के पिता के तौर पर अपने तीन वर्षीय बच्चे को आईपैड लेकर चलाते हुए देखना अविश्वसनीय सा लगता है और थोड़े संकोच के साथ मैं स्वीकार करता हूं कि कभी कभी वह उसे मुझसे भी अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से चलाता है। लेकिन इससे यह पता चलता है कि कैसे तकनीक शिक्षा के क्षेत्र में मददगार साबित हो सकता है। और जब आप समग्र रूप से यूके की अर्थव्यवस्था को देखेंगे तो पाएंगे कि 2015 में अर्थव्यवस्था के बाकी हिस्सों की अपेक्षा लगभग तीन गुना तेजी से बढ़ने वाला टेक सेक्टर हमारी अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।

चलिए रिटेल मार्केट पर नजर डालते हैं। पिछले साल यूके में पांच में से चार लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी की थी। यह दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक है - और पिछले 15 वर्षों में तकनीक ने ब्रिटेन में 35 लाख नई नौकरियों के सृजन में मदद की है।

इस साल की शुरुआत में हमने डिजिटल स्ट्रेटेजी की लॉन्चिंग की थी जिसका लक्ष्य ब्रिटेन को डिजिटल व्यवसाय शुरू और विकसित करने के लिए सबसे अच्छी जगह बनाना था। इसके उद्देश्यों के अंतर्गत यह भी सुनिश्चित करना है कि हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था सभी के लिए काम कर रही है।

देवियो और सज्जनो इस रणनीति के अंतर्गत उन सभी तथ्यों को शामिल किया गया था जो हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रेरित या अवरुद्ध कर सकती थी। अवसर तो मौजूद हैं लेकिन कई चुनौतियां भी हैं जिनका हम सभी को सामना करना पड़ता है।

एक सफल डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए उपयुक्त डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है। इसके लिए उपयुक्त कौशल और तकनीकी जानकारी वाले लोगों की जरूरत है।

और यूके में हम फुल फाइबर ब्रॉडबैंड के विकास की गति को बढ़ा रहे हैं, जिसे हम 5जी के नाम से जानते हैं। हम तकनीक कंपनियों, व्यवसायों और - महत्वपूर्ण रूप से - स्वैच्छिक संगठनों के साथ डिजिटल स्किल पार्टनरशिप बना रहे हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों के पास डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग लेने और सफल होने के लिए पर्याप्त कौशल मौजूद है। हम निजी-क्षेत्र की अगुवाई वाले एक ऐसे उत्पादकता परिषद में निवेश कर रहे हैं जो पारंपरिक व्यवसायों को तकनीक अपनाने में मदद करेगा।

हां, यहां मैं ये स्वीकार करता हूं कि हम भारत में हैं और भारत की तुलना में ब्रिटेन को आधार प्रणाली के लिए बड़े पैमाने पर जनसंख्या को नहीं कवर करना है। लेकिन हम चाहते हैं कि यूके डिजिटल गर्वमेंट में वर्ल्ड लीडर बने जिससे कि करदाताओं के लिए मानक को बढ़ाकर और लागत को कम करके सार्वजनिक सेवाओं के स्तर को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके जैसे हम कर रहे हैं।

इसी वजह से हम अपने सरकारी प्लेटफार्मों के सोर्स कोड और कार्यान्वयन तकनीकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझा कर रहे हैं ताकि अन्य सरकारें कम खतरों के साथ अपने डिजिटल प्रोग्राम को लॉन्च कर सकें।

हालांकि, उन अवसरों के साथ चुनौतियां भी हैं। शायद एक वक्ता के रूप में चुनौतियां एयर कंडीशनिंग सिस्टम के शोर से ज्यादा होती हैं जैसे कि हमने आज सुबह देखा था। अगर हमारे डिजिटल एसेट्स हैकर्स के लिए, अपराधियों के लिए और विरोधी सरकारों के लिए भेद्य होंगे तो सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार के व्यवसायों को ऑनलाइन करने के फायदों को पूरी तरह से महसूस नहीं किया जा सकेगा।

किसी जीवंत डिजिटल अर्थव्यवस्था के वर्किंग टूल यानि इंफ्रास्ट्रक्चर, डिवाइस और सॉफ्टवेयर की सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है।

अगर उपयोगकर्ता और व्यवसाय ऑनलाइन दुनिया पर भरोसा नहीं कर सकेंगे तो वे उसे पूरी तरह से नहीं अपनाएंगे। और इसका सबसे ज्यादा नुकसान हमारे विकास से संबंधित आंकड़ों और अपने लोगों की आजीविका को होगा।

एक स्तर पर इसका मतलब यह सुनिश्चित करना है कि हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली ऑनलाइन सेवाएं सुरक्षित हैं। लोगों और उनके डेटा को ठीक से सुरक्षित करने की आवश्यकता है ताकि वे निजी संवाद कर सकें, विश्वास के साथ ऑनलाइन पैसा खर्च कर सकें, और जान सकें कि उनकी बौद्धिक संपदा सुरक्षित है।

