भाषण

‘भारत-ब्रिटेन सहयोग: भविष्य का प्रारूप’

भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पूर्वी भारत में ब्रिटिश उप-उच्चायुक्त स्कॉट फर्सेडोन-वुड का अभिभाषण।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Scott Furssedonn-Wood

इस महत्वपूर्ण चैम्बर के सम्मानित सदस्य श्री भजंका, देवियो और सज्जनों!

इस सुबह आप सबके साथ मुझे भी कार्यक्रम में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं पिछले सितंबर कोलकाता पहुंचा और शीघ्र ही इस महान शहर और इसके समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विरासत का मैं कायल हो गया।

यह वह शहर है जहां भारत का ब्रिटेन के साथ बहुत गहरा और ऐतिहासिक रिश्ता है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि यह रिश्ता आज भी गर्मजोशियों से भरा है और इसका भविष्य उज्जवल है।

कोलकाता में गतिमान और फलते-फूलते व्यवसायों की एक पूरी श्रृंखला है जिनमें से बहुतों का ब्रिटेन के साथ संबंध है और हम उसे मजबूत और विकसित करना चाहते हैं।

भारत के इस क्षेत्र में जिस पैमाने की महत्वाकांक्षा और आशावादिता है उससे परिचित होना बड़े उत्साह का विषय है। पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत के प्रवेश द्वार के रूप में कोलकाता की कूटनीतिक अवस्थिति ने इसे लंबे समय से एक महत्वपूर्ण व्यापार केन्द्र के रूप में स्थापित कर रखा है।

साथ ही, भारत के ‘लुक ईस्ट’ नीति और पड़ोसी देशों के साथ बाजार खोल दिए जाने से यहां के आर्थिक वातावरण को एक नई ऊर्जा और नया आयाम मिला है। श्री भजंका, इस देश के लिए इतने महत्वपूर्ण और रोमांचक समय में मुझे आप सबको संबोधित करने का अवसर देने के लिए मैं आपका शुक्रगुजार हूं।

दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत अपने नागरिकों इच्छा के अनुसार शांतिपूर्ण और सुव्यस्थित सत्ता परिवर्तन के रूप में सबसे बड़ी चुनौती से सफलतापूर्वक बाहर निकला है। यह एक ऐसा मतदान था जो आश्चर्यजनक रूप से और अभूतपूर्व पैमाने पर स्वतंत्र और निष्पक्ष संपन्न हुआ जिसका परिणाम स्पष्ट और निर्णायक रहा। दिल्ली की नई सरकार के पास उस आर्थिक विकास योजना को जमीन पर उतारने का मजबूत जनादेश है जिसके भारतवासी सही मायने में हकदार हैं।

हम ब्रिटेनवासी भारत के इतिहास के इस अनूठे अध्याय में उसके महत्वपूर्ण सहभागी बनना चाहते हैं। मेरे प्रधानमंत्री, डेविड कैमरॉन श्री मोदी से बात कर उन्हें उनकी चुनावी विजय पर बधाई देने वाले प्रथम विश्व-नेता थे। उन्होंने श्री मोदी को लंदन आने का न्योता दिया है और चाहते हैं कि हमारे दोनों देशों का संबंध आगे और भी सुदृढ़ बने। यह संबंध पहले भी बेहतरीन स्वरूप में रहा है। इसे और अधिक मजबूत एवं गहरा बनाया जा सकता है।

भारत-ब्रिटेन : फलते-फूलते व्यावसायिक संबंध में भूमिका

भारत और ब्रिटेन के बीच व्यवसाय फलता-फूलता रहा है। हम 2015 तक दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार को दुगुना करने के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरॉन द्वारा तय किए गए लक्ष्य के अनुरूप सही दिशा में बढ़ रहे हैं।

और दोनों ओर से निवेश में वृद्धि हुई है। बीपी और वोडाफोन जैसी ब्रिटिश कंपनियों ने भारत में बड़े निवेश किए हैं। ब्रिटेन अब भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक हो गया है और भारत ब्रिटेन में 5वां सबसे बड़ा निवेशक है। इस बढ़ते हुए संबंध के पीछे कई कारक रहे हैं।

