प्रेस विज्ञप्ति

ब्रिटिश उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए 1.5 बिलियन पाउंड का स्पेस एक्सपोर्ट कैंपेन

अमेरिका और भारत में निर्यात के अवसरों को नियोजित करने के लिए इंटरनेशनल ट्रेड सेक्रेटरी ने पहले स्पेस एक्सपोर्ट कैंपेन की शुरुआत की।

Picture of the International Trade Secretary Liam Fox speaking to the UK Space Agency at Farnborough.

International Trade Secretary Liam Fox speaks to the UK Space Agency at Farnborough.

‘स्पेस एक्सपोर्ट्स’ कैंपेन के अंतर्गत दुनिया के 2 सबसे तेजी से बढ़ते व्यापार लक्षित बाजारों को देखने को मिलेगा जिसका नेतृत्व नव नियुक्त ट्रेड कमिश्नर माननीय एंटनी फिलिप्सन.करेंगे। भारत में इंटरनेशनल डिपार्टमेंट फॉर ट्रेड (डीआईटी) ब्रिटिश स्पेस सेक्टर के विशेषज्ञों को बाजार में काम करने के लिए नियुक्त करके अपना संचालन भी बढ़ाएगा।

पूरे विश्व के 40% छोटे उपग्रहों का निर्माण यूके में होता है जिससे देश में इसकी व्यापक क्षमता का पता चलता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री यूरोपीय संघ को छोड़ने के अवसर का उपयोग ऐसे क्षेत्र में वैश्विक भागीदारी करेंगे जो ब्रिटेन की बाकी अर्थव्यवस्था की अपेक्षा 15 गुना तेजी से बढ़ रहा है।

यूके का अंतरिक्ष उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और 2014/15 में निर्यात 5 बिलियन पाउंड या कुल आय के 36.4% तक बढ़ चुका है और 2010 से दोगुना हो गया है। इस कैंपन के अंतर्गत उन देशों की संख्या में वृद्धि करने की कोशिश की जाएगी जो ईयू से यूके के निकलने के बाद ब्रिटिश व्यापार द्वारा उत्पादन किए जाने वाले विशेषज्ञ उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री, डॉ लियम फॉक्स एमपी ने कहा:

हमारी स्पेस इंडस्ट्री बढ़ रही है क्योंकि वर्षों के प्रभावशाली विकास ने यूके को एक अग्रणी स्पेस नेशन के तौर पर प्रतिष्ठित किया है।

इसे बनाए रखने के लिए, हमें भारत और यूएसए जैसी व्यापक संभावनाओं वाले नए बाजार तक पहुंचने की जरूरत है। एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विभाग के तौर पर हम इसे अपने नए स्पेस एक्सपोर्ट प्रोग्राम के माध्यम से प्राप्त करेंगे, जिससे 2030 तक स्पेस टर्नओवर को 40 बिलियन पाउंड तक पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी जो सरकार और उद्योग दोनों की महत्वाकांक्षा है।

विदेशी बिक्री के माध्यम से अपने कारोबार का एक तिहाई हिस्सा प्राप्त करने वाला स्पेस सेक्टर वैश्विक अवसरों के लाभों का एक बेहतरीन उदाहरण है जिससे अपने देश में रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं।

उत्तरी अमेरिका के ट्रेड कमिश्नर एंटनी फिलिप्सन ने कहा:

अमेरिका का स्पेस सेक्टर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रिटिश सामानों और सेवाओं के लिए बेहतरीन अवसर पेश करता है। स्पेस टेक्नोलॉजी में इन दोनों राष्ट्रो की समृद्ध विरासत है।

यूके सरकार के व्यापक और विशेषज्ञ व्यापार और निवेश नेटवर्क के माध्यम से, यूके मे अमरीकी फर्म की तरह ही ब्रिटिश बिजनेस रोजगार के क्षेत्र में प्रमुख योगदान करने में सक्षम होगा। साथ मिलकर हम दोनों देशों में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।

यूके स्पेस के अध्यक्ष ग्राहम पीटर्स ने कहा:

अंतरिक्ष के वाणिज्यिक पहलुओं में लीडर बनने के लिए ब्रिटेन का अपनी अंतरिक्ष विशेषज्ञता का लाभ उठाने का गौरवशाली इतिहास रहा है। हम इस क्षेत्र की निरंतर वृद्धि को और मजबूत बनाने और विदेशों में यूके की क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ काम करके प्रसन्न हैं।

स्पेस ग्रोथ पार्टनरशिप के स्पेस एक्सपोर्ट्स ग्रुप के इंडस्ट्री को-चेयर डॉ जैम रीड ने कहा:

प्रमुख वैश्विक बाजारों में ब्रिटेन के व्यापार की नई साक्ष्य आधारित संभावनाओं को निर्मित करने के लिए इंडस्ट्री और डीआईटी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इन नई घोषणाओं के माध्यम से विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को देखकर बहुत अच्छा लग रहा है।

सरकार इस क्षेत्र से यह निर्धारित करने के लिए जुड़ रही है कि आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र की रणनीति को उनसे सेक्टर डील के लिए आगे बढ़ाना कितना अच्छा होगा। अंतरिक्ष में कम लागत का उपयोग इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और ब्रिटेन की धरती से छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए इस हफ्ते कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

केस स्टडी

अमरीका और भारत में विस्तार का फायदा केवल स्पेस सेक्टर को ही नहीं होगा। यूके की एयरोस्पेस कंपनियां दुनिया भर प्रतिष्ठित हैं डर्बी बेस्ड पेटोनियर के माध्यम से इसका उदाहरण प्रस्तुत किया गया है जिसने पिछले हफ्ते बैंगलोर में अपने निर्माण संचालन के विस्तार की घोषणा की थी।

बैंगलोर में अपनी फैक्ट्री खोलकर, पेटोनियर अपनी सप्लाई चेन सर्विस से इस क्षेत्र के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करना चाहती है। नई शुरूआत के साथ यह शहर में ब्रिटिश आधारित कंपनियों में नवीनतम होगी जबकि एयरबस और रोल्स-रॉयस यहां पहले से काम कर रहे हैं।

आगे की जानकारी

इंडस्ट्री के साथ काम कर रही सरकार का संयुक्त लक्ष्य 2030 तक इस सेक्टर को 40 बिलियन पाउंड तक पहुंचाना है (वैश्विक बाजार के पूर्वानुमान का 10%)

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प्रकाशित 19 July 2018