केरल के मुख्यमंत्री द्वारा ‘अलुवा का भविष्य सुरक्षित करने की कार्ययोजना’ का शुभारंभ
ये प्राथमिक परियोजनाएं अलुवा के ‘भविष्य को सुरक्षित करने की कार्ययोजना’ का हिस्सा हैं, जो एटकिंस यूके तथा आईएनटीबीएयू द्वारा ब्रिटेन के सहयोग से तैयार एक शहरी परियोजना है।

मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने आज अलुवा को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद पहुंचाने और स्थानीय निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में स्थायी सुधार लाने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं की शुरुआत की। ये परियोजनाएं अलुवा के “सुरक्षित भविष्य के लिए कार्ययोजना” का एक अंग हैं, जो एटकिंस यूके तथा इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर ट्रेडिशनल बिल्डिंग, आर्किटेक्चर एंड अर्बनाइजेशन (आईएनटीबीएयू) द्वारा ब्रिटेन की सरकार के सहयोग से तैयार की गई एक शहरी परियोजना है।
इस योजना में परियोजनाओं का एक पोर्टफोलिओ, कई तरह की गतिविधियां तथा अलुवा के मास्टर प्लान में सुधार करना और जोड़ना शामिल है। इसके तहत शहरी प्रणालियों को अधिक चुस्त, कुशल और जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने में सक्षम आवश्यक परियोजनाओं तथा निवेशों की पहचान की गई है। इसे तीन प्रमुख अवसंरचनात्मक प्राथमिकताओं की पहचान करते हुए निर्मित किया गया है, जो हैं शहरी विकास, पेरियार नदी की सफाई तथा ठोस कचरा प्रबंधन।
चांडी ने स्वच्छता, कचरा निपटान तथा सीवेज प्रणालियों के लिए अवसंरचना प्राथमिकताओं के अंतर्गत परियोजनाएं शुरु करने की घोषणा की। निजी क्षेत्र की पर्याप्त भागीदारी के साथ, ये परियोजनाएं अलुवा के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मुख्य भूमिका अदा करेंगी।
चेन्नई में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, भरत जोशी ने कहा:
अलुवा नगरपालिका तथा केरल सरकार के साथ हमारी भागीदारी के लिए आज एक खास दिन है। आज अलुवा नगरपालिका ने अलुवा के धारणीय विकास के लिए एक अंतिम रूप से तैयार योजना का शुभारंभ किया है, जिसके तहत यहां के नागरिकों को स्वच्छ पेयजल तथा हवा, बेहतर स्वच्छता सुविधाएं, उन्नत सड़क सुरक्षा उपाय तथा जल-निकासी प्रणालियां प्राप्त होंगी। हम मास्टरप्लान को वास्तविक स्वरूप प्रदान करने के लिए हितधारी पक्षों के साथ काम करते रहेंगे।
नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के ऊर्जा तथा जलवायु संवृद्धि इकाई के काउंसलर, सैंडी शर्ड ने कहा:
स्मार्ट शहरों के एजेंडे के मूल में निम्न कार्बन उत्सर्जन तथा जलवायु के प्रति जागरुकता के साथ आर्थिक विकास है। हमें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हम अलुवा नगरपालिका तथा केरल सरकार के साथ इस महत्वपूर्ण तथा ऐतिहासिक शहर के स्थायी विकास तथा जलवायु परिवर्तनों के प्रति अनुकूल स्वरूप प्रदान करने के कार्य में सहभागी हैं। आज घोषित प्राथमिक परियोजनाओं के माध्यम से काम को शुरू होता देखना काफी सुखद अनुभव है।
एटकिंस यूके के निदेशक, रोजर सेवेज ने कहा:
अलुवा के भविष्य को सुरक्षित करनेवाली कार्ययोजना के तहत निष्पत्तियों को साकार होते देखने से आज मुझे हार्दिक खुशी हो रही है। हमारी मध्यस्थता के तीन प्रमुख प्राथमिक क्षेत्र हैं, निम्न कार्बन उत्सर्जन विकल्पों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्थलों की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक शहरी अभिकल्पन योजना, पेरियार नदी का पुनरुद्धार तथा हरित गलियारों का कार्यान्वयन, तथा अलुवा के कचरा प्रबंधन की व्यवस्था में सुधार लाना। हम आश्वस्त हैं कि इस कार्ययोजना के तहत कार्यान्वित परियोजनाओं से उच्चतम गुणवत्ता वाले परिवर्तन होंगे, जिनसे अलुवा को जलवायु के खतरों से निपटने में कहीं ज्यादा सक्षमता हासिल होगी।
पृष्ठभूमि
नवंबर 2013 में, प्रिंस ऑफ वेल्स ने, केरल के मुख्यमंत्री महोदय के साथ अपनी चर्चा के दौरान, धारणीय नियोजन के क्षेत्र में ब्रिटेन की विशेषज्ञता को रेखांकित किया तथा राज्य को जलवायु परिवर्तन के मसले पर कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने केरल के धारणीय शहरी विकास कार्य के बारे में, तथा द्वितीयक रूप से स्थायित्व विकसित करने की आवश्यकता के बारे में बताया।
स्वच्छता, कचरा प्रबंधन तथा सीवेज प्रणालियों के अंतर्गत, निम्नलिखित गतिविधियां संपादित की जाएंगी:
- जल संरक्षण तथा उन्नत स्वच्छता सुविधाओं की ओर एक कदम के तौर पर सार्वजनिक स्थानों पर ई-शौचालयों का निर्माण- एरम समूह, कोझिकोड द्वारा वित्तपोषित
- तीन वार्डों में कचरा संग्रहण तथा निपटान की प्राथमिक शुरुआत- नेस्ट समूह, कोच्चि द्वारा वित्तपोषित
- सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्र के पुनर्निर्माण की परियोजना की शुरुआत- फेडरल बैंक, अलुवा, केरल द्वारा वित्तपोषित 10 अगस्त 2015
आगे की जानकारी
अलुवा की ‘भविष्य सुरक्षा’ से संबद्ध पूर्व समाचार आलेखों में पृष्ठभूमि से संबद्ध अन्य जानकारियां पाई जा सकती हैं:
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भारत और ब्रिटेन के साझा प्रयासों द्वारा अलुवा में धारणीय जीवन के मार्ग प्रशस्त करना
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जलवायु-परिवर्तन के क्षेत्र में ब्रिटेन और केरल की सहभागिता: अलुवा की कहानी
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कोच्चि में भारत और ब्रिटेन की कार्यशाला: अलुवा के भविष्य की सुरक्षा
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अनिता मॉडस्ले, ब्रिटिश उच्चायोग, मोबाइल: 96001 99956
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