वुमेंस इंटरलिंक फाउंडेशन को मिला बीडीएचसी कोलकाता का समर्थन
कोलकाता स्थित ब्रिटिश उप-उच्चायोग पिछले कई वर्षों से डब्ल्युआइएफ के कार्यों को बढ़ावा देता रहा है।

डब्ल्युआइएफ का उद्देश्य है एक ऐसी दुनिया का निर्माण करना जहां वंचित महिलाओं, कमजोर वर्ग के बच्चों तथा समुदायों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकें और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए उनका सशक्तीकरण किया जा सके।
वर्ष 2012 में एचआरएच ड्यूक ऑफ़ यॉर्क के भारत दौरे के दौरान, माननीया महारानी की हीरक जयंती समारोह के अवसर पर कोलकाता के ब्रिटिश उप-उच्चायोग ने वुमेंस इंटरलिंक फाउंडेशन (डब्ल्युआइएफ) के मानव व्यापार से छुड़ाई गई निर्बल महिलाओं के आवास-स्थल के दौरे का आयोजन किया। कोलकाता का उप-उच्चायोग कई वर्षों से डब्ल्युआइएफ के कार्यों का समर्थन करता रहा है, जिसका उद्देश्य है ऐसी दुनिया का निर्माण करना जहां वंचित महिलाओं, कमजोर वर्ग के बच्चों तथा समुदायों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकें और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए उनका सशक्तीकरण किया जा सके।
अपने दौरे के दौरान एचआरएच ड्यूक ऑफ यॉर्क, डब्ल्युआइएफ के कार्यों को एक सतत तरीके से बढ़ावा देने के लिए उत्सुक रहे, साथ ही उन्होंने यूके के ऐसे रिटेलरों की पहचान करने में मदद की, जो डब्ल्युआइएफ की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को खरीद सकें। इसका नतीजा यह हुआ कि “की टु फ्रीडम” रेंज के उत्पाद अब लंदन तथा अन्य स्थानों पर स्थित प्रमुख स्टोर- ‘टॉपशॉप’ में उपलब्ध हैं।
डब्ल्युआइएफ की अधिकतर युवा महिलाएं बचपन से ही घरेलू हिंसा की शिकार रही हैं तथा अधिकतर मामलों में वे देह व्यापार में ढकेल दी गईं। ग्राहकों के एक विशाल वर्ग में इन उत्पादों की बिक्री से सिलाई-रंगाई करने वाली इन महिलाओं को आजीविका उपलब्ध हो सकी और अब वे अपने पसंद की ज़िंदगी बसर कर रही हैं। उत्पादों की बिक्री से होने वाले सभी लाभ डब्ल्युआइएफ में भेज दिए जाते हैं, जहां उनका इस्तेमाल कम उम्र की महिलाओं को छुड़ाकर उन्हें सहारा प्रदान करने और उनके लिए नए घरों के निर्माण में किया जाता है। फोटो: