उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन और विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए विधायक एक मंच पर आए
यह बैठक माननीय प्रिंस ऑफ वेल्स की देहरादून यात्रा के मौके पर आयोजित की गई, जहां उन्होंने वन अनुसंधान संस्थान में विधायकों से मुलाकात की ।

जलवायु परिवर्तन के प्रति उत्तराखंड के लचीले रवैये पर और पर्यावरण के सतत विकास के मार्ग प्रशस्त करने में विधायकों की भूमिका पर चर्चा के लिए आज उत्तराखंड में संपूर्ण राजनीतिक पार्टियों के विधायक एकत्र हुए। ‘कनेक्टिंग द डॉट्स ‘ नामक इस गोलमेज बैठक का आयोजन आज भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और चंडीगढ़ स्थित ब्रिटिश उप-उच्चायोग के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया।
माननीय प्रिंस ऑफ वेल्स की देहरादून यात्रा के मौके पर इस बैठक का आयोजन किया गया। प्रिंस ऑफ वेल्स ने वन अनुसंधान संस्थान की अपनी यात्रा के दौरान विधायकों से मुलाकात की। अपने संपूर्ण सार्वजनिक जीवन के दौरान, प्रिंस ऑफ वेल्स जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों सहित पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक रूप से स्थायी समुदायों का निर्माण करने के बारे में चिंतित रहे हैं। राजकुमार की अंतरराष्ट्रीय स्थिरता इकाई के निदेशक जस्टिन मंडी भी इस विचार विमर्श के हिस्सा थे और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उन्होने अपने विचार साझा किए।
प्रमुख वक्ता के भाषण में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के आपदा प्रबंधन सलाहकार तथा विधायक श्री नव प्रभात ने कहा:
व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि हिज रॉयल हाईनेस और हर रॉयल हाईनेस की राज्य की यात्रा का यह समय सबसे उपयुक्त है, जिस वक्त उत्तराखंड हाल ही में आई आपदा से निपटने की कोशिश कर रहा है। तीसरे ध्रुव के रुप में हिमालय की तरफ विश्व नेतृत्व द्वारा अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
ब्रिटिश उच्चायोग के ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और विकास काउंसलर श्री फिल मार्कर ने कहा:
विधायक, सरकार और उद्योगों के बीच इस महत्वपूर्ण चर्चा से उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु इनकी वास्तविक दिलचस्पी का संकेत मिलता है। ब्रिटिश उच्चायोग भी इस महत्वपूर्ण चर्चा को जारी रखना चाहता है।
अपने विशेष भाषण में, सीआईआई उत्तराखंड राज्य परिषद के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ. एस. फारुख ने कहा कि, जलवायु परिवर्तन पर नीति चर्चा में केंद्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर सीआईआई एक बहुत सक्रिय भागीदार है। आगे उन्होंने ये भी कहा कि जलवायु परिवर्तन को कम करने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है लोगों में निचले स्तर पर जागरूकता लाना और उन्हे इस प्रयास में शामिल करना, क्योंकि जलवायु परिवर्तन हम सभी को प्रभावित करेगा।
गोलमेज सम्मेलन में उत्तराखंड में नीति निर्माताओं के लिए श्री गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा एक ‘जलवायु परिवर्तन टूलकिट’ का प्रारंभ किया गया। यह टूलकिट प्रकृति पर मानवीय गतिविधियों के प्रभावों का विवरण देता है तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वश्रेष्ठ वैश्विक और स्थानीय प्रयासों के बारे में जानकारी देता है और एक हरित भविष्य के लिए एक रोडमैप देता है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: रशेल ब्रास, प्रथम सचिव, ऊर्जा और जलवायु, ऊर्जा, जलवायु और विकास यूनिट, ब्रिटिश उच्चायोग-डीएफआईडी, भारत; फोन: 011 - 4279 3451 या विभा मल्होत्रा, निदेशक और प्रमुख, सीआईआई उत्तराखंड राज्य कार्यालय; फोन: 0135-2745119