  • हमारे हित साझे हैं। एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और न्यायपूर्ण दुनिया। नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था।
  • लोकतंत्र, मानवाधिकार, बहुलतावाद और संयुक्त विकास के प्रति हमारी साझी प्रतिबद्धता है।
  • हमारा साझा इतिहास, साझे मूल्य और साझी भाषा है। हमारे दोनों देशों में लोकसेवकों (ब्यूरोक्रेसी) की समान व्यवस्था है और हमारी एक जैसी विनोदप्रियता है।
  • हम दोनों ही अपने दोनों देशों के बीच साझेदारी को गहरा करने को प्रतिबद्ध हैं। 2010 में अपना कार्यभार संभालने के बाद से मेरे प्रधानमंत्री ने भारत के चार दौरे किए हैं जिसमें पिछले साल नवंबर का बहुत ही सफल कोलकाता दौरा भी शामिल है।

हालांकि दोनों देशों का संबंध पहले भी बहुत मजबूत, व्यापक और गहरा रहा है, मैं भविष्य में इस संबंध को और अधिक मजबूत, व्यापक और गहरा बनाने का सच्चे रूप से हिमायती हूं। और हमारी नजरें प्रगति पर टिकी हैं।

लेकिन मुझे लगता है हम और भी बेहतर कर सकते हैं और हमें करना ही चाहिए। हमारे बीच के जुड़ाव के मद्देनजर हमें और भी अधिक महत्वाकांक्षी होना चाहिए। मैं इन कई सारे क्षेत्रों में हमारे बीच साझेदारी के अवसर देखता हूं:

  • भारतवासी जैसा राष्ट्रनिर्माण चाहते हैं उसे संभव करने के लिए भारत में निवेश किए जाने की आवश्यकता है: ब्रिटेन पूंजी निवेश जुटाने और उसे क्रियान्वित करने की दक्षता रखता है।
  • भारत को सड़कों, मेट्रो, रेलमार्गों, बंदरगाहों, हवाईअड्डों के रूप में आधारभूत संरचना का विकास करना है: ब्रिटेन को आधारभूत संरचना निर्माण के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है।
  • भारत को नए शहर बसाने और अपने मौजूदा शहरों के विस्तार की जरूरत है: ब्रिटेन को शहरी नियोजन और स्थापत्य निर्माण में महारत हासिल है।
  • भारत मूल्य श्रृंखला के ऊपरी सिरे पर एक वृहत्तर विनिर्माण क्षेत्र का निर्माण करना चाहता है: ब्रिटेन विशेज्ञता पूर्ण उच्च प्रोद्यौगिकी युक्त ऐसे आवश्यक विनिर्माण में दक्ष है।
  • भारत को कोयला, तेल और गैस जैसे परंपरागत और पवन एवं सौर जैसे नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन की आवश्यकता है: हम इन सभी क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं।
  • भारत को जरूरत है अगले दस वर्षों में श्रम बाजार में शामिल होने वाले 50 करोड़ युवा भारतीयों को शिक्षित-प्रशिक्षित करना: हम शिक्षा और कौशल-विकास का हुनर रखते हैं।
  • भारत को अपने 1.2 अरब लोगों के लिए बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा की जरूरत है: स्वास्थ्य सेवा एवं औषधि के क्षेत्र में ब्रिटेन के पास व्यापक दक्षता है।
  • अब जबकि भारतीय कंपनियों ने वैश्विक स्वरूप हासिल कर लिए हैं उन्हें ब्रिटेन द्वारा उपलब्ध कराने जाने वाले इन अंतर्राष्ट्रीय सेवाओं की आवश्कयता पड़ती है: बैंकिंग, बीमा, अकाउंटेंसी, कानून आदि।
  • भारत वैश्विक बाजार में अपनी पहुंच चाहता है। ब्रिटेन एक व्यापक आधार स्थल है जहां से दुनिया के सबसे बड़े एकल बाजार- यूरोपीय संघ तक पहुंचा जा सकता है; और सिटी एवं लंदन स्टॉक एक्सचेंज के जरिए दुनिया भर में पहुंच बनाई जा सकती है।

इस प्रकार, जो भारत चाहता है और ब्रिटेन उपलब्ध करा सकता है तथा जो ब्रिटेन चाहता है और भारत उपलब्ध करा सकता है- दोनों के बीच बहुत ही निकट संबंध हैं ।
यहां पूर्वी भारत में हम कुछ वास्तविक अवसर देखते हैं और ब्रिटिश कंपनियां इस रोमांचक व्यावसायिक संभावना के साथ बहुत उपयुक्त तरीके से अनुक्रिया कर सकती हैं।

हम स्थानीय सरकार और व्यवसाय जगत के साथ बहुत सारे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। मैं कुछ ऐसे क्षेत्रों को रेखांकित करना चाहूंगा जहां हम स्थानीय उद्यमों के साथ सक्रिय रूप से मिलकर काम कर रहे हैं और बहुत ही उत्साहवर्धक अवसरों के प्रति आशान्वित हैं।

आधारभूत संरचना:

शहरी विकास, औद्योगीकरण और शहरों की पुनर्स्थापना के क्षेत्र में ब्रिटेन के पास वास्तविक क्षमता है। आधारभूत संरचना के क्षेत्र में टिकाऊ समाधान उपलब्ध कराने में ब्रिटेन दुनिया में अग्रणी है। नई आधारभूत संरचनाओं के निर्माण हेतु भारत की दस खरब डॉलर की योजना में भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने को लेकर ब्रिटिश कंपनियां रोमांचित हैं। भारत के विकास के लिए इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की कंपनियां बहुत ही महत्वपूर्ण एवं प्रगतिशील भूमिका निभाती हैं और बड़ी परियोजनाओं में सार्वजनिक-निजी सहभागिता का चलन अधिक से अधिक होता जा रहा है। यहां भी ब्रिटिश कंपनियों का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है।

आधारभूत संरचना के क्षेत्र में कुछ शानदार भागीदारी प. बंगाल और ब्रिटेन के बीच पहले से चली आ रही है। कुछ साल पहले ब्रिटिश विशेषज्ञों ने नदी-तटवर्ती क्षेत्र के विकास पर परामर्श उपलब्ध कराया है। और अब राज्य सरकार के आमंत्रण पर, ब्रिटिश विशेषज्ञ ऐतिहासिक रायटर्स बिल्डिंग के पुनर्निर्माण में शामिल हो रहे हैं। इस शहर के साथ हमारा मजबूत और प्रगतिशील संबंध तथा शहरी ढांचे के पुनर्निर्माण में ब्रिटेन की प्रामाणिक विशेषज्ञता और नेतृत्व से इस तथ्य की व्याख्या हो जाती है कि क्यों प. बंगाल की सरकार ने कोलकाता के विकास के लिए दुनिया भर के अन्य महान शहरों को नजरअंदाज कर लंदन को ही मानदंड के रूप में चुना।

हमें इस बात की बहुत खुशी है कि ब्रिटिश कंसोर्टियम को “कोलकाता आई” के विकास का अनुबंध प्राप्त हुआ है, जो, हमारा मानना है कि शहर में पर्यटन के आकर्षण का एक मुख्य स्थल होगा। हमें यह भी उम्मीद है कि और भी ब्रिटिश कंपनियां कोलकाता आएंगी और नियोजित की जा रही आगामी विभिन्न परियोजनाओं में शामिल होंगी।

इंजीनियरिंग :

एयरोस्पेस, वाहन और समुन्नत सामग्रियों से लेकर विनिर्माण की तकनीक की पूरी श्रृंखला तक इंजीनियरिंग के विविध क्षेत्रों में ब्रिटेन के पास विश्व की अग्रणी क्षमता उपलब्ध है। हमें अकसर इस गलतफहमी को दूर करने की आवश्यकता महसूस होती है कि आज का ब्रिटेन कुछ भी नहीं बनाता। तो मैं आपको बताऊं कि ब्रिटेन के पास दुनिया के छह विशालतम विनिर्माण क्षेत्र हैं। विनिर्माण का योगदान हमारी अर्थव्यवस्था में 12% है और यह प्रतिशत लगभग उतना है जितना संयुक्त राज्य या फ्रांस का है। अनुपातहीन रूप से विनिर्माण ब्रिटेन के निर्यातित वस्तुओं के आधे से अधिक (53%) में योगदान करते हुए उत्पादकता के सभी स्तरों पर योगदान करता है। ब्रिटेन यूरोप के सबसे बड़े एयरोस्पेस उद्योग की केन्द्रस्थली है और इसका स्थान दुनिया में दूसरे नंबर पर है। दुनिया के आधे व्यावसायिक हवाई जहाजों के डैनों का निर्माण ब्रिटेन में होता है। ब्रिटेन में 40 से भी अधिक कंपनियां वाहनों का निर्माण करती हैं जिनमें विश्व स्तरीय कार, वैन, ट्रक और बसों के सामान्य निर्माताओं से लेकर विशिष्ट निर्माता तक शामिल हैं। ब्रिटेन में सालाना 16 लाख वाहनों का निर्माण होता है, जिसमें 83% कार और 57% व्यावसायिक वाहनों का निर्यात किया जाता है। ग्यारह में से आठ एफ1 टीम ब्रिटेन की हैं।