देवियों और सज्जनों इससे हम सभी पर जिम्मेदारी आयी कि हम ऐसी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करे जिससे वे रोजमर्रा होने वाले क्रूड हमलों का सामना करने में सक्षम हों। चाहे हमें खुद को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने का मामला हो या पहचान की चोरी का उसमें सरकारों की भूमिका एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देने कि है जहां व्यवसायों और नागरिकों के पास सुरक्षित ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए उपकरण और जानकारी के साथ सुरक्षित आनलाइन विकल्प हो।

सरकार के तौर पर हमें संभावित हमले वाले एसेट्स की सुरक्षा करके और ऑनलाइन खतरा पैदा करने वालों की रोकथाम के लिए इंटरनेशनल फ्रेमवर्क के अंतर्गत काम करते हुए उदाहरण पेश करते हुए अगुआई करनी चाहिए।

हमने ब्रिटेन में साइबर हमलों के बारे में जो भी सीखा है, चाहे वे संगठित अपराधी हो, प्रगतिशील राज्य के लोग हों या टीनेज हैकर्स, उनमें से हैक के ज्यादातर मामलों को बुनियादी सुरक्षात्मक उपायों के जरिए पूरी तरह से रोका जा सकता था। इसमें इस साल का ग्लोबल वॉनाक्राय रैनसमवेयर अटैक भी शामिल है जिसका असर यूनाइटेड किंगडम और भारत के साथ साथ सुबह इस कमरे में कॉन्फ्रेंस में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग हर देश पर हुआ था।

और इसी वजह से साइबर सुरक्षा को बदलने और ब्रिटेन को रहने और ऑनलाइन बिजनेस हेतु दुनिया में सबसे सुरक्षित जगह बनाने के लिए यूके द्वारा पांच सालों में लगभग 2 बिलियन पाउंड का निवेश किया जा रहा है।

हम इंटरनेट से जुड़े उपभोक्ता उत्पादों को ‘सेक्योर बाई डिफ़ॉल्ट’ सुनिश्चित करना चाहते हैं ताकि उपकरणों को शुरू से ही सुरक्षा के साथ विकसित किया जा सके।

हम साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की अगले जेनरेशन को विकसित करने में आने वाली प्रणालीगत चुनौतियों से निपटने और प्रशिक्षण देने में भी अधिक निवेश कर रहे हैं।

और हम यह भी उम्मीद करते हैं कि बहुत से लोग हमारे प्रमुख केंद्र, लंदन के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर में काम करेंगे। यूके के नेशनल टेक्निकल अथॉरिटी का काम केवल साइबर सुरक्षा से संबंधित राष्ट्रीय मामलों को प्रंबंधित करना ही नहीं हैं बल्कि यह हमारे रियल टाइम थ्रेट एनेलिस्ट को भी कैरी करता है और व्यवसायों को विशेषज्ञ सलाह देता है।

हमे इस मामलें में भी यथार्थवादी होना चाहिए कि ऑनलाइन हमलों से खुद को बचाने के लिए लोग और कंपनियां क्या-क्या कर सकती हैं। हमें उनसे बुनियादी चीजों को उपयुक्त तरीके से करने की उम्मीद करनी चाहिए, और इसी वजह से हमारा गाइडेंस काफी हद तक इसी पर केंद्रित रहता है; लेकिन सरकार और अधिक करने की बेहतरीन स्थिति में है। एक सामान्य शिकायत यह है कि सरकार लागत को समझे बिना इंड्स्ट्री को बताती है कि वे साइबर सुरक्षा के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं।

हमने लागत को कम करने के लिए सीधे इंडस्ट्री के साथ काम करके इस आरोप पर प्रतिक्रिया दी है - जो यूके में होने वाले उन क्रूड हाई वॉल्यूम अटैक का पता लगाने और उन्हे फ़िल्टर करने के लिए तकनीक के उपयोग का एक उदाहरण है।

डीएमएआरसी का संचालन भी इसका एक उदाहरण है - यह एक ईमेल ऑथेंटिकेशन सिस्टम है जिसने पहले ही साल उन 300 मिलियन से अधिक ईमेल को ब्लॉक किया था जो गलत तरीके से सरकारी होने का दावा कर रहे थे।

अब, लोगों को दुर्भावनापूर्ण ईमेल न खोलने की चेतावनी देने के बजाय हम उन ईमेल को आने से ही रोक रहे हैं।

इसके अलावा एक ऐसे विश्वसनीय डिजिटल वातावरण का निर्माण करना भी महत्वपूर्ण है जो विकास को बढ़ावा दे और केवल तकनीकी सुरक्षा से कहीं अधिक हो। गोपनीयता और स्वतंत्रता की उपेक्षा होने पर हमे अपने नागरिकों का अनुमोदन और समर्थन नहीं हासिल होगा।

