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ब्रिटिश लॉर्ड स्पीकर और कोलकाता के मेयर द्वारा जलवायु परिवर्तन टूलकिट का शुभारंभ

यह टूलकिट कोलकाता नगर निगम के साथ ब्रिटिश सहभागिता का एक अंग है जिसका लक्ष्य है कोलकाता को एक जलवायु स्मार्ट महानगर बनाना।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
climate change toolkit

हाउस ऑफ लॉर्ड की लॉर्ड स्पीकर माननीय बैरोनेस डीसूजा और कोलकाता के माननीय मेयर सोवन चटर्जी ने आज मंगलवार 17 फरवरी को कोलकाता में कोलकाता नगरनिगम के पार्षदों के लिए जलवायु परिवर्तन पर अपने-आप में प्रथम एक जागरुकता टूलकिट का शुभारंभ किया। यह टूलकिट कोलकाता नगर निगम के साथ ब्रिटिश सहभागिता का एक अंग है जिसका लक्ष्य है कोलकाता को एक जलवायु स्मार्ट महानगर बनाना।

निम्न कार्बन और शहरों के जलवायु हितैषी विकास के लिए भारत भर में ब्रिटेन नगरपालिकाओं, शहरी स्थानीय निकायों और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करता है। इस कार्यक्रम में कोलकाता एक प्रमुख शहर है। यह प्रयास ब्रिटिश प्रधानमंत्री की कोलकाता यात्रा के दौरान नवंबर 2013 में कोलकाता को एक निम्न कार्बन वाले जलवायु हितैषी शहर बनाने के बारे में हस्ताक्षरित यूके-केएमसी समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम का अंग है। इस एमओयू के क्रियान्वयन ब्रिटिश सरकार द्वारा 10 लाख पाउंड की तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

इस टूलकिट में हैं:

  • जलवायु स्मार्ट शहरों के बारे में पार्षदों को जागरुक करने हेतु जलवायु परिवर्तन पर एक ग्राफिक पुस्तिका
  • कोलकाता के उदाहरणों सहित संपूर्ण भारत से जलवायु हितैषी समुदाय पहुंच प्रयासों के केस अध्ययनों का सारांश
  • हरित शहर बनाने की दिशा में पार्षदों के लिए एक घोषणापत्र

यह टूलकिट 15 नगर स्तरीय कार्यशालाओं का एक भाग होगा जिसे जलवायु परिवर्तन विशेषज्ञों और सलाहकारों द्वारा जून-दिसंबर 2015 से लागू किया जाएगा। कार्यशालाओं का आयोजन निम्न हेतु किया जाएगा:

  • जलवायु परिवर्तन और महानगरों के धारणीय विकास पर केएमसी के पार्षदों की जानकारी विकसित करने में मदद
  • जलवायु परिवर्तन और वार्ड आधारित अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान के लिए व्यापक समुदाय के साथ पार्षदों को जोड़ने में मदद
  • हरित वार्ड के विकास के लिए कदम उठाने हेतु निर्वाचित प्रतिनिधियों को एनजीओ, सीबीओ, शैक्षणिक संस्थानों, स्थानीय समूहों के साथ जोड़ने में मदद
  • महिलाओं और स्थानीय युवाओं के लिए धारणीय आर्थिक अवसरों के निर्माण में मदद

यह द्वि-वर्षीय परियोजना के दिसंबर 2015 में संपन्न होने की उम्मीद है इसकी मजबूत रिप्लिकैबिलिटी क्षमता है और प. बंगाल के धारणीय विकास हेतु निम्न कार्बन स्ट्रीट लाइटिंग और राज्य के जलवायु हितैषी विकास के वित्तीय साधनों जैसे अतीत और वर्तमान के प्रयासों पर यह निर्मित है। केएमसी के साथ संयुक्त प्रयास शहर के लिए स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति में सुधार हेतु बड़े निवेशों को बढ़ावा देने के लक्ष्य वाले निम्न कार्बन भविष्य के लिए केन्द्र की रिपोर्ट जैसे मौजूदा कार्य से भी सबक लेगा।

कोलकाता मगर निगम के साथ किए जाने वाले प्रयासों से कोलकाता को ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी और शहर के हरित विकास की दिशा में योगदान करते हुए नए धारणीय आर्थिक अवसरों का सृजन किया जा सकेगा।

आगे की जानकारी:

  • समुद्री जलस्तर में वृद्धि, बाढ़ और जलवायु-प्रेरित आपदाओं की चपेट में आने की प्रबल संभावनाओं के कारण जलवायु परिवर्तन के लिहाज से कोलकाता अत्यंत संवेदनशील है। साथ ही शहरीकरण के अभूतपूर्व स्तर और गति भी तेजी से जोखिम को बढ़ावा देने वाला कारक है। अभिनव साधनों और नीतियों के जरिए कोलकाता नगर निगम के साथ ब्रिटिश उप-उच्चायोग कोलकाता मिलकर काम करता रहा है।

  • यूले-केएमसी एमओयू: प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की 14 नवंबर 2013 की कोलकाता यात्रा के दौरान ब्रिटिश ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ग्रेग बार्कर ने कोलकाता नगर निगम के मेयर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था। ब्रिटिश सरकार इस अनोखे प्रयास को लागू करने हेतु 10 लाख पाउंड की राशि की तकनीकी सहायता उपलब्ध करा रही है।

एमओयू में निम्नलिखित तीन व्यापक क्षेत्र आते हैं:

  • कोलकाता के निम्न कार्बन और जलवायु हितैषी विकास के लिए एक कार्ययोजना तैयार करना
  • जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और अवसरों के प्रत्युत्तर में सरकार में समग्र सुधार लाने और कार्ययोजना को लागू करने हेतु केएमसी की सांस्थानिक क्षमता को मजबूत करने की रणनीतियां तथा
  • शहर के हरित विकास (टूलकिट सहित) पर मेयर के परिषद के सदस्यों और केएमसी के पार्षदों के लिए जागरुकता कार्यक्रम।

एमओयू के तहत आने वाले अन्य क्षेत्रों जैसे कि नवप्रवर्तनों पर शोध संस्थानों का संयोजन, विशेषज्ञों की अंतर्क्रिया, सार्वजनिक-निजी साझेदारियों के जरिए निजी निवेशों का एकत्रीकरण, व्यवसायों के बीच सहभागिता, औद्योगिक निकाय और हरित अवसंरचना पर निगम के बारे में आगामी महीनों में विचार किया जाएगा।

  • जागरुकता कार्यक्रम: इस घटक का उद्देश्य है मूलभूत नागरिक सेवाओं की आपूर्ति, जलवायु हितैषी विनियमों के निर्माण और क्रियान्वयन तथा पर्यावरणीय चुनौतियों और जलवायु प्रभावों के प्रति अनुक्रिया करते हुए स्थानीय शासन के निर्वाचित प्रतिनिधियों की मदद हेतु एक रणनीतिक भूमिका निभाना। जलवायु परिवर्तन पर उनकी समझ को व्यापक बनाने और एक जलवायु हितैषी शहर के निर्माण की दिशा में वे किस प्रकार योगदान कर सकते हैं, इस बारे में इस टूलकिट की अभिकल्पना की गई है।

स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: मैनाक डे

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प्रकाशित 17 February 2015