सभी आकारों की ब्रिटिश इंजीनियरिंग कंपनियां दुनिया भर में व्यवसाय करती हैं और अंतिम उपभोक्ताओं को व्यापक प्रकार की विनिर्मित वस्तुओं की आपूर्ति करती हैं जिनमें शामिल हैं- एयरोस्पेस, वाहन, रसायन, निर्माण, खाद्य, स्वास्थ्य सेवा, तेल और गैस, खनन, फर्मास्युटिकल, ऊर्जा, मुद्रण और प्रकाशन तथा इस्पात उद्योग की विनिर्मित वस्तुएं।

पूर्वी भारत में, खनन व भूगर्भीय सर्वेक्षणों से लेकर अत्याधुनिक भूमिगत खनन उपकरणों तक और ब्लास्ट फर्नेस की प्रविधियों से लेकर लोहा-इस्पात तथा एल्युमिनियम उद्योगों के लिए उच्च स्तरीय ऑटोमेशन (स्वचालन) व प्रक्रिया नियंत्रण के क्षेत्रों में धातु एवं खनिज तथा इस्पात उद्योगों के साथ कई ब्रिटिश कंपनियां बड़ी निकटता से जुड़ी हैं।

कौशल:

ब्रिटेन के व्यावसायिक कौशल एवं प्रशिक्षकों के पास दुनिया भर के लोगों को विश्वस्तरीय कौशल प्रदान करने का एक शताब्दी से अधिक का अनुभव है। ब्रिटेन के पास, अकेले ब्रिटेन में ही 30 लाख से अधिक छात्रों को कौशल प्रदान करने की क्षमता है। और यह दुनिया के अन्य सौ देशों में भारी संख्या में छात्रों को प्रशिक्षित करता है। भारत के भविष्य के विकास हेतु एक अधिक कुशल कार्यबल का विकास किया जाना महत्वपूर्ण है। मुझे इस बात का गर्व है कि भारत ने ब्रिटेन के कई सर्वाधिक अनुभवी और आविष्कारी कौशल प्रदाताओं का स्वागत किया है। वे नीति परामर्श, तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण; पाठ्यक्रम तथा पठन सामग्री के विकास; प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने; मूल्यांकन एवं प्रमाणन के कार्यों में विशेषज्ञता रखते हैं।

जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा :

ब्रिटिश सरकार जलवायु परिवर्तन को दुनिया भर के देशों की समृद्धि और सुरक्षा के लिए संकट के रूप में देखती है। जलवायु परिवर्तन से निबटने के आर्थिक और पर्यावरणीय संदर्भ हैं।

मुझे खुशी है कि जलवायु परिवर्तन मेरे देश की सरकार और प. बंगाल की सरकार के बीच सहभागिता का एक मुख्य विषय है। राज्य की निम्न कार्बन एवं जलवायु-हितैषी नीतियों के समर्थन में हम साथ मिलकर कई उपायों पर काम कर रहे हैं।

  • निम्न कार्बन विकास के समर्थन में वित्तीय उपाय तथा सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में हमने अपने किस्म की एक पहली परियोजना पर मिलकर काम किया है।
  • स्ट्रीट लाइटों में निम्न कार्बन ऊर्जा दक्ष एलईडी तकनीक को बढ़ाने के लिए हमने मिलाकर काम किया है।
    •* और हमने प. बंगाल के लिए नवीकरणीय ऊर्जा नीति तैयार करने की दिशा में भी मिलकर काम किया है। ब्रिटिश विशेषज्ञों के दल नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन हेतु राज्य के ऊर्जा विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

पिछले वर्ष ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरॉन के कोलकाता दौरे के अवसर पर ब्रिटेन के जलवायु परिवर्तन तथा ऊर्जा एवं भारत के साथ व्यावसायिक संबंधों के मंत्री श्री ग्रेग बार्कर ने धारणीय, निम्न कार्बन एवं जलवायु-हितैषी कोलकाता के विकास के लिए ब्रिटेन और कोलकाता नगर निगम के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। अपने आप में अनोखे इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए ब्रिटिश सरकार ने 10 लाख पौंड की राशि कोलकाता नगर निगम को आवंटित किया।

स्वास्थ्य सेवा :

ब्रिटेन में विश्व का सबसे जोरदार और अत्यंत उत्पादक लाइफ साइंस उद्योग है जो रोगी के कल्याण में योगदान देता है तथा विकास में सहायक है। उद्योग उच्च तकनीकी युक्त, अभिनव तथा अत्यधिक विविधतापूर्ण, फैलता हुई फार्मास्युटिकल, चिकित्सा प्रौद्योगिकी, जैवप्रौद्योगिकी और औद्योगिक जैवप्रौद्योगिकी है और साथ ही अनेक अन्य क्षेत्रों में इनके आगे के अनुप्रयोग भी शामिल हैं। ब्रिटेन स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में विश्व में अग्रणी है। यहां 29 मेडिकल स्कूल हैं जिनमें अनेक विश्व स्तरीय माने जाते हैं, तथा 19 रॉयल कॉलेज हैं।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य सेवा प्रदाता भारतीय हिस्सेदारों की गहरी भागीदारी के साथ देश भर में रोमांचक व्यावसायिक सुअवसरों के साथ काम कर रहे हैं। रॉयल कॉलेज ऑफ जेनरल प्रक्टिशनर्स (RCGP) बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ फैमिली मेडिसिन में डिप्लोमा कार्यक्रम के संयुक्त प्रमाणन पर काम कर रहे हैं। वर्तमान में यह कार्यक्रम अपने प्रायोगिक चरण में चल रहा है।

आंतरिक निवेश :

UNCTAD के वर्ल्ड इंवेस्टमेंट रिपोर्ट 2013 से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए एक श्रेष्ठ वैश्विक स्थल के रूप में ब्रिटेन की मजबूत स्थिति की पुष्टि होती है, और ब्रिटेन के व्यापारिक वातावरण तथा आर्थिक रिकवरी योजना में विदेशी निवेशकों का आत्मविश्वास और भरोसा प्रदर्शित होता है।

मुझे यह कहते हुए हर्ष हो रहा है कि किसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्था के तुलना में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था अधिक तेज गति से वृद्धि कर रही है। और G7 में हमारा कॉरपोरेशन टैक्स न्यूनतम स्तर पर है। और यही कारण है कि वर्ल्ड बैंक्स डूइंग बिजनेस 2012 सर्वेक्षण में व्यापार स्थापित करने और चलाने के लिए सबसे आसान और प्रमुख यूरोपीय अर्थव्यवस्था के रूप में ब्रिटेन को स्थान दिया गया।

हमारी शानदार बिजनेस संस्कृति और वातावरण पर हमें गर्व है जो नवीनता और उद्यमिता को प्रोत्साहित करती है। विश्व के सर्वाधिक खुले और सक्रिय व्यापार वातावरणों के साथ, ब्रिटेन अपने नियंत्रण का एक बड़ा बाजार तथा उद्यमियों को अपने व्यापार को विश्वव्यापी बनाने के लिए एक उपयुक्त आधार भी है। यही कारण है कि शेष संपूर्ण संयुक्त यूरोपीय संघ की तुलना में ब्रिटेन में भारतीय निवेश कहीं अधिक है।

ब्रिटेन की सरकार दुनिया भर के उद्यमियों को आकर्षिक करने के लिए, विशेषकर भारत जैसे विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए पहले से अधिक प्रयास कर रही है। इस निवेश का एक अहम हिस्सा भारत के इस क्षेत्र से आता है, जो इससे कहीं अधिक हो सकता है और होना भी चाहिए। आप में से कई लोगों की योजना अपने कारोबार को दुनिया भर में फैलाने की होगी और हमें इस पर चर्चा करने में अत्यंत प्रसन्नता होगी कि ब्रिटेन में आपके कारोबार से कितना लाभ हो सकता है।

निष्कर्ष

एक बार फिर आपके आमंत्रण के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद! मैं प्रमुख स्थानीय कंपनियों के साथ जुड़ने और व्यवसाय संभावना और परिवेश पर उनके विचारों को जानने के इन अवसरों की बहुत सराहना करता हूं। मैं आपकी विकास योजना जानने और इन योजनाओं पर ब्रिटेन कैसे आपकी मदद कर सकता है, देखने के लिए उत्सुक हूं।

प्रकाशित 29 May 2014