उनके विश्वास को केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों के लिए पारदर्शिता और सम्मान से जीता जा सकता है जिसके लिए हम सभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्ध हैं। ऑफलाइन की तरह ही ऑनलाइन भी इन अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।

जैसा कि मैंने बताया था 2011 में आयोजित पहले कॉन्फ्रेंस में हमारे तत्कालीन विदेश सचिव लॉर्ड विलियम हेग ने सरकारों, व्यवसायों और संगठनों के बीच प्रभावी समन्वय को प्रोत्साहित करने के लिए सात सिद्धांतों का निर्धारण किया था।

इसमें उपयोगकर्ताओं को भाषा, संस्कृति और विचारों की विविधता के लिए सहिष्णुता और सम्मान दिखाने की ज़रूरत शामिल थी - लेकिन शायद वह यहां भारत में आयोजित कार्यक्रम से ज्यादा हृदयस्पर्शी नहीं था - इसके अलावा इसमें साइबर स्पेस को सूचना और अभिव्यक्ति के मुक्त प्रवाह हेतु खुले रहने की आवश्यकता भी शामिल है। ये सिद्धांत हर स्तर पर आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने वे 2011 में थे।

और इस दिशा में ब्रिटेन एक डिजिटल चार्टर को विकसित करने पर काम कर रहा है जिसका लक्ष्य अपने लोगों व व्यवसायों को प्रवाहयुक्त समाज और अर्थव्यवस्था को निर्मित करने के लिए किए जाने वाले व्यवहार को समझाना है।

मुझे लगता है कि हम सभी दुनिया भर में लोगों के लिए अवसर पैदा करने के संदर्भ में इंटरनेट की संभावनाओं को समझते हैं। हमने आज सुबह इस हाल में यह देखा था। जैसा कि हमने मंत्री प्रसाद से सुना कि सुरक्षित डिजिटल तकनीक गरीबों के जीवन में क्रांति ला सकती है, विकास और समृद्धि को बढा सकती है और सतत विकास के लिए वैश्विक लक्ष्यों की प्रगति में तेजी ला सकती है।

और इसी वजह से यूके दुनिया भर में ऐसे कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोजेक्ट पर लाखों निवेश कर रहा है जो साइबर सुरक्षा नीति और कौशल के साथ सम्मिलित इंटरनेट एक्सेस को जोड़ती है।

और अभी तक पचास से अधिक देशों में परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है - जिसमें श्रीलंका में नेशनल साइबर सुरक्षा रणनीति का विकास करना और नाइजीरिया में साइबर अपराध की जांच के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है।

हम इस कमरे में मौजूद कई लोगों के साथ काम काम कर रहे हैं जो कम से कम साइबर विशेषज्ञता के ग्लोबल फोरम के माध्यम से नहीं है। और मैं साइबर सेक्योरिटी कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु नए ग्लोबल एजेंडा के लिए आने वाले अविश्वसनीय ऊर्जा और विचारों को देखकर प्रभावित हुआ हूं।

देवियों और सज्जनों अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि अपने देश और विदेश में किए जा रहे कार्यों से मैने एक स्पष्ट सबक सीखा है जो यह है कि सबको अपनी भूमिका अदा करनी होगी। स्वतंत्र, खुले शांत और सुरक्षित साइबर स्पेस को बनाए रखने में हर किसी को अपनी भूमिका निभानी होगी। और यह भी कि सरकारें अकेले ऐसा नहीं कर सकतीं है - और न ही कोई चाहता है कि हम अकेले ऐसा करें।

यह भागीदारी से संभव है। यह साथ मिलकर काम करने से संभव है। हम पिच को रोल करने में हम सब मदद कर सकते हैं, लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं, खेल को केवल टीम वर्क के माध्यम से ही जीता जाता है - जिसमें बिजनेस, सिविल सोसाइटी और जनता शामिल होती है। केवल उन साझेदारियों के माध्यम से हम महत्वाकांक्षा, रचनात्मकता और क्षमता के सही स्तर को निर्मित कर सकते हैं।

आपकी सुरक्षा, हमारी सामूहिक सुरक्षा: हमारी सुरक्षा है। आपकी समृद्धि, हमारी सामूहिक समृद्धि: हमारी समृद्धि है। चलिए तकनीक का इस्तेमाल करने और सभी के लिए काम करने वाले भविष्य का निर्माण करने के लिए सब साथ मिलकर काम करें।

समापन के समय मुझे महात्मा मोहनदास गांधी के प्रसिद्ध शब्द याद आ रहें है जिसमें उन्होने कहा था कि हमें वह परिवर्तन लाने चाहिए जो हम देखना चाहते हैं। चलिए साइबरस्पेस में यह बदलाव बनते हैं।

धन्यवाद।

प्रकाशित 23 November 2017