विश्व की समाचार कथा

रिकार्डो अपने १०० वर्ष एवं महिंद्रा के साथ 'ग्रेट सहभागिता' का उत्सव मना रहा है

‘रिकार्डो 100 ग्लोबल चैलेंज’ रिकार्डो के इतिहास, अंतर्राष्ट्रीय रूप-रेखा और इसकी पहुंच को प्रदर्शित करता है।

‘Ricardo100 Global Challenge’

ब्रिटिश वाहन विशेषज्ञ रिकार्डो ने इस साल अपनी 100वीं वर्षगांठ के एक अंग के रूप में एक विश्व चैरिटी रिले ‘रिकार्डो 100 ग्लोबल चैलेंज’ का आयोजन किया है। ग्लोबल चैलेंज के भारतीय खंड को महिन्द्रा द्वारा प्रदत्त 2015 मॉडल के महिन्द्रा स्कॉर्पियो में पूरा किया जा रहा है।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन ने रिले के भारतीय खंड का उत्सव मनाने तथा ब्रिटिश और भारतीय वाहन निर्माता रिकार्डो और महिन्द्रा के बीच ‘ग्रेट सहभागिता’ के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। भारत के एक प्रमुख स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन स्कॉर्पियो में 5एमटी320 फाइव-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन दिया गया है जो रिकार्डो और महिन्द्रा के इंजीनियरों के बीच डिजायन और विकास की सहभागिता का परिणाम है। इस खूबी वाला पहला मॉडल भारतीय बाजार में 2012 में उतारा गया था।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन ने कहा:

ब्रिटेन दुनिया में अत्याधुनिक डिजायन और आविष्कार का अगुवा है। पहली स्पोर्ट्स कार बनाने के बाद से ब्रिटिश मोटर उद्योग ने दुनिया की कई सर्वाधिक लोकप्रिय और आकर्षक कारों का निर्माण किया है। महिन्द्रा के साथ रिकार्डो का संबंध इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। यह ब्रिटेन और भारत के बीच ‘ग्रेट सहभागिता’ के जज्बे का भी प्रदर्शन है। जबकि हम रिकार्डो की वार्षिकी मना रहे हैं हम ‘ब्रिटेन में डिजायन किया गया और भारत में निर्मित’ अवधारणा के महत्व को भी स्वीकारते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हमारे संबंध की क्षमता को महत्व दिया है और इसे ‘सफल साझेदारी विकसित करने का एक अद्वितीय संयोग बताया है, जो दोनों देशों के लिए असंख्य लाभ पैदा कर सके।‘

इस रिले में रिकार्डो के कर्मचारी स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी के उद्देश्यों से फंड एकत्र करने हेतु भाग ले रहे हैं। रिकॉर्डो ने कुल 15,000 पाउंड की धनराशि का अनुदान एकत्र करने का लक्ष्य रखा है।

रिकार्डो के भारत में अध्यक्ष मयंक अगोचिया ने कहा:

भारत में ‘रिकार्डो 100 ग्लोबल चैलेंज’ का स्वागत करना प्रसन्नता की बात है। रिकार्डो का एक प्रमुख भारतीय कंपनी महिन्द्रा के साथ दीर्घकालीन व्यावसायिक संबंध हैं जिन्होंने हमें रिले के इस खंड के लिए उदारतापूर्वक अपना एक वाहन प्रदान किया है।

स्वागत समारोह के बाद चुनौती के भारतीय खंड में नई दिल्ली से हिमाचल प्रदेश हिमालय तलहटी तक यात्रा की जाएगी। इसके बाद जुलाई में वापस अपने मूल देश ब्रिटेन पहुंचने से पहले चुनौती चीन, जापान और अमेरिका की ओर अग्रसर होगी।

आगे की जानकारी:

  • ‘ग्रेट सहभागिता’ के बारे में

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ के लिए दुनिया से किए गए आह्वान के प्रत्युत्तर में ब्रिटेन ने, ब्रिटेन और भारत के बीच ‘ग्रेट सहभागिता’ का जश्न मनाने और उसे बढ़ावा देने के लिए एक अभियान चलाया है। आने वाले समय में यह अभियान दोनों देशों को लाभान्वित करने वाले ऊर्जा, स्वास्थ सेवा, समुन्नत विनिर्माण, व्यवसाय करने की सुविधा, कौशल, स्मार्ट शहर, वित्तीय सेवाओं और आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों में सहभागिता के क्षेत्रों को दर्शाकर उन्हें प्रोत्साहित करेगा।

ग्रेट सहभागिता’ की शुरुआत के समय जनवरी 2015 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा था:

भारत के साथ ब्रिटेन के संबंधों की गहराई और विस्तार पर मुझे गर्व है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड, जीएसके, हिंदुस्तान यूनीलिवर, बीपी और वोडाफोन जैसी ब्रिटिश कंपनियां दशकों से भारत में कार्यरत रही हैं। और टाटा, महिन्द्रा तथा सिप्ला जैसी भारतीय कंपनियां ब्रिटेन और भारत में कार्यरत रही हैं जिनसे दोनों देशों का फायदा हो रहा है। जिन क्षेत्रों में हम साथ काम करते हैं उनमें ऐसी ग्रेट सहभागिताओं को इस अभियान के जरिए हम प्रोत्साहित और प्रदर्शित करना चाहते हैं। यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेन इन इंडिया’ अभियान को हमारे समर्थन को रेखांकित करता है और भारत एवं ब्रिटेन द्वारा मिलकर बड़ी चीजें बनाने का उत्सव मनाता है।

शुरूआत के समय नरेन्द्र मोदी द्वारा ने कहा:

मुझे खुशी है कि ब्रिटिश सरकार द्वारा समर्थित वहां का उद्योग “मेक इन इंडिया” के हमारे आह्वान का उत्साहपूर्वक प्रत्युत्तर दे रहा है। ब्रिटेन हमारा एक प्रबलतम आर्थिक साझेदार और भारत में एक बड़ा निवेशक रहा है। प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन (या आविष्कार) के क्षेत्र में ब्रिटेन अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है। अपने बाजारों, कुशल मानव संसाधन, प्रतिस्पर्धी आर्थिक वातावरण और अवस्थिति के जरिए भारत विशाल अवसर उपलब्ध कराता है। हमारे व्यवसायी लोकतांत्रिक राजव्यवस्था, कानून का शासन, भाषा और प्रबंधन व्यवहारों के परिचित संदर्भ में भी काम करते हैं। यह दोनों देशों को अथाह लाभ दे सकने वाली सफल साझेदारी के निर्माण का एक अजेय संयोजन का निर्माण करता है। भारत का नया निवेश माहौल, मुझे उम्मीद है, भारत में बड़ी संख्या में विनिर्माण केन्द्र स्थापित करने हेतु और अधिक संख्या में ब्रिटिश उद्योगों को आकर्षित करेगा।

  • कार्यक्रम की तस्वीरें यहां उपलब्ध हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां संपर्क करें:

स्टुअर्ट ऐडम, निदेशक,
प्रेस और संचार
ब्रिटिश उच्चायोग,
चाणक्यपुरी, नई दिल्ली- 110021
टेलीफोन: 44192100; फैक्स: 24192411

जागोरी धर को ईमेल करें।

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प्रकाशित 28 May 2015