विश्व की समाचार कथा

दवा प्रतिरोधी संक्रमण से निबटने के लिए ब्रिटेन और भारत की सहभागिता

दवा प्रतिरोधी संक्रमणों (ड्रग रेजिस्टेंट इन्फेक्शन) से निबटने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर ब्रिटेन और भारत साथ हुए।

यह 2015 to 2016 Cameron Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था
AMR

ब्रिटेन की मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा माइक्रोबियल रेजिस्टेंट के विरुद्ध लड़ने वाली अंतर्राष्ट्रीय योद्धा (सीएमओ) डेम सैली डेवीज और एएमआर की लॉर्ड ओ’नील रिव्यू के अग्रणी हाला ऑडी ने भारत सरकार के विशेष एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंट कॉनक्लेव में भाग लेने हेतु 23-26 फरवरी को नई दिल्ली का दौरा किया। उनके साथ एएमआर से निबटने हेतु ब्रिटिश सरकार के 10 मिलियन पाउंड के पुरस्कार- लॉन्गीट्यूड प्राइज के प्रमुख तमार घोष भी थे।

ब्रिटेन की मुख्य चिकित्सा अधिकारी एएमआर पर तीन दिवसीय इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मुख्य वक्ता थीं। सम्मेलन में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्री जे पी नड्डा ने घोषणा की कि एएमआर दुनिया का प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती है उन्होंने भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान तथा वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम के सहित रोग से बचाव की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पारंपरिक एवं सोशल मीडिया पर एक ‘रेड लाइन’ की भी शुरुआत की, जिसका लक्ष्य है एंटीबायोटिक दवाओं के दुरुपयोग को रोकना।

सम्मेलन में सीएमओ तथा अन्य ब्रिटिश सहभागियों ने दक्षिण पूर्व एशिया के स्वास्थ्य मंत्रियों तथा विश्व स्वास्थ्य संग़ठन के वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात कर एएमआर से निबटने हेतु क्षेत्र में क्या संभावित कदम उठाए जा सकते हैं और ब्रिटेन की इसमें क्या सहयोगी भूमिका हो सकती है- इस पर चर्चा की। इस सम्मेलन में जिन अन्य देशों ने अपने प्रतिनिधि भेजे, वे थे- अमेरिका, फ्रांस, जापान, स्वीडन और नीदरलैंड।

भारत में सीएमओ की एक गहन परिचर्चा एएमआर के आर्थिक पक्ष के जी20 शेरपा डॉ पानगढ़िया के साथ हुई और इस बात पर चर्चा की गई कि जी20 की ओर से इस पर कदम उठाने की आवश्यकता क्यों है। पानगढ़िया ने मूल्य प्रणाली, विनिर्माण प्रदूषण पर नियंत्रण और एक वैश्विक जागरुकता कार्यक्रम में भी अपनी विशेष रुचि दिखाई। उन्होंने सी20 में एएमआर पर लॉर्ड ओ’नील की टीम के साथ अपनी टीम के घनिष्ठतापूर्वक काम करने के बारे में अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई। सीएमओ की मुलाकात ब्यूरोक्रेटिक और वैज्ञानिक समुदाय के नेताओं के साथ मुलाकात हुई, जिसमें शामिल थे सरकार के मुख्य विज्ञान सलाहकार डॉ चिदंबरम और जैव प्रौद्योगिकी विभाग, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जिनके साथ उन्होंने एएमआर से निबटने हेतु समन्वित अंतर्क्षेत्रीय कार्यवाही के महत्व पर विचार-विमर्श किया। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने ‘एएमआर पर मित्र’ समूह के अग्रणी देशों में शुमार होने की रुचि जाहिर की। भारत में सीएमओ की सभी बैठकों से उभर कर जो बात सामने आई वह है भारत के साथ सूचना साझा करने और मजबूत, अंतर्क्षेत्रीय समन्वयन की आवश्यकता।

सीएमओ ने हैदराबाद में संक्रामक रोगों पर 17वें अंतर्राष्ट्री कांग्रेस में भी एक प्रमुख भाषण दिया, जहां उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित 1600 सहभागियों को संबोधित किया जो भारतीय उपमहाद्वीप पहली बार आए थे। इस वैश्विक सम्मेलन में वह एएमआर की समस्या तथा इससे निबटने में नीति और कार्यवाहियों और क्रियान्वयन के तौर-तरीकों पर केन्द्रित रहीं।

आगे की जानकारी:

एएमआर या ‘एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंट’ का इस्तेमाल ‘सुपरबग’ कहे जाने वाले दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों के निरूपण में किया जाता है। एंटीमाइक्रोबियल में शामिल हैं एंटीबायोटिक (जो केवल जीवाणुओं पर काम करता है), एंटीवायरस, एंटीपारासिटिक और एंटीफंगल दवाएं।

मीडिया पूछताछ के लिए कृपया संपर्क करें:

स्टुअर्ट ऐडम, प्रमुख,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

मेल करें: सक्ति एडमरुकु

हमारा अनुसरण करें Twitter, Facebook, Flickr, Storify, Eventbrite, Blogs, Foursquare, Youtube, Instagram, Vine, Snapchat @UKinIndia, Periscope @UKinIndia

Updates to this page

प्रकाशित 4 मार्च 2016