भाषण

कोलकाता में ‘इनोवेशन इज ग्रेट ब्रिटेन’

कोलकाता में वृहस्पतिवार 17 जुलाई 2014 को नैसकॉम प्रॉडक्ट एनक्लेव में ‘इनोवेशन इज ग्रेट ब्रिटेन’ के सत्र को कोलकाता में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त स्कॉट फर्सेडोन-वुड ने सम्बोधित किया।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Scott Furssedonn-Wood MVO

नमस्कार देवियों और सज्जनो,

आप सबके साथ यहां आज की रात होना मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है। टेक कॉनफ्रेंस में राजनयिकों की उपस्थिति बहुत कम ही देखने को मिलती है। और आप हैरान हो रहे होंगे कि जब आप यहां कोलकाता में एकत्र हुए हैं, यह ब्रिटिश आपसे क्या कहने वाला है।

तो अब जरा मुझे आरंभ बिन्दु के रूप में उत्कृष्ट रूप से ब्रिटिश और बिल्कुल गैर-तकनीकी बात से शुरू करने दीजिए। अब, अभी हाल में समाप्त हुए ऑल इंग्लैंड टेनिस चैम्पियनशिप के पखवाड़े के दौरान 28,000 किलो स्ट्रॉबेरी की आश्चर्यजनक खपत हुई। यह स्ट्रॉबेरी की बहुत बड़ी मात्रा है ।

लेकिन एक अकेले स्ट्रॉबेरी का वजन 50 ग्राम होता है। और मुझसे अधिक बुद्धिमान भौतिक विज्ञानियों के लिए यह इंटरनेट पर आवगमन कर रहे अरबों-अरब डेटा के इलेक्ट्रॉन रूप में एक साथ वजन के बराबर होगा।

हां, सही बात है, इंटरनेट का वजन स्ट्रॉबेरी के भार के बराबर लगता है। इंटरनेट के बारे में जरा और प्रभावशाली तथ्य यह है कि इसके संचालन के लिए विद्युत ऊर्जा के रूप में लगभग 5 करोड़ हॉर्सपावर की आवश्यकता होती है। और दुनिया भर में इसके 2.4 अरब उपयोगकर्ता हैं, जो सारी की दुनिया की आबदी की एक तिहाई से अधिक है।

लेकिन एक दूसरा तथ्य यह है कि इंटरनेट के बारे में बात चलने पर जिसके बारे में लोग सोचते हैं, उस वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार एक ग्रेट ब्रिटिश आविष्कारकर्ता सर टिम बेर्नर्स-ली ने किया था। इसी महीने आज से दो साल पहले आपने लंदन ओलिंपिक खेलों के शुभारंभ समारोह में उन्हें सम्मानित किए जाते हुए देखा होगा।

जिस तरह इसने दुनिया को बदला है और लोगों के संचार और संवाद के तौर-तरीकों को रूपांतरित कर डाला है, उससे बहुतों ने इंटरनेट की तुलना 19वीं सदी के भाप इंजन से की है। बेशक, वह भी एक ग्रेट ब्रिटिश आविष्कार ही था।

अब आप इस ‘ग्रेट’ शब्द को आज रात हमारे द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे विजुअल्स में देखेंगे। यह उसीका हिस्सा है जिसे हम ग्रेट कैम्पेन कहते हैं। इसका संदेश बहुत सरल है: ब्रिटेन महान (ग्रेट) है। हम अपने अतीत पर नाज करते हैं और अपने भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं। और हम उन चीजों का उत्सव मनाना चाहते हैं जिन्होंने युनाइटेड किंगडम को महान बनाया है।

उनमें से एक चीज, जो सचमुच महत्वपूर्ण है, वह है आविष्कार या कुछ नया कर गुजरने का जज्बा।

नोबल पुरस्कार विजेता ब्रिटिश वैज्ञानिक फ्रांसिस क्रिक द्वारा दुनिया को डबल-हेलिक्स संरचना के बारे में बताए जाने से बहुत पहले से आविष्कार (कुछ नया कर गुजरने का जज्बा) हमारे डीएनए में रहा है। ब्रिटिश लोगों द्वारा आविष्कृत चीजों में शामिल हैं दुनिया बदल देने वाली पेनिसिलीन और पेंसिल से लेकर, जेट इंजन और बंगी जम्पिंग तक की विभिन्न चीजें। ब्रिटिश लोगों ने टेलीफोन, टेलीविजन, राडार और एसएमएस मैसेजिंग का आविष्कार किया। हम विकासवाद, गुरुत्वाकर्षण, देशांतर और हिग्स बोसोन कण के खोजकर्ता भी रहे हैं। और, दुनिया में खुशियों वाली शायद सबसे अधिक महत्वपूर्ण चीज- चॉकलेट बार, जिसका आविष्कार ब्रिटेन ने ही किया।

