विश्व की समाचार कथा

प्रथम विश्व युद्ध का शताब्दी समारोह

ब्रिटेन अपने यहां और विदेशों में प्रथम विश्व युद्ध (डब्ल्यु डब्ल्यु 1) के शताब्दी महोत्सव मनाने की तैयारी में।

यह 2010 to 2015 Conservative and Liberal Democrat coalition government के तहत प्रकाशित किया गया था
World War 1 logo

ब्रिटेन में इसके तहत 4 वर्षों तक महोत्सव मनाए जाएंगे, इम्पीरियल वार म्यूजियम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा तथा छात्रों तथा शिक्षकों को वेस्टर्न फ्रंट की युद्ध भूमियों की यात्रा के लिए फंडिंग प्रदान किया जाएगा।

ब्रिटेन का मानना है कि प्रथम विश्व युद्ध से उबरना संभव नहीं होता यदि कई देशों द्वारा योगदान और बलिदान न दिया जाता। ऐसे में यह जरूरी है कि हम इस साझे प्रयास को न भूलें और उस भयानक युद्ध से मिले सबक को नई पीढ़ियों को हस्तांतरित करें। इस स्मृति समारोह में शामिल विषय होंगे- स्मृति, युवा तथा शिक्षा।

कॉमनवेल्थ राष्ट्रों में भारत का प्रथम विश्व युद्ध में एक अहम योगदान रहा। यूके यूएसआइ (युनाइटेड सर्विस इंस्टिट्यूशन ऑफ इंडिया) के साथ गहन सहयोग कर रहा है, जो भारत सरकार को नेतृत्व प्रदान कर रहा है।

  • WW1 का आरंभ 28 जुलाई 1914 को हुआ और इसकी समाप्ति 11 नवम्बर 1918 को हुई।
  • इस युद्ध में दुनिया के सभी शक्तिशाली देशों के 70 मिलियन लड़ाकों ने भाग लिया जहां 9 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई।
  • इस युद्ध में ब्रिटिश साम्राज्य का प्रवेश 4 अगस्त 1914 को हुआ।
  • लगभग 1.1 मिलियन भरतीय सेवाकर्मियों ने इस युद्ध में भाग लिया और लगभग 70 हजार भारतीयों की जान गई।
  • भारतीय आर्मी प्रमुख रही, पर भारतीय नेवी ने भी इसमें अहम योगदान निभाया था और भारतीयों ने आर्मी फ्लाइंग कोर में भाग लिया था। बंगाल से लेबर बटालियन की भी भर्ती की गई थी।
  • भारतीय आर्मी ने इस युद्ध के कई मोर्चों में भाग लिया था, जिनमें शामिल हैं- फ्रांस तथा फ्लैंडर्स, साथ ही गैलीपोली में ANZACs, मेसोपेटामिया, फिलिस्तीन तथा नॉर्थ अफ्रीका।

प्रथम विश्व युद्ध का शताब्दी समारोह

ब्रिटेन का स्मृति समारोह:

  • ग्लासगो कैथेड्रल में कॉमनवेल्थ नेताओं के लिए 4 अगस्त 2014 को प्रारंभ, जो 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ-साथ चला। उसी दिन मोंस बेल्जियम में सिम्फोरियन मिलिटरी सीमेट्री में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, तथा वेस्टमिंस्टर एबे में एक कैंडल लाइट जलूस का भी आयोजन किया गया था।

  • उसके बाद चार सालों तक हर वर्ष प्रथम विश्व युद्ध की अहम उपलब्धियों के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा:

    • अप्रैल 2015 – गैलीपोली
    • 2016 – जुट्लैंड की लड़ाई तथा सोमे की प्रथम लड़ाई
    • 2017 – पासेंडेल
    • 2018 –आर्मिस्टाइस दिवस

भारत का स्मृति समारोह:

  • यूके युनाइटेड सर्विस इंस्टिट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआइ) के साथ नजदीकी सहयोग कर रहा है, जो भारत सरकार के लिए नेतृत्व प्रदान कर रहा है। उनका सेंटर फॉर आर्म्ड फोर्सेज हिस्टोरिकल रिसर्च (सीएएफएचआर) इस स्मृति समारोह पर काम कर रहा है।

  • हमने एक बैटलफील्ड गाइड बुक को कोष प्रदान किया है, जो यूएसआइ द्वारा उन परिवारों को उपलब्ध कराया जाएगा, जो फ्रांस तथा फ्लैंडर्स युद्धभूमि की यात्रा करना चाहते हैं।

  • हमने यूएसआइ के सहयोग से एक कॉफी टेबल बुक के लिए कोष प्रदान किया है, जो भारत तथा उस बड़े युद्ध का एक सचित्र झलक प्रदान करता है।

  • हमने फ्रांस तथा फ्लैंडर्स के युद्ध में भाग लेने वाले इंडिया कोर्स की वार डायरीज को डिजिटलाइज किया, यह भारत सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।

  • प्रमुख रेजीमेंट वार डायरीज का प्रकाशन किया जाएगा और उन्हें रेजीमेंट के कर्नलों को प्रदान किया जाएगा।

  • भारतीय सैनिकों ने 6 VC पर जीत हासिल की थी तथा भारत सरकार को प्रदान करने के लिए स्मृति चिह्न तैयार किए जा रहे हैं।

First World War centenary commemoration: Resources for media (MS Word Document, 62.9 KB)

प्रकाशित 20 October 2014
पिछली बार अपडेट किया गया 29 October 2014 + show all updates
  1. Video message from the British High Commissioner to India has been added.

  2. First published.