समाचार कथा

भारतीय युवाओं को उत्कृष्ट सफलता के लिए सम्मानित किया गया

प्रेरणादायक भारतीय युवाओं को महामहिम द अर्ल ऑफ़ वेसेक्स द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया।

यह 2016 to 2019 May Conservative government के तहत प्रकाशित किया गया था

भारत भर के नौ स्कूलों और संगठनों के 34 युवाओं को सम्मानित किया गया और उन्हें युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, भारत से स्वर्ण पुरस्कार प्राप्त करने के बाद शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय सम्मान दिया गया।

यह पुरस्कार 7 फरवरी, 2018 को नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित गोल्ड अवार्ड समारोह में महामहिम द अर्ल ऑफ़ वेसेक्स, चेयर, द ड्यूक ऑफ एडिनबरा के इंटरनेशनल अवार्ड फाउंडेशन द्वारा दिया गया।

महामहिम द अर्ल ऑफ़ वेसेक्स ने कहा:

ऐसे प्रेरणादायी युवाओं से मिलना और उनकी पुरस्कार यात्राओं के बारे में जान पाना और उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा करना सम्मान की बात है।

अपना गोल्ड पुरस्कार जीतना कोई आसान काम नहीं है – इसके लिए प्रतिबद्धता चाहिए, यह आपकी प्रतिरोधक्षमता को परखता है और इसके लिए आपको अपने आरामदायक स्थिति से बाहर निकलकर कई चुनौतियों का सामना कर होता है। लेकिन यह भी युवाओं के लिए कई अवसर भी खोलता है और उन्हें अपने और अपने समुदाय के लिए, परिवर्तन का कारक बन पाने में सक्षम बनाता है।

भारत के युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के राष्ट्रीय निदेशक, कपिल भल्ला ने कहा:

यह पुरस्कार भारत के युवाओं को खुद को चुनौती देने, जीवन का अनुभव करने और विश्व में उनके उद्देश्य, जुनून और स्थान ढूंढने में उनकी मदद करता है। गोल्ड अवार्ड के लिए शारीरिक गतिविधि, कौशल विकास, समुदाय के लिए सेवा और साहसिक यात्रा और आवासीय परियोजना के माध्यम से, उन्हें आरामदायक स्थिति से बाहर निकलने पर मजबूर करते हुए - प्रतिभागियों को पांच क्षेत्रों में 18 महीने से अधिक परिश्रम करने की चुनौती दी जाती है।

ड्यूक ऑफ एडिनबरा का अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एक वैश्विक, गैर-औपचारिक शिक्षा फ्रेमवर्क है जो युवाओं को उनकी क्षमता पहचानने की चुनौती देता है और उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा करना है। यह दुनिया भर के 130 से अधिक देशों और क्षेत्रों में काम करती है, और हर साल 13 लाख से अधिक युवाओं को प्रेरणा देती है।

अधिक जानकारी

भारत की युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार – जिसे द ड्यूक ऑफ एडिनबरा के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में भी जाना जाता है - दुनिया की अग्रणी युवा उपलब्धि पुरस्कार, जिसे 14-24 वर्ष की आयुवर्ग के युवाओं को उनकी पृष्ठभूमि, संस्कृति, शारीरिक क्षमता, कौशल और रुचियों पर ध्यान दिए बिना दिया जाता है।

इसे स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, नियोक्ताओं, सामाजिक क्लब, वर्दीधारी और गैर-वर्दीधारी युवा संगठनों, युवा अपराधियों की संस्थाओं, धार्मिक संगठनों, खेल क्लबों और अन्य नागरिक संगठनों द्वारा दुनिया भर में वितरित किया जाता है।

1956 में महामहिम द ड्यूक ऑफ एडीनबर्ग द्वारा स्थापित, यह पुरस्कार युवाओं को अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से सीखने, विकास करने और कामयाब होने के लिए सक्षम बनाता है, उन्हें जीवन जीने का लक्ष्य देता है।

यह प्रतिभागियों को चुनौती देता है, उन्हें उनकी निजी सीमाओं को लांघने पर मजबूर करता है और उनकी क्षमताओं को पहचानने में मदद करता है जोकि उनकी सोच और समझ से कई अधिक हैं।

60 वर्ष पहले इसे लॉन्च करने के बाद से, दुनिया भर में लाखों युवाओं ने इसमें भाग लिया है और पुरस्कार जीते हैं और कई लाख लोग समुदायों में इसके प्रभाव से लाभान्वित हुए हैं।

भारत में, सर्वप्रथम 1962 में यह पुरस्कार प्रस्तुत किया गया था और उसके बाद से 100,000 से अधिक युवाओं को समर्थ बनाया है और निकायों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, सामुदायिक संगठनों आदि में 260 से अधिक पुरस्कार दिए गए हैं।

सिर्फ 2017 में ही, भारत में 42,000 से अधिक प्रतिभागियों ने इसके पुरस्कार कार्यक्रम में भाग लिया।

भारत में भी पुरस्कार ऐसे युवाओं के साथ काम करने के लिए दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध है जिनका जीवन जोखिम में है या अधिकारों से वंचित हैं; जो कि सामाजिक, शारीरिक या आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं. पुरस्कार में यह सुनिश्चित करने की युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार ने अधिकारहीन युवाओं के क्षेत्र में काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों के साथ महत्वपूर्ण भागीदारी स्थापित की है, जिसमें आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के साथ ग्रामीण और शहरी प्रवासियों और विशेष जरूरतों वाले युवा शामिल हैं।

ड्यूक ऑफ एडिनबरा के अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार फाउंडेशन, इंग्लैंड और वेल्स में एक पंजीकृत दान-संस्था (1072453) है। फाउंडेशन का मुख्यालय लंदन में है और इसके क्षेत्रीय कार्यालय अमेरिका, अफ्रीका, एशिया प्रशांत और ईएमएएस (यूरोप, भूमध्य और अरब राज्यों) में हैं।

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प्रकाशित 7 February 2018