भाषण

पीएम भारत दिवस भाषण: 16 जुलाई 2019

प्रधान मंत्री थेरेसा मे का भारत दिवस भाषण

PM - India Day

सभी को शुभ अपरान्ह और आज हमारे साथ उपस्थित होने के लिए सभी का आभार; विशेष रूप से मंत्री, गोयलजी का – आप सभी को यहाँ पाकर मुझे वास्तविक आनंद हो रहा है और आपके साथ बातचीत करने में मैं सक्षम हुई हूँ l

मैंशन हाउस एक ऐतिहासिक स्थल है l

परन्तु जहाँ पर आज मैं खड़ी हूँ, वहाँ से मैं यू.के. और भारत के संबंधों का बहुत आधुनिक चेहरा देख सकती हूँ l

विश्व का अग्रणी व्यवसाय l

अत्याधुनिक प्रोद्योगिकी l

प्रवर्तक और उद्यमी, चिन्तक और कर्मी जो हमारे अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए विश्व के दूसरी ओर सहकर्मियों और प्रतिस्थानियों के साथ कंधे से कन्धा मिलकर कार्य कर रहे हैं और ऐसा करते हुए वे हमारे सभी लोगों की उन्नति में सहयोग कर रहे हैं l

हम दोनों राष्ट्र कई हज़ार मील दूर स्थित हैं, हमारी संस्कृति कई प्रकार से बहुत भिन्न हैं l

परन्तु उन सभी विविधताओं के बाद भी, यू.के. और भारत में बहुत कुछ एक समान है l

हम दोनों देश राष्ट्रमंडल के दो स्तंभ हैं l

हम में से प्रत्येक का निर्माण लोकतंत्र के साझा मूल्यों और विधि के शासन पर किया गया है l

हम खुले बाज़ार, मुक्त व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति समान रूप से प्रतिबद्ध हैं l

दोनों सरकारें सुरक्षा से लेकर जलवायु परिवर्तन तक के वैश्विक चुनौतियों से निपटने के प्रति प्रतिबद्ध हैं जिसे कोई एक राष्ट्र अकेला पराजित नहीं कर सकता l

इसके अतिरिक्त, वास्तव में हम दोनों क्रिकेट के प्रति असाधारण प्रेम को भी साझा करते हैं l

लॉर्ड्स में रविवार को जो हुआ उसके पश्चात मैं क्रिकेट के बारे में आप लोगों को एक पूरा भाषण सुनाने से अति प्रसन्न हूँगीl

परन्तु, यह देखते हुए कि भारत की खेल प्रतियोगिता आशा के विपरीत थोड़ा पहले ही समाप्त हो गयी है, मुझे विश्वास है कि यहाँ पर उपस्थित आधे लोग इससे सहमत होंगे l क्यूंकि मैंने भी विश्व कप के बारे में कुछ भी अधिक नहीं कहा, इसलिए मैं इससे आगे बढ़ना चाहूंगी l

परन्तु, वे साझा मूल्य और साझा दृष्टिकोण हमारे राष्ट्रों के बीच में एक सुदृढ़ और दीर्घकालिक सम्बन्ध को संभव बनायेंगे l

इसी कारणवश, 2019 में यू.के. और भारत की कहानी हमारे जटिल और गुंथे हुए इतिहास की एक कहानी नहीं है, बल्कि यह पूंजी के प्रवाह, प्रोद्योगिकी और व्यवसाय की कहानी है l

प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में, आज और भविष्य, दोनों के लिए लोगों और विचारों का “जीवंत सेतु” हम लोगों का एक “अपराजेय संयोजन” बनाता है l

और यह संयोजन बहुत अद्भुत है l

2018 में, यू.के. में भारतीय कंपनियों की संयुक्त खरीद-विक्री लगभग 50 बिलियन पौंड तक पहुँच गयी थी, जो केवल पाँच वर्षों में तिगुने से अधिक हो गयी थी l

यू.के. में भारतीय एफडीआई किसी अन्य देश की तुलना में केवल 12 महीनों में ही अविश्वसनीय 321 प्रतिशत की त्वरित गति से आगे बढ़ रहा है l

