विश्व की समाचार कथा

भारत में चीवेनिंग के पूर्व छात्रों ने स्थाई विकास पर की चर्चा

इस कार्यक्रम में चीवेनिंग अलम्नाय इंडिया असोसिशन की शुरुआत हुई जो कि एक पंजीकृत, गैर-लाभकारी सोसाइटी है।

Launch of the Chevening Alumni India Association

विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर ऊर्जा एवं पर्यावरण क्षेत्र में प्रमुख चीवेनिंग के पूर्व छात्र आर्थिक विकास के अनुकूल वातावरण पर चर्चा करने के लिए ब्रिटिश उच्चायुक्त के निवास्थान पर एकत्रित हुए। इस कार्यक्रम में ही चीवेनिंग अलम्नाय इंडिया असोसिएशन की शुरुआत हुई जो कि एक पंजीकृत, गैर लाभकारी सोसाइटी है। यह पूर्व छात्रों द्वारा बनाए गया पूर्व छात्रों का संघ है और यह भारत में 2,200 से भी ज्यादा चीवेनिंग के पूर्व छात्रों को एकत्रित कर एक मंच प्रदान करने का वचन देता है जिससे वे एक जैसा सोच रखने वाले ऐसे व्यक्तियों के समुदाय का सह-निर्माण कर सकें जो आगामी पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध हों।

दल के सदस्यों ने संतुलित विकास और पर्यावरण की सुरक्षा की राह में चुनौतियों पर चर्चा की, विशेष रूप से इनके विषय रहे जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण स्वास्थ्य, जल और जैव विविधता। उन्होंने स्थाई विकास से संबंधित कुछ समाधानों पर भी स्वीकृति दी जिसे प्रतिभागी खुद अपने समुदाय में जागरूकता फैलाने से लेकर नीति के कार्यान्वन का समर्थन करने हेतु उपयोग में ला सकते हैं।

भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डॉमिनिक एस्क्विथ ने कहा:

विश्व के स्थाई विकास के तरीकों पर बहस शुरू करने पर मुझे प्रसन्न्ता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने और और दीर्घकालिक विकास के प्रचार में यूके और भारत की एक मजबूत साझेदारी है। आज की चर्चा में प्रस्तुत किए गए विचार दर्शाते हैं कि एक ही समय पर आर्थिक विकास और पर्यावरण का संरक्षण संभव है। मैं इन विचारों को विकसित करने के लिए चीवेनिंग अलम्नाय संघ के माध्यम से चीवेनिंग विद्वानों के साथ साझेदारी के प्रति तत्पर हूं।

एनआइटीआइ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री. अमिताभ कांत इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता रहे।

चीवेनिंग यूके सरकार की प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार योजना है जिसका लक्ष्य है भविष्य के नेता और नीति निर्माता। विचार मंच, व्यापार, सार्वजनिक क्षेत्र और मीडिया के पूर्व छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। चीवेनिंग अलम्नाय इंडिया संघ के शुभारंभ से भारत के पूर्व छात्रों के बीच एक गहरी कड़ी निर्मित होगी और भारत और यूके के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक बहस करने में सहायता मिलेगी।

अधिक जानकारी

  • चीवेनिंग, यूके सरकार की वैश्विक पुरस्कार योजना है, जिसकी शुरुआत 1983 में हुई जिसे 160 देशों में वितरित किया जाता है और वार्षिक स्तर पर 1500 पुरस्कार दिए जाते हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा चीवेनिंग कार्यक्रम आयोजित करता है। वर्ष 2016-17 के लिए 130 फेलोशिप (अध्येतावृत्ति) और छात्रवृत्ति उपलब्ध हैं। इसमें शामिल है एक वर्ष की मास्टर्स (स्नातकोत्तर) की छात्रवृत्ति और साथ ही साइबर सुरक्षा, पत्रकारिता, विज्ञान और नवाचार और नेतृत्व और प्रबंधन में विषयगत अल्पावधि फेलोशिप। वित्तीय सेवा में एक नया फेलोशिप कार्यक्रम अगले वर्ष की शुरुआत में शुरू होगा।

  • चीवेनिंग विश्व भर के भविष्य के नेताओं, प्रभावशाली व्यक्तियों, निर्णय निर्माताओं के लिए पेशेवर और अकादमिक विकास करने, ‌व्यापक स्तर पर फैलाव करने, यूके की संस्कृति का अनुभव लेने और यूके से दीर्घाकालिक रिश्ते बनाने का अनूठा अवसर प्रदान करता है। विश्व भर में 44,000 से ज्यादा चीवेनिंग के पूर्व छात्र हैं और भारत में 2,200 से ज्यादा हैं। यह जाल 32 वर्षों में विकसित हुआ है जिसमें विश्व भर से सभी क्षेत्रों के प्रमुख और प्रभावशाली नेता शामिल हैं। यह धनी और प्रतिभाशाली पूर्व विद्वानों और साथियों का तंत्र है। उनकी सफलता और विशेषज्ञता का फैलाव जिन पेशेवर क्षत्रों में है उनमें शामिल हैं राजनीति, व्यापार, मीडीया, नागरिक समाज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक समुदाय।

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प्रकाशित 6 June 2016