यूनाइटेड किंगडम-भारत भारतीय नागरिकों के लिए कार्य वीज़ा को प्रोत्साहन देने के लिए साझेदारी पर सहमत हुए
यूके और भारत ने एक महत्वाकांक्षी नई माइग्रेशन साझेदारी पर हस्ताक्षर किया है, जिससे दोनों देश भारतीय और ब्रिटिश पेशेवरों के लिए एक नई प्रणाली से लाभान्वित होंगे।

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इस विशिष्ट समझौते में एक स्पेशल यंग प्रोफेशनल्स स्कीम शामिल है, जो युवा भारतीय और ब्रिटिश पेशेवरों को दो साल तक एक दूसरे के देश में काम करने और रहने की अनुमति प्रदान करेगा – वीजा-नेशनल कंट्री के लिए यह इस तरह का पहला स्कीम है (वे देश जिनको यूके आने के लिए विजिट वीजा की आवश्यकता होती है)
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यह अभूतपूर्व समझौता नए पोस्ट-स्टडी ग्रेजुएट रूट (1 जुलाई 2021 से शुरू होने वाली) की पिछली घोषणा के बाद आई है।
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‘माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप’ उन लोगों की रक्षा करेगा जो वैध रूप से यूके में प्रवास करते हैं – जिसमें विशाल संख्याँ भारतीय नागरिकों की है - संगठित आव्रजन अपराध का मुकाबला करने में सहयोग बढ़ाएगा और वीजा अवधि समाप्त हो जाने पर भी रहने वालो की वापसी में तेजी लाएगा।
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यह साझेदारी यूके सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है जो भारत और दुनिया भर के प्रतिभाशाली व्यक्तियों को आकर्षित करने वाली एक आव्रजन प्रणाली को विकसित करना चाहती है, साथ ही साथ यह सुनिश्चित करते हुए कि यूके-भारत सहयोग बढ़ने के साथ-साथ यह व्यवस्था साफ सुथरी और सुरक्षित हो।
यूनाइटेड किंगडम और भारत ने आज एक महत्वाकांक्षी नई माइग्रेशन साझेदारी पर हस्ताक्षर किया है, जिससे दोनों देशों के युवा भारतीय और ब्रिटिश पेशेवरों को एक दूसरे के देशों में रहने और काम करने के लिए एक नई योजना से लाभान्वित होंगे।
गृहमंत्री प्रीति पटेल और भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने आज (4 मई) ‘माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप’ पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश और भारतीय नागरिकों के लिए एक-दूसरे के देशों में रहना और काम करना आसान बनाना है। इसके अलावा, यह आव्रजन अपराध और धोखाधड़ी से निपटने पर सहयोग बढ़ाएगा।
यह ऐतिहासिक समझोता एक ऐसे आव्रजन प्रणाली बनाने के लिए यूके सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है जो भारत और दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करेगा। यह कई अच्छे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए यूके-भारत के सहयोग को भी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है जो आव्रजन नियम का पालन करते हैं, इसके लिए यह एक छोटे अल्पसंख्यक द्वारा व्यवस्था के अनुचित जोड़-तोड़ को रोकता है जो उनके वीजा की शर्तों को तोड़ते हैं या अवैध रूप से यूके में प्रवेश करते हैं।
गृहमंत्री प्रीति पटेल ने कहा:
यूके सरकार एक ऐसी आव्रजन प्रणाली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो भारत और दुनिया भर से प्रतिभाशाली और सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को अध्ययन, काम करने और जीवन यापन के लिए यूके आने के लिए अच्छा अवसर प्रदान करती है। भारत के साथ यह नई अभूतपूर्व साझेदारी उस प्रतिबद्धता को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
यह ब्रिटेन और भारत के हजारों युवाओं को एक-दूसरे की संस्कृतियों के बारे में जानने की अधिक स्वतंत्रता और अवसर प्रदान करेगा, जबकि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम एक साथ काम करने वाले अधिकांश भारतीय नागरिकों की रक्षा के लिए काम कर सकें।