केवल पिछले सौ सालों में ही इतने सारे महान ब्रिटिश आविष्कार हुए हैं कि ग्रेट कैम्पेन ने ग्रेट ब्रिटिश इनोवेशन वोट को समर्थन देने का फैसला किया जिससे यह पता चले कि पिछली शताब्दी के दौरान हुए ब्रिटिश आविष्कारों में सबसे महानतम कौन सा था। ग्रेट वोट ने वैज्ञानिक सिद्धांत, वैज्ञानिक समझ, इंजीनियरिंग और तकनीक के क्षेत्र में हुए ब्रिटिश आविष्कारों की सूची बनाई और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ब्रिटिश वैज्ञानिक प्रो. स्टीफन हॉकिंग द्वारा इस अभियान को उपयुक्त तरीके से चलाया गया।

जब सभी वोटों की गिनती हुई तो सबसे शीर्षस्थ आविष्कार 1936 पेपर में था द्वितीय विश्वयुद्ध के एक कोड ब्रेकर और गणितज्ञ ऐलन त्यूरिंग का “ऑन कम्प्यूटेबल नम्बर्स”। त्यूरिंग का उपकरण जिसे वह “यूनिवर्सल मशीन” कहते थे टेप पर अंकित चिह्नों को पढ़ सकती थी जिसे मशीन को प्रोग्राम करने में इस्तेमाल किया जाता था। बेशक, यह आज हमारे चिर-परिचित सभी आधुनिक कंप्यूटरों का सैद्धांतिक आधार था।

और वोट करने वाले लोगों द्वारा नामित बहुत सारे ब्रिटिश आविष्कारों में कई सारे ऐसे थे जो इस तरह के आईटी ऑडिएंस के सोच से मेल खाने वाले हो सकते हैं:

  • कॉनकर्ड के सेवामुक्ति के साथ, जो कि खुद भी एक ग्रेट ब्रिटिश आविष्कार था, लंदन से न्यूयॉर्क जाने में मनुष्यों के लिए अब भी 7 घंटे लगते हैं, जबकि डेटा के लिए यह दूरी सेकेंड के छोटे से अंश में तय कर ली जाती है और यह होता है ऑप्टिकल फाइबर की मदद से जो लेजर प्रकाश के पल्स को चैनलाइज कर देता है। ब्रिटिश नागरिक सर चार्ल्स कुएन काओ ने, जिसे आप ‘फादर ऑफ फाइबर ऑप्टिक कम्युनिकेशन’ कह सकते हैं और जिन्हें 2009 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, 1966 में ब्रिटेन में एक टीम में काम करते हुए पहला व्यावहारिक ऑप्टिकल-फाइबर संचार प्रणाली विकसित की। तो, फाइबर ऑप्टिक्स एक ग्रेट ब्रिटिश आविष्कार है।

  • होलोग्राफी- होलोग्राम की रचना – का आविष्कार 1947 में डेनिस गैबर द्वारा किया गया था जब वे ब्रिटिश थॉमस-हॉस्टन कंपनी में काम करते थे और इस आविष्कार ने उन्हें भौतिकी का नोबल पुरस्कार दिलाया। होलोग्राफी तकनीक के लिए हमेशा रोमांचक नए-नए इस्तेमाल खोजे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव अभियान में हालिया भारतीय आम चुनाव के दौरान होलोग्राम का इस्तेमाल इसका एक दिलचस्प उदाहरण है।

  • हमारा जीवन डिजिटल डिस्प्ले से अटा पड़ा है: क्लॉक, घड़ियां, डीवीडी प्लेयर और कंप्यूटर या टीवी स्क्रीन। लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (एलसीडी) तकनीक इनमें से बहुतों का लोकप्रिय विकल्प है। हल यूनिवर्सिटी के जॉर्ज ग्रे और उनकी रिसर्च टीम ने एलसीडी तकनीक विकसित किए और यह भी एक अन्य ग्रेट ब्रिटिश आविष्कार है।

  • मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि आज रात इस हॉल में कितने बड़ी संख्या में स्मार्ट फोन और टैब्लेट्स होंगे। उन सबके भीतर एआरएम (एडवांस्ड आरआईएससी मशीन) प्रॉसेसर नामक एक चिप होता है जो ऊर्जा की खपत कम करता है और प्रॉसेसिंग की गति बढ़ाता है, और जैसा कि आप अनुमान कर रहे होंगे यह भी एक ग्रेट ब्रिटिश आविष्कार है।

  • चूंकि आज मैंने अपनी टिप्पणी स्ट्रॉब्रेरी से शुरू की, तो ब्रिटिश आविष्कारों की इस संरक्षित सूची का समापन रस्पबेरी से करना सही रहेगा। 2006 में इबेन अप्टोन और उनके साथियों ने मिलकर यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के कंप्यूटर लैबोरेट्री में रस्पबेरी पाइ तैयार किया। बच्चों में कंप्यूटर साक्षरता की घटती दर और अपर्याप्त प्रोग्रामिंग दक्षता के मद्देनजर उन्होंने ऐसा कंप्यूटर विकसित करने का फैसला किया जो अत्यंत किफायती हो। क्रेडिट कार्ड साइज का यह उपकरण सीधे कीबोर्ड और टेलीविजन से जोड़ा जा सकता है और यह घरेलू पीसी की तरह काम करता है। इसकी कीमत महज 25 यूएस डॉलर है और यह भी एक ग्रेट ब्रिटिश आविष्कार है।

लेकिन, यह सब मैं आपको क्यों बता रहा हूं?

क्योंकि ये सब आविष्कार ब्रिटेन की आर्थिक समृद्धि और विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण कारक रहे हैं। हम इसे अपने भविष्य के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण मानते हैं। और इसका अर्थ यह हुआ कि ब्रिटेन आज भी दुनिया भर में आविष्कारों का एक विश्व-अग्रणी स्थल है।

हम मानते हैं कि हमारी विश्वसनीयता बहुत मजबूत है:

  • ‘2013 ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स’ में हम अग्रणी जी20 देश हैं।
  • हमारे पास विश्वस्तरीय अकादमिक और शोध वातावरण उपलब्ध है।
  • बौद्धिक संपदा की संरक्षा के लिए हमारे पास एक सशक्त प्रणाली है।
  • हमारे पास वैश्विक मान्यता-प्राप्त मापन और मानक प्रणालियां हैं जो आविष्कार के लिए सहायक होती हैं।
  • आविष्कार में सहायक हमारे पास टैक्स और आर्थिक प्रोत्साहन का प्रतिस्पर्धी पैकेज है।
  • हमारे पास दक्ष कर्मचारियों की पर्याप्त उपलब्धता है।
  • और व्यवसाय तथा निवेश का हमारा माहौल अत्यंत भरोसेमंद और प्रमाणित है।

आठ प्रोद्योगिकी क्षेत्र हैं जिन्हें ब्रिटेन ने सरकारी और व्यावसायिक समुन्नत सहायता के लिए प्राथमिकता सूची में रखा है। इनमें से दो – बड़े डेटा और रोबोटिक्स – इस कक्ष में उपस्थिति उद्यमियों के लिए विशेष महत्व के हो सकते हैं।

यहां कोलकाता में ब्रिटिश उप-उच्चायोग की मेरी टीम हमारे व्यावसायिक विभाग यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) के जरिए भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय वाणिज्य और निवेश बढ़ाने को प्रतिबद्ध है।

यूकेटीआई द्वारा दुनिया के सभी हिस्सों में उन अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को भरोसेमंद, पेशेवर और मुफ्त सेवाएं प्रदान की जाती हैं जो ब्रिटेन की विश्वस्तरीय विज्ञान और आविष्कारी माहौल में प्रवेश करना चाहती हैं।

यूकेटीआई के मेरे साथी आज इस सभा कक्ष में मौजूद हैं, वे मौजूदा व्यवसाय के विस्तार के बारे में जानकारी दे सकते हैं; स्थानीय दक्षताओं की पहचान में आपकी मदद कर सकते हैं; उद्योग और तकनीक संकुल, विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों पर आपको सलाह दे सकते हैं; और वर्तमान में हमारे द्वारा उपलब्ध कराई जा रही आर्थिक सहायता और कोष के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।

एक ब्रिटेन-स्थापित प्रवासी लॉ फर्म ए डी थेमिस भी है, आप उनसे वीज़ा एवं आप्रवासन मामलों में पेशेवर सलाह ले सकते हैं।

अंत में, इस बात को लेकर मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि नैसकॉम प्रॉडक्ट कॉनक्लेव – 2014 का ब्रिटेन सहभागी देश है। अविष्कार उत्पाद के विकास का मूल है।

जैसा कि मैंने कहा, इस क्षेत्र में ब्रिटेन को वास्तविक महारथ हासिल है। और जैसा कि हम आने वाले दिनों में देखेंगे यह भारत के लिए भी उसकी समर्थता का क्षेत्र है। यही कारण है कि हम आविष्कार के मामले में स्वाभाविक साझेदार हैं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद ।

प्रकाशित 18 July 2014