भाषण

महारानी एलिजाबेथ II का जन्मदिन समारोह

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन केसीएमजी द्वारा महारानी एलिजाबेथ II के जन्मदिन समारोहों के अवसर पर नई दिल्ली में 26 फरवरी 2015 को दिए गए अभिभाषण की अनूदित प्रतिलिपि।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Sir James Bevan

आज की शाम इसमें भाग लेने के लिए आप सबका धन्यवाद। मेरे आवास पर आपका स्वागत है। और हमारे राष्ट्रीय दिवस - महारानी एलिजाबेथ II के जन्मदिन के अवसर पर हम आपका स्वागत करते हैं

इस साल हम तीन वर्षगांठ (वार्षिकोत्सव) मना रहे हैं जो ब्रिटेन और भारत दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

पहला वार्षिकोत्सव गोरखाओं का है जो इस साल ब्रिटिश सेना के साथ 200 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं। गोरखाओं और भारत के बीच भी मजबूत रिश्ते हैं। मेरे पड़ोसी मौजूदा भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह गोरखा राइफल में नियुक्त हुए थे और जून में वह गोरखाओं के 200वें वार्षिकोत्सव में भाग लेने हेतु लंदन के दौरे पर आने वाले हैं। हमें खुशी है कि उस वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में आज की रात गोरखा ब्रिगेड के बैंड द्वारा संगीत पेश किया जा रहा है। कृपया करतल ध्वनियों से उनका स्वागत करें।

इस साल हम जो दूसरा वार्षिकोत्सव मनाने वाले हैं वह है मैग्ना कार्टा का, जैसा कि आपको अपनी इतिहास की पाठ्य पुस्तकों से याद होगा, इस पर 800 साल पहले विंडसर कैसल में किंग जॉन ने हस्ताक्षर किया था। मैग्ना कार्टा ने व्यक्तिगत स्वातंत्र्य और कानून के शासन के महान सिद्धांतों की आधारशिला रखी थी और ये ऐसे सिद्धांत हैं जिनके लिए भारत और ब्रिटेन दोनों प्रतिबद्ध हैं।

और तीसरा वार्षिकोत्सव जो हम आज की रात मना रहे हैं वह स्वयं महामहिम महारानी एलिजाबेथ की वर्षगांठ है। 63 साल पहले फरवरी 1952 में 25 वर्ष की अल्पायु में महारानी ने सिंहासन को सुशोभित किया था।

इस वर्ष 9 सितंबर को महारानी ब्रिटिश इतिहास में सर्वाधिक लंबे समय तक सिंहासनारूढ़ होने वाली मोनार्क बन जाएंगी, जब वह अपनी पर-परदादी महारानी विक्टोरिया के बनाए रिकॉर्ड तोड़ेंगी। अपने राज-काल में महारानी ने तीन बार भारत की यात्रा की। इस देश और इसके निवासियों के प्रति उनके मन में अगाध प्रेम है। आज के रात हम उन्हें सलाम करते हैं और कामना करते हैं कि वह अनेक वर्षों तक अपना सिंहासन पर आसीन रहें।

यह समय है न केवल आगे देखने का बल्कि पीछे मुड़कर देखने का भी। ब्रिटेन में हम प्रधानमंत्री श्री मोदी का उनकी निर्धारित दौरे पर स्वागत करने वाले हैं जो इस साल आने वाले दिनों में होने वाला है।

और हमें अगले आम चुनाव के लिए भी तैयार होना है जो कुछ ही सप्ताह बाद 7 मई को आयोजित होगा। परिणाम के बारे में कुछ ही पहले से नहीं कहा जा सकता। लेकिन मैं एक बात पहले से कह सकता हूं: वह यह कि मई में ब्रिटेन में सरकार कोई भी सत्ता में आए वह भारत को तथा इस महान देश के साथ ब्रिटेन के संबंध को सर्वोच्च महत्व देना जारी रखेगी।

इसके अनेक कारण हैं- भारत का बढ़ता हुआ रणनैतिक महत्व, साथ मिलकर काम करते हुए हम अपने लोगों के लिए जो समृद्धि और सुरक्षा मुहैया कर सकते हैं और वे समान मूल्य जो हम आपस में साझा करते हैं।

लेकिन हमारे दोनों देशों के बीच सबसे मजबूत संबंध हमारे सरकारों का संबंध नहीं है, हलांकि वे बहुत ही घनिष्ठ हैं। भारत और ब्रिटेन के बीच सबसे मजबूत संबंध आज रात यहां मेरे सम्मुख प्रदर्शित है : और यह आप सब हैं- ब्रिटेन और भारत के नागरिक।

हमारे दोनों देशों के बीच के घनिष्ठतम और सबसे टिकाऊ संबंध वे संबंध हैं जो हमारे लोगों के बीच के दोस्ती, विश्वास और प्रेम के संबंध जो भारतीयों और ब्रिटेनवासियों के बीच स्थापित हैं। ये ही वे संबंध हैं जो हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते की सर्वोत्तम गारंटी हैं।

इसलिए, आज की रात आइए हम ब्रिटेन और भारत की मैत्री का ब्रिटेन-वासियों और भारत-वासियों की दोस्ती का जश्न मनाएं और आने वाले वर्षों में और भी अधिक मजबूत संबंधों की कामना करें।

भाषण बहुत हो गया। जैसा कि मैंने कहा आज की शाम हम अपने बीच गोरखा ब्रिगेड को पाकर गौरवान्वित हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं, मुड़े हुए किनारे और बहुत ही तेज धार वाले अपने गोरखा चाकू- खुखरी के बिना कोई गोरखा नहीं रह सकता । गोरखाओं में एक प्रसिद्ध पारंपरिक गोरखा नृत्य होता है और आज की रात आपके समक्ष इसके प्रदर्शन का अवसर है।

तो अब मैं गोरखाओं को नृत्य की प्रस्तुति हेतु आमंत्रित करूं और आप सबके लिए दो बातें कहूं कि नृत्य का आनंद लें और पर्याप्त रूप से पीछे हटकर रहें। ये चाकू बड़े धारदार हैं।

आप सबका धन्यवाद, शाम का आनंद लें।

प्रकाशित 26 February 2015