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा:
पिछले साल ने हमें दिखाया है कि यूके और भारत साझा चुनौतियों का सामना करके क्या हासिल कर सकते हैं - हमारे सबसे बेहतरीन और शानदार कोविड -19 वैक्सीन का रिकॉर्ड समय में देने से लेकर बहुमूल्य चिकित्सीय आपूर्ति पहुंचाने तक, जो हमने एक-दूसरे को प्रदान किया है।
आज घोषित अभूतपूर्व माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप युवा भारतीय पेशेवरों के लिए यूके में नए अवसर पैदा करेगी, साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी सहयोग बढ़ाएगी कि हमारी प्रणाली वास्तविक श्रमिकों और छात्रों का सहयोग करती है।
यूके में भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और यूके का लगभग आधा स्किल वर्क वीजा भारतीय पेशेवरों को जाता है – जो साझा समृद्धि और आपसी समझ में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। मुझे विश्वास है कि नए पोस्ट स्टडी ग्रेजुएट ग्रेजुएट रूट और यंग प्रोफेशनल्स योजना उन संख्याओं में काफी वृद्धि करेगी।
यह समझौता भारत के साथ यूनाइटेड किंगडम के द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी छलांग लगाने के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की महत्वाकांक्षा पर आधारित है।
समझौते से हजारों 18-30 वर्ष के बच्चे एक-दूसरे के देश में दो साल तक काम कर सकेंगे और रह सकेंगे। यह पेशेवर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम वर्तमान यूथ मोबिलिटी योजनाओं की तरह काम करेगा, वीजा वाले किसी देश में भारत पहला देश होगा (वे देश जिनको यूके आने के लिए विजिट वीजा की आवश्यकता होती है) जो लाभान्वित होगा।
प्रत्येक वर्ष यह 3000 युवा भारतीय पेशेवरों को इस तरह से यूके आने की अनुमति देगा।
भारत पहले से ही यूके की नई पॉइंट-आधारित आव्रजन प्रणाली से लाभान्वित हो रहा है, जो आवेदकों को उनके कौशल और प्रतिभा के आधार पर आकलन करता है कि वे कहां से हैं।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अध्ययन करने के लिए 53,000 से अधिक भारतीय छात्र यूके आए थे, यह पिछले वर्ष की तुलना में 42% की वृद्धि है। ब्रिटेन में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से लगभग एक चौथाई भारत से हैं। इसके अलावा, नया पोस्ट-स्टडी ग्रेजुएट रूट - जो यूके में अध्ययन के बाद ग्रेजुएट्स को 2-3 वर्षों तक रहने की सुविधा प्रदान करता है - 1 जुलाई 2021 से यह आवेदन के लिए खुल जाएगा, और प्रतिभाशाली युवा भारतीयों के लिए यूके में करियर और अनुभव पाने के लिए एक और मार्ग रास्ता दिखाएगा। समझौता यूके में रहने और इसके विपरीत कानूनी अधिकार के साथ भारतीय नागरिकों की वापसी के आसपास की प्रक्रिया में सुधार करेगा, और संगठित आव्रजन अपराध के आसपास अधिक से अधिक सहयोग सुनिश्चित करेगा।
समझौते से भारतीय नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया में सुधार होगा, जिनके पास यूके में रहने का या उसी तरह भारत में रहने का कानूनी अधिकार नहीं है, और संगठित आव्रजन अपराध पर बेहतर सहयोग सुनिश्चित होगा।
अन्य जानकारी
माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप पर सारी जानकारी Gov.UK पर उपलब्ध है।
“वीज़ा नेशनल कंट्री” उन देशों के लिए है जिन्हें ब्रिटेन में आने के लिए विजिटर वीजा की आवश्यकता होती है जो विजिटर के रूप में या किसी अन्य उद्देश्य के लिए छह महीने से कम समय के लिए यूनाइटेड किंगडम आते हैं। वीजा नेशनल कंट्रीज की पूरी सूची यहां पाई जा सकती है।
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