विश्व की समाचार कथा

चेन्नई में युवा नव-प्रवर्तक

चेन्नई में चीवनिंग और यूके एल्यूम्नी की बैठक आयोजित हुई।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
Mike Nithavrianakis

Mike Nithavrianakis

चेन्नई पहले से ही एक ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था है। यह नव-प्रवर्तन का एक हब भी है, लेकिन वह स्कूलों एवं कॉलेजों में नव-प्रवर्तन की संस्कृति के विकास, बढ़ती संख्या में युवा नव-प्रवर्तकों की सफलता दर्शाने और ब्रिटेन के साथ अकादमिक-उद्योग संबंधों की मजबूती के कदम उठा कर उत्कृष्टता का एक वैश्विक केंद्र बन सकता है।

ब्रिटिश उपउच्चायोग ने आज चेन्नई में चीवनिंग और ब्रिटिश एल्यूम्नी मिलन कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें युवा नव-प्रवर्तकों और मेंटर्स (परामर्शदाताओं) ने एक चर्चा के दौरान उपरोक्त विचार प्रकट किए।

चेन्नई स्थित ब्रिटिश उपउच्चायुक्त माइक निथावृयानकिस ने आज इस आयोजन में कहा:

अकादमिक-उद्योग संबंध मजबूत करने की दृष्टि से ब्रिटेन एक आदर्श साझेदार है। नव-प्रवर्तन ब्रिटिश संस्कृति एवं उद्योग का केंद्र-बिंदु रहा है। टेलीफोन से लेकर वल्र्ड वाइड वेब तक हमारे विचारों एवं आविष्कारों ने आधुनिक विश्व को आकार देने में मदद की है और अब हम 21वीं शताब्दी में विश्व को नया आकार देने में मदद कर रहे हैं। चाहे आईवीएफ का विकास हो या फिर विश्व के पहले कम्प्यूटर या उच्च-प्रदर्शन देने वाली कारों की डिजाइन का निर्माण, ब्रिटेन का ट्रैक रिकॉर्ड किसी भी अन्य देश से कमतर नहीं रहा है। इसके मद्देनजर हम भारत के लिए एक आदर्श साझेदार हैं, जिसके पास विशाल मानव एवं बौद्धिक क्षमता है।

निथावृयानकिस ने यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) की मेजबानी में होने वाली एक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पूरे तमिलनाडु की कंपनियों को प्रेरित किया। यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट भारत की कंपनियों को ब्रिटेन की उत्कृष्ट प्रवर्तनकारी प्रौद्योगिकी के बारे में अवगत कराना चाहता है। इस सिलसिले में एक प्रतियोगिता रखी गई है, जो 31 मार्च तक खुली रहेगी। सर्वाधिक सार्थक प्रस्ताव पेश करने वाली भारतीय कंपनी को लंदन-यात्रा का अवसर मिलेगा, जहां उसके प्रतिनिधियों को ब्रिटिश कंपनियों की ओर से विशेषज्ञ सलाह, विश्वस्तरीय निवेशकों, इनक्यूबेटर्स और कंपनियों के साथ नेटवर्किंग का मौका मिलेगा, साथ ही उस टेक सिटी का भ्रमण करवाया जाएगा, जो यूरोप का सर्वाधिक गतिशील नव-प्रवर्तनकारी हब है।

इस आयोजन में अपने अनुभवों के बारे में बताने वाले ब्रिटिश चीवनिंग अध्येता निम्नलिखित हैं:

  1. सुश्री गिरिजा वैद्यनाथन, आईएएस, प्रमुख सचिव एवं सीएमडी, पॉवर फाइनेंस एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीओडब्ल्यूईआरएफआईएन), तमिलनाडु सरकार।

  2. डा. संतोष बाबू, आईएएस, कमीश्नर, इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी, तमिलनाडु सरकार।

  3. सुश्री स्वप्न सुंदर, सीईओ, आईपी डोम-आईपी स्ट्रेटेजी एडवाइजर, यूनिवर्सिटी ऑफ केंट एल्यूम्नस ने तमिलनाडु के युवा नव-प्रवर्तकों के साथ चर्चा का संचालन किया।

  4. डा. थिलाई राजन ए, एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, आईआईटी, मद्रास (लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से चीवनिंग गुरुकुल अध्येता) ने सीनियर मेंटर्स के साथ तमिलनाडु में नव-प्रवर्तन पर एक पैनल चर्चा का संचालन किया और इसके बाद आमंत्रित अतिथियों के साथ पारस्परिक संवाद हुआ।

तमिलनाडु के सार्वजनिक एवं निजी सेक्टर के व्यक्तियों द्वारा की गई चर्चा से निम्नलिखित कुछ प्रमुख बातें उभर कर सामने आईं:

  • तमिलनाडु का विशाल मैन्यूफैक्चरिंग आधार और समावेशी नव-प्रवर्तन ज्ञान के सेक्टर में हाई-टेक नव-प्रवर्तन की एक मजबूत आधारशिला है।
  • उद्योग और अकादमिक जगत के बीच अधिक सहयोग से तमिलनाडु में वैज्ञानिक नव-प्रवर्तन आगे बढ़ सकता है।

अधिक जानकारी के लिए:

  • मीडिया पूछताछ के लिए कृपया संपर्क करें : अनीता मावड्स्ले, ब्रिटिश उपउच्चायोग, मोबाइल: 91-96001-99956
  • ट्विटर पर यूकेइनइंडिया का अनुसरण करें।
प्रकाशित 19 March 2013