द्विपक्षीय व्यापार में पिछले वर्ष 14 प्रतिशत के दर से वृद्धि हुई l

ब्रिटिश डेवलपमेंट फाइनेंस बैंक, सीडीसी समूह विश्व में किसी और स्थान की तुलना में भारत में अधिक निवेश करता है; 300 से अधिक निवेश की कुल राशि 1.3 बिलियन पौंड से अधिक है और इससे लगभग 3,50,000 नौकरियों को प्रत्यक्ष रूप से सहायता मिलती है l इसके अतिरिक्त, यू.के. और भारत की वित्तीय साझेदारी की सहायता से विश्व में अग्रणी हमारे वित्तीय क्षेत्र पूंजी और विशेषज्ञों का निरंतर आदान-प्रदान करते हैं l

पोंटक और ब्लूम जैसे उपक्रम पूंजी प्रतिष्ठान दोनों राष्ट्रों में अभिनव स्टार्ट-अप्स को ढूँढ रहे हैं l

एचडीएफसी लाइफ और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल जैसे संयुक्त उपक्रम भारत के अग्रणी निजी क्षेत्र के बीमाकर्ता हैं l

ग्रीनसिल जैसे लन्दन स्थित कंपनियाँ भारत में अपने वित्तपोषण मंचों का विस्तार कर रहे हैं l

इसके अतिरिक्त, पिछले तीन वर्षों में, भारतीय जारीकर्ताओं ने लन्दन स्टॉक एक्सचेंज में 7.5 बिलियन से अधिक राशि के बॉन्ड का निर्माण किया है l

यह हम दोनों राष्ट्र के लिए अविश्वसनीय सफलता की एक कहानी है और इस सफलता की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए हम दोनों राष्ट्र प्रतिबद्ध हैं l

पिछले तीन वर्षों के दौरान, मैंने उसे होने देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ निकटता से कार्य किया है l

हम दोनों ने साथ-साथ यू.के. और भारत के बीच एक महत्त्वकांक्षी प्रोद्योगिकी साझेदारी को विकसित किया है जो पहले से ही नई नौकरियाँ उत्पन्न कर रहा है और पूरे यू.के. में हज़ारों ऐसी नौकरियों को सहायता प्रदान कर रहा है l

एक साथ मिलकर, हमने प्रोद्योगिकी में भारत के वैश्विक नेतृत्व के साथ श्रेष्ठ ब्रिटिश विशेषज्ञ का गठजोड़ बनाकर वित्तीय सेवाओं पर परस्पर सहयोग के एक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया है l

वास्तव में, ठीक पिछले सप्ताह हमने उभरते हुए प्रोद्योगिकी पर केन्द्रित भारतीय स्टार्ट-अप्स में निवेश करने के लिए एक साथ मिलकर यू.के. और भारत के सरकारों द्वारा समर्थित 40 मिलियन पौंड राशि का एक फ़ास्ट ट्रैक स्टार्ट-अप कोष का शुभारंभ किया है l

इसके अतिरिक्त, हमने पर्यावरण अनुकूल और नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश करने के लिए एक साथ 240 मिलियन पौंड के आधारभूत पूंजी का सह-निवेश करते हुए, एक पर्यावरण अनुकूल ग्रोथ इक्विटी फण्ड का शुभारम्भ किया है l

वह राशि विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण और प्रतीकात्मक है l

क्यूंकि भारत और यू.के. ना केवल मूल्यों को साझा करते हैं, बल्कि जैसा कि मैंने इस माह के जी20 की बैठक में कहा था, हम अपने धरती के प्रति एक दायित्व को भी साझा करते हैं l

पिछले महीने, ब्रिटिश संसद ने एक कानून पारित किया था जिसके अनुसार, हमें वर्ष 2050 तक बिल्कुल शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करना आवश्यक है; ऐसी प्रतिबद्धता को दर्शाने वाली पहली मुख्य अर्थव्यवस्था l

नवीकरणीय ऊर्जा में एक बड़ा कदम उठाने की यह एक कुंजी है जिसके कारण हमें भारत के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सौर संधि में भाग लेने पर गर्व है…

शुद्ध ऊर्जा केंद्र, ऊर्जा भण्डारण के साथ, संयुक्त यू.के. और भारत सामयिक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को एकीकृत करने की चुनौतियों का समाधान क्यूँ कर रहा है…

इसके अतिरिक्त, यू.के. सरकार का अभूतपूर्व संयुक्त उपक्रम और यू.के. क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट्स ने अब तक भारत में तीन निवेश किये हैं; देश के सबसे बड़े व्यवसायिक रूफटॉप सोलर डेवलपर के लिए 30 मिलियन पौंड की राशि सहित l

कार्बन उत्सर्जनों को कम करने और जीवन के मानकों को उठाये जाने के बीच तैयार किया जाने वाला कोई बनावटी विकल्प नहीं है l

ऐसा कहने में कोई विरोधाभास नहीं है कि व्यवसाय के लिए क्या सही है और पर्यावरण के लिए क्या सही है l

शुद्ध विकास और आर्थिक विकास साथ-साथ चल सकता है जिसे आप ठीक यहाँ स्क्वायर माइल में देख सकते हैं, जहाँ पर लन्दन के अद्वितीय वित्तीय बाज़ार हमारे दोनों राष्ट्रों के लिए अधिक शुद्ध हरित भविष्य में निवेश करने के लिए बड़ी राशि एकत्रित कर रहे हैं l

पिछले तीन वर्षों के दौरान, भारतीय कंपनियों ने एलएसई में सूचीबद्ध हरित बॉन्डों के माध्यम से 2 बिलियन पौंड एकत्रित किया है l

हम भारत और यू.के. के बीच आर्थिक संबंधों के एक अत्यधिक उत्पादक अवधि के बीच में खड़े हैं l

इसके अतिरिक्त, मुझे अपने उस कार्य पर अत्यधिक गर्व है जिसे मैंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ पिछले तीन वर्षों के दौरान, दोनों राष्ट्रों के बीच स्थापित संबंधों को सुदृढ़ करने और यह सुनिश्चित करने के लिए संपन्न किया है; जिससे हमारे बीच का विशेष सम्बन्ध हमारे सभी लोगों की भलाई के लिए कार्य कर सके l

परन्तु इसके बाद भी मैं आश्वस्त हूँ कि हम दोनों राष्ट्रों के बीच का व्यवसायिक सम्बन्ध और अधिक सुदृढ़ और गहरा होता रहेगा जिससे हम एक दूसरे की ओर आकृष्ट होंगे और मणिपुर से मेनचेस्टर तक हमारे लिए नौकरियों का निर्माण होगा और हम समृद्ध होंगे l

यदि भारत सरकार इस वर्ष के अंत में अपना सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय शासकीय ऋण-पत्र (बॉन्ड) जारी करती है तो मैं आशा करती हूँ कि यह लन्दन शहर में किया जाए जिसका पूंजी बाज़ार अपने अद्वितीय गहराई और चल निधि के कारण विश्व में श्रेष्ठ है l

कल अत्यधिक सफल जेटको व्यापार वार्ता के नवीनतम संस्करण का आयोजन हुआ जिसमें हमारे दोनों राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने आगे आने वाले वर्षों में व्यापार के रास्ते में आने वाले रुकावटों को हटाने के हमारे प्रयासों पर विचार-विमर्श किया l

इसके अतिरिक्त, एक बार जैसे ही हम ई.यू. से बाहर आ जाते हैं तो हमारे नये आवर्जन नियम यू.के. में किसी व्यक्ति के कार्य करने के अधिकार का निर्धारण इस बात पर करेगा कि वह हमारे राष्ट्र को क्या दे सकता है, ना कि उसने कहाँ पर जन्म लिया है जो भारतीय कर्मचारियों के लिए एक उत्प्रेरक होगा जो यू.के. में रहकर व्यवसाय करना चाहते हैं l”

इस कक्ष में उपस्थित लोगों के परिश्रम और प्रतिबद्धता के साथ, इस प्रकार के कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे राष्ट्रों के बीच के आर्थिक सम्बन्ध का फलना-फूलना जारी रहे l

कई दशकों से, यू.के. और भारत पुराने मित्र रहे हैं l

आज, जैसा कि हम यहाँ मैंशन हाउस में देखते हैं, हम नए साझेदारों के रूप में उत्तरोत्तर एकसाथ कार्य कर रहे हैं l

इसलिए, हालाँकि आगे आने वाले महीने और वर्ष बहुत परिवर्तन और कई चुनौतियाँ लायेगा, फिर भी हमें उस सम्बन्ध को सुदृढ़ करना जारी रखना चाहिए l

आइए हम एक दूसरे का सहयोग करें जिससे यू.के. और भारत को एकसमान लाभ दिलाने हेतु लोग, पूंजी और विचार एक दूसरे के निकट आ सकेगा l

आईये, हम साझा मूल्यों को अपनी ओर मोड़ दें जो हमारे सभी लोगों की साँझी समृद्धि के लिए हम दोनों राष्ट्रों को महान बनाएl

आप सभी का आभार!

प्रकाशित 16 July 2019