विश्व की समाचार कथा

वाइब्रेंट गुजरात में ब्रिटिश व्यापार मंत्री के नेतृत्व में यूके का प्रतिनिधिमंडल

ब्रिटेन के व्यापार तथा निवेश मंत्री श्री लॉर्ड लिविंग्सटोन 9-12 जनवरी 2015 से भारत का दौरा करेंगे।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
lord livingston

ब्रिटेन के व्यापार तथा निवेश मंत्री श्री लॉर्ड लिविंग्सटोन 60 से अधिक ब्रिटिश कंपनियों तथा 100 प्रतिनिधियों के साथ वाइब्रेंट गुजरात में हिस्सा लेंगे। यह वाइब्रेंट गुजरात 2015 में किसी देश का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल होगा, जिसमें उच्च इंजीनियरिंग, विनिर्माण, रिटेल, वित्तीय सेवाओं तथा बुनियादी ढांचे, डिजाइन तथा शिक्षा समेत कई क्षेत्र शामिल हैं।

आगामी कुछ दिनों में कई प्रमुख घोषणाएं की जाएंगी, जिनमें गुजरात में ब्रिटेन निर्मित पावर प्लांट स्थापित करने से लेकर गुजरात में £1.5 अरब राशि का नवीन निवेश तथा महाराष्ट्र सरकार के साथ सहज व्यापार के ब्रिटेन के अनुभवों को साझा करने हेतु काम करने से जुड़ा एक समझौता भी शामिल होगा।

लॉर्ड लिविंग्सटोन ब्रिटिश कंपनी ओपीजी वेंचर्स द्वारा निर्माण किए जाने वाले एक पावर प्लांट की स्थापना की घोषणा करेंगे। ओपीजी गुजरात के बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर में £1.5 अरब राशि का निवेश करने की योजना बना रहा है, जो गुजरात के पावर सेक्टर में सबसे बड़ा ब्रिटिश निवेश है।

मुम्बई में लॉर्ड लिविंग्सटोन, बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स में महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री श्री शुभाष देसाई के साथ नवीन यूके इंडिया बिजनेस सेंटर का उद्घाटन करेंगे। भारत सरकार के मुहिम ‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर दो मंत्री यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूकेआइबीसी) के बीच के समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे तथा महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमआइडीसी) यूके को सहायता तथा विशेषज्ञता प्रदान करेगा, क्योंकि विश्व बैंक के बिजनेस करने की सरलता सूचकांक में भारत के स्थान में सुधार लाने के लिए मुम्बई बड़ा योगदान दे रहा है।

लॉर्ड लिविंग्सटोन गुजरात तथा महाराष्ट्र में स्थित ब्रिटिश तथा भारतीय कंपनियों की भी दौरा करेंगे। वे स्टैडीएरीना प्रॉजेक्ट स्थल पर भी जाएंगे, जो अहमदाबाद के कंकड़िया झील के समीप यूके द्वारा डिजाइन किया गया स्टेडियम है; साथ ही वे ब्रिटिश कंपनियों के सीईओ से भारत में निवेश करने तथा भारतीय कंपनियों से ब्रिटेन में निवेश करने का आह्वान भी करेंगे

लॉर्ड लिविंग्सटोन ने कहा:

ब्रिटेन तथा भारत का आर्थिक संबंध मजबूत तथा सुस्थापित है। हम भारत में सबसे बड़े निवेशक हैं तथा भारत ब्रिटेन में समूचे ईयू में अपने निवेश से भी कहीं अधिक निवेश करता है।

भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में शानदार काम कर रही हैं और ब्रिटिश कंपनियां भारत की उत्कृष्ट परियोजनाओं में शामिल हैं। दोनों ही देश नए अवसरों को अपनाने के लिए इच्छुक है, ताकि ब्रिटेन तथा भारत के बीच गहरे व्यावसायिक संबंध विकसित किए जा सकें और मुझे वाइब्रेंट गुजरात में ब्रिटिश कंपनियों के इतनी सशक्त प्रतिनिमंडलों का नेतृत्व करने की खुशी है।

अधिक जानकारी:

  • ब्रिटेन वाइब्रेंट गुजरात का एक सहयोगी देश है। लॉर्ड लिविंग्सटोन के नेतृत्व में 60 से अधिक कंपनियां तथा 100 प्रतिनिधि वाइब्रेंट गुजरात में युनाइटेड किंगडम का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो 2015 में किसी देश का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल होगा। यहां उच्च इंजीनियरिंग, विनिर्माण, रिटेल, वित्तीय सेवाओं तथा बुनियादी ढांचे, डिजाइन तथा शिक्षा समेत कई क्षेत्र शामिल किए जाएंगे। यूके के प्रतिनिमंडल में ग्लोबल सीईओ, जैसे कि वोडाफोन के विटोरियो कैलाओ तथा रियो टिंटो के सैम वाल्श जैसी हस्तियां शामिल होंगी साथ ही डेल्कैम तथा रिकार्डो जैसी छोटी कंपनियों के भी प्रतिनिधि शामिल होंगे। लॉर्ड लिविंग्सटोन स्वयं भी पूर्व में बीटी के सीईओ थे और व्यापार तथा निवेश पर ब्रिटेन सरकार के एजेंडा को नेतृत्व प्रदान करते हैं।

  • ब्रिटेन भारत का सबसे बड़ा जी20 निवेशक है, वहीं भारत समूचे ईयू में अपने निवेश की तुलना में कहीं अधिक निवेश ब्रिटेन में करता है। यूके तथा भारत का संबंध दोनों ही देशों के लिए सर्वाधिक महत्व का है, जो वाइब्रेंट गुजरात में भाग लेने से और बढ़ेगा।

  • पिछले वर्ष ब्रिटेन ने भारत में $3.2 अरब का निवेश किया था, जो किसी भी अन्य जी20 से अधिक था तथा जापान ($1.7 अरब) तथा अमेरिका (केवल $1 अरब के भीतर) से भी अधिक रहा, जिन्हें क्रमशः दूसरा तथा तीसरा स्थान मिला।

  • पिछले 14 वर्षों के सभी निवेशों को मिलाकर यूके आज भी जी20 का नम्बर 1 निवेशक है तथा अपने कुल निवेश का ~10% भारत में लगाया है।

  • भारत यूके में निवेश करने वाला एक बड़ा निवेशक है और यह संपूर्ण ईयू में जितना निवेश करता है उससे कहीं ज्यादा निवेश ब्रिटेन में करता है।

  • वर्ष 2008 से 2013 द्विपक्षीय व्यापार में 50% का इजाफा हुआ जो ब्रिटेन तथा भारत की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के बावजूद ~£11 अरब से ~£16.5 पर जा पहुंचा है।

  • थॉमसन राइटर के वित्तीय वर्ष 2014 के लिए इंडिया एमएंडए समीक्षा के अनुसार एमएंडए गतिविधियों के लिहाज से मौजूदा समय में ब्रिटेन भारतीय कंपनियों में टॉप निवेशक है, जो 23 घोषित समझौतों के जरिए US$2.9 अरब का निवेश करता है और 2014 के दौरान भारत की आंतरिक गतिविधि में 25.3% का योगदान दिया है।

आगे की जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: Shireen Mistry

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प्रकाशित 9 January 2015