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COP26 अध्यक्ष ने जलवायु परिवर्तन पर साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत का दौरा किया

COP26 अध्यक्ष आलोक शर्मा भारतीय नेताओं के साथ दो दिनों के जलवायु पर चर्चा के लिए आज (15 फरवरी) नई दिल्ली पहुंचे हैं।

Alok Sharma

श्री शर्मा यूनाइटेड किंगडम-भारत के जलवायु साझेदारी को मजबूत करने और इस वर्ष के अंत में एक सफल COP26 शिखर सम्मेलन की तैयारी के बारे में चर्चा करने के लिए वरिष्ठ भारतीय मंत्रियों, साथ ही व्यापार और नागरिक समाजके नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे।

COP अध्यक्ष के रूप में एशिया की अपनी पहली यात्रा पर श्री शर्मा से जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में भारत की महत्वपूर्ण प्रगति की प्रशंसा करने की उम्मीद है। वे प्रधान मंत्री मोदी के इंटरनेशनल सोलर अलाइंस (आई.एस.ए) और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्टर (सी.डी.आर.आई), जिसका यूनाइटेड किंगडम सह अध्यक्ष होने का गर्व है, को स्थापित करने में उनके वैश्विक नेतृत्व के बारे में बताएंगे। COP की तैयारी में क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन के बारे में वैश्विक विचार-विमर्श में भारत का अनुभव महत्वपूर्ण है।

व्यापार बैठक में, श्री शर्मा लो कार्बन इकोनॉमी में असीम अवसरों के बारे में बताएँगे, शुद्ध शून्य उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए मौजूदा प्रतिबद्धताओं को उजागर करेंगे और प्रभावशाली व्यवसायों को अपने समग्र क्षेत्र और आपूर्ति श्रृंखला में कॉर्पोरेट क्लाइमेट एक्शन के बढ़ते कदम को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

श्री शर्मा जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों और संभावित समाधानों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों और युवा विचारकों सहित नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे और सुनेंगे कि कैसे वे जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए युवा पीढ़ी को संगठित करने की कोशिश कर रहे हैं।

एक साल की वर्चुअल बैठकों के बाद, व्यक्तिगत यात्रा COP26 की तैयारी की गति में एक बदलाव का संकेत देती है और सभी देशों के विचारों को शामिल करने वाली समावेशी वार्ता प्रक्रिया को चलाने के लिए श्री शर्मा की महत्वाकांक्षा को पुष्ट करता है।

द राइट ऑनरेबल COP26 प्रेसिडेंट डेजिग्नेट सांसद आलोक शर्मा ने कहा:

जब जलवायु परिवर्तन की बात आती है, तो भारत एक प्रमुख भागीदार और वैश्विक नेता है। हम एक साथ इस परिवर्तन को ला सकते हैं - उत्सर्जन को कम करने में वास्तविक प्रगति करें और वैश्विक प्रतिबद्धताएं बनाएं। यूनाइटेड किंगडम और भारत पहले से ही जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अच्छे के लिए एक संयुक्त फोर्स फॉर गुड हैं, और हम COP26 और उससे आगे इस साझेदारी को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।

भारत में उच्चायुक्त, एलेक्स एलिस सी.एम.जी ने कहा:

COP26 की सफलता सुनिश्चित करते हुए, हमारे ग्रह की रक्षा में आलोक शर्मा की यात्रा नवीनतम कदम है, और इससे स्वच्छ और सतत विकास के लिए यूनाइटेड किंगडम-इंडिया क्लाइमेट पार्टनरशिप का विकास होगा। यूनाइटेड किंगडम सरकार की प्रेसीडेंसी के दौरान एक व्यापक, महत्वाकांक्षी और संतुलित परिणाम को सूचित करने के लिए भारत सरकार से सुन्ना, साथ ही साथ नागरिक समाज और व्यवसाय को सुनना आवश्यक होगा।

श्री शर्मा की यात्रा यूनाइटेड किंगडम के विदेश मंत्री और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री के बाद हो रही है, जो इस वर्ष के अंत में प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन की यात्रा का मार्ग प्रशस्त करेगी, जिसके दौरान जलवायु सहयोग एक महत्वपूर्ण विषय होगा।

COP26 के मेजबान के रूप में यूनाइटेड किंगडम 2050 तक उत्सर्जन में शुद्ध शून्य कटौती करने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी लक्ष्य निर्धारित करके जलवायु कार्रवाई के लिए एक मजबूत उदाहरण स्थापित कर रहा है। 1990 और 2018 के बीच, यूनाइटेड किंगडम ने अर्थव्यवस्था में 75% की वृद्धि करते हुए उत्सर्जन में लगभग आधी कटौती कर दी और 2025 तक ऊर्जा क्षेत्र में कोयले के उपयोग में पूरी तरह से कटौती कर देगा। यूनाइटेड किंगडम अगले पांच वर्षों में अपने इंटरनेशनल क्लाइमेट फाइनेंस को कम से कम £11.6 बिलियन तक दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि विकासशील देशों को कारवाही करने में मदद की जा सके।

अन्य जानकारी

2021 में यूनाइटेड किंगडम की COP26 की प्रेसिडेंसी और 2023 में भारत की G20 की प्रेसिडेंसी वैश्विक स्तर पर इसे चलाने और पेरिस समझौते को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती है।

भारत और यूनाइटेड किंगडम कई समान जलवायु परिवर्तन प्राथमिकताओं को साझा करते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए निकटता से काम करते हैं कि और उससे आगे जा कर काम किया जाए। सहयोग के लिए बड़े स्तर पर क्षमता वाले COP26 के प्राथमिकता वाले विषयों में शामिल हैं: अनुकूलन और लचीलापन; कॉर्पोरेट एक्शन; ग्रीन फाइनेंस; स्वछ विकास एवं प्रौद्योगिकी; और प्राकृतिक समाधान।

यूनाइटेड किंगडम और भारत के बीच जलवायु पर साझेदारी का एक मजबूत इतिहास है। यूनाइटेड किंगडम भारत के नवीकरणीय और स्वच्छ परिवहन क्षेत्रों में निवेश कर रहा है, जिसमें संयुक्त ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड, के साथ मल्टीलेटरल फंड शामिल हैं। संयुक्त अनुसंधान और इनोवेटिव साझेदारी सौर भवनों और ऊर्जा दक्षता समाधानों की अगली पीढ़ी का विकास करेगी। यूनाइटेड किंगडम सीडीआरआई (CDRI) की गवर्निंग काउंसिल की सह-अध्यक्षता के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूल होने और निजी क्षेत्र के निवेश को ग्रीन फाइनेंस में प्रोत्साहित करने के लिए भारत का समर्थन कर रहा है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ऑफशोर विंड जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों मे वाइब्रेंट नॉलेज एक्सचेंज साझा करने और ग्रीन सोल्यूशन पर एक साथ काम करना हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मीडिया

निकोलस डुविवियर
अभियान प्रमुख / संचार के उप प्रमुख
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प्रकाशित 15 February 2021