प्रेस विज्ञप्ति

यूके और भारत आर्थिक और प्रवासन संबंधों को मजबूत करेंगे, विदेश सचिव अपने दौरे के दौरान परिवर्तन योजना को अमल में लाने का प्रयास कर रहे हैं।

आगामी सप्ताहांत भारत की यात्रा के दौरान विदेश सचिव का मुख्य उद्देश्य आर्थिक और प्रवासन संबंधों को सुदृढ़ करना और ब्रिटिश व्यवसायों के लिए अधिक विकास के अवसर प्रदान करना होगा।

• भारतीय सरकार के साथ वार्ताएं होंगी ताकि दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा और विविध बनाया जा सके जिससे यूके के श्रमिक वर्ग को लाभ मिल सके।

• यह ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के बाद हो रहा है, जिस पर यूके और भारत के बीच सहमति बनी है और जिससे हर वर्ष 25 अरब पाउंड से अधिक व्यापार बढ़ने की संभावना है।

• विदेश सचिव प्रधानमंत्री मोदी से अपनी दूसरी भारत यात्रा पर मुलाकात करेंगे, जिसमें जारी आर्थिक और प्रवासन साझेदारी पर चर्चा की जाएगी।

आर्थिक और प्रवासन संबंधों को मजबूत करना तथा ब्रिटिश व्यवसायों के लिए और अधिक विकास के अवसर प्रदान करना, इस सप्ताहांत विदेश सचिव की भारत यात्रा का प्रमुख उद्देश्य रहेगा।

विदेश सचिव डेविड लैमी नई दिल्ली की यात्रा करेंगे ताकि भारतीय सरकार, प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ वार्ताओं के माध्यम से यूके-भारत संबंधों को और आगे बढ़ाया जा सके।

यह यात्रा दोनों देशों के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते के बाद हो रही है और यह यूके सरकार की “परिवर्तन की योजना” के तहत देश में रोजगार और समृद्धि को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को साकार करने की दिशा में एक कदम है। भारत के साथ इस नए समझौते से हर वर्ष द्विपक्षीय व्यापार में 25 अरब पाउंड से अधिक की वृद्धि, यूके की सकल घरेलू उत्पाद में 4.8 अरब पाउंड की वृद्धि और दीर्घकाल में मजदूरी में 2.2 अरब पाउंड की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे यूके के श्रमिक वर्ग की आय में सीधा लाभ पहुंचेगा।

विदेश सचिव हमारे प्रवासन साझेदारी में हुई प्रगति का भी स्वागत करेंगे, जिसमें दोनों देशों में नागरिकों की सुरक्षा और सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए चल रहा कार्य शामिल है। प्रवासन को संबोधित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बना हुआ है – विदेश सचिव का ध्यान वैश्विक साझेदारों के साथ मिलकर यूके की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

विदेश सचिव डेविड लैमी ने कहा:

भारत मेरी विदेश सचिव के रूप में प्रारंभिक यात्राओं में से एक था, और तब से यह हमारी ‘परिवर्तन की योजना’ को साकार करने में एक प्रमुख भागीदार रहा है। हमारे संबंध लगातार मजबूत हुए हैं – जिससे भविष्य की प्रौद्योगिकियों को सुरक्षित किया गया, हमारे देशों के बीच हर वर्ष 25 अरब पाउंड से अधिक व्यापार हुआ और हमारी संस्कृतियों और लोगों के बीच गहरे संबंध स्थापित हुए।

मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करना हमारी आकांक्षाओं की केवल शुरुआत है – हम भारत के साथ एक आधुनिक साझेदारी का निर्माण कर रहे हैं जो वैश्विक युग की आवश्यकताओं को पूरा करती है। हम और भी आगे जाना चाहते हैं ताकि विकास को साकार करने, नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने, जलवायु संकट का समाधान करने, प्रवासन संबंधी प्राथमिकताओं को लागू करने और अपने लोगों के लिए अधिक सुरक्षा प्रदान करने में घनिष्ठ सहयोग कर सकें।

विदेश सचिव भारतीय व्यापार जगत के प्रमुख व्यक्तियों से भी मुलाकात करेंगे, ताकि इस पर चर्चा की जा सके कि भारतीय व्यवसायों द्वारा यूके में और अधिक निवेश कैसे आकर्षित किया जा सकता है। हमारे निवेश संबंध दोनों देशों में 6,00,000 से अधिक नौकरियों का समर्थन करते हैं, जहां यूके में 950 से अधिक भारतीय स्वामित्व वाली कंपनियाँ और भारत में 650 से अधिक यूके की कंपनियाँ सक्रिय हैं। वर्ष 2023 से 2024 के दौरान, भारत लगातार पाँचवें वर्ष यूके में परियोजनाओं की संख्या के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा निवेश स्रोत रहा।

वार्ताओं में यूके और भारतीय प्रधानमंत्रियों द्वारा एक महत्वाकांक्षी यूके-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के बाद हुई प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी। व्यापार समझौता उस प्रगति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है जो विदेश सचिव और उनके भारतीय समकक्ष के बीच पिछली बैठक के बाद हुई है। यह मई में यूके-भारत सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम समझौते पर हस्ताक्षर और अप्रैल में आयोजित आर्थिक एवं वित्तीय संवाद के दौरान 400 मिलियन पाउंड के व्यापार और निवेश समझौतों के बाद हुआ, जिससे ब्रिटिश और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिली है।

विदेश सचिव के इस दौरे के दौरान हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद बढ़े तनाव पर भी चर्चा किए जाने की संभावना है, तथा इस बात पर विचार किया जाएगा कि क्षेत्रीय स्थिरता के हित में अब तक बनाए गए शांति के दौर को कैसे बेहतर समर्थन दिया जा सकता है।

यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत के शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने यूके-भारत व्यापार समझौते का समर्थन किया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि होगी। साथ ही यह यात्रा यूके की आधुनिक औद्योगिक रणनीति की घोषणा से पहले हो रही है, जिसका उद्देश्य यूके में व्यवसाय करना और भी सरल, तेज़ और सस्ता बनाना है।

पृष्ठभूमि

  • 2 मई को यूके और भारत ने नया यूके-भारत सांस्कृतिक सहयोग कार्यक्रम समझौता किया, जिसका उद्देश्य कला और संस्कृति, रचनात्मक उद्योगों, पर्यटन और खेल क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है। यह समझौता यूके की रचनात्मक निर्यात को भारत में बढ़ाने के नए द्वार खोलेगा और यूके व भारतीय संग्रहालयों और सांस्कृतिक संस्थानों के बीच और अधिक साझेदारियों को संभव बनाएगा, जिससे यूके की सॉफ्ट पावर को भी बल मिलेगा।

  • अप्रैल में आयोजित 13वें यूके-भारत आर्थिक और वित्तीय संवाद (ईएफ़डी), में चांसलर राचेल रीव्स ने 400 मिलियन पाउंड के व्यापार और निवेश समझौतों का स्वागत किया, जो ब्रिटेन और भारत की अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त बनाएंगे तथा श्रमिक वर्ग के लिए आर्थिक वृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

  • डेविड लैमी ने पिछले वर्ष जुलाई में विदेश सचिव के रूप में अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा, के दौरान ऐतिहासिक यूके-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल की घोषणा की थी। यह पहल दूरसंचार सुरक्षा में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है और उभरती प्रौद्योगिकियों – दूरसंचार, महत्वपूर्ण खनिज, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, स्वास्थ्य/जैव-प्रौद्योगिकी, उन्नत सामग्री और अर्धचालकों – में निवेश के नए अवसरों को खोल रही है।

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प्रकाशित 7 